पटना: राजधानी के बेऊर जेल (Beur Jail) से सटे 40 मकानों से जेल के अंदर कैदियों को फोन, गांजा, भांग, शराब और अन्य आपत्तिजनक समान फेंके जाने को गृह विभाग (Home Department) ने गंभीरता से लिया है. इन भवनों में रहने वाले लोगों से जेलकर्मियों को खतरे की संभावना जताई गई है.
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गृह विभाग ने पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) को इन भवनों पर कार्रवाई करने को कहा है. गृह विभाग की इस मांग पर पटना नगर निगम सतर्क हो गया है. अब जेल से सटे उन मकानों को चिह्नित करने में निगम कर्मी लगे हैं जिन्हें बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बनाया गया है. इसके लिए निगम प्रशासन की तरफ से कमेटी गठित कर दी गई है.
"अभी उन मकानों को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. गृह विभाग का पत्र हमें मिला है. उसमें बताया गया है कि जेल से सटे 40 मकानों के नक्शे की जांच नगर निगम करे. इस पत्र के आलोक में हम लोगों ने एक कमेटी गठित की है. डायरेक्टर ऑफ अर्बन प्लानिंग को निर्देश दिया गया है कि जेल के आसपास जितने भी भवन बने हैं उनके नक्शे की जांच करें. देखा जाए कि उनके पास मैप है या नहीं. मकानों को नियम के अनुसार बनाया गया है या नहीं. रिपोर्ट जैसे ही आएगी उसके बाद कार्रवाई की जाएगी."- हिमांशु शर्मा, आयुक्त पीएमसी
बता दें कि बेऊर जेल से सटे मकानों से जेल के अंदर आपत्तिजनक सामान फेंके जाने की शिकायत मिली थी. जेल प्रशासन की ओर से पिछले कई माह से उन सामानों को लेकर मॉनिटरिंग की जा रही थी. जेल प्रशासन की तरफ से 40 घरों को चिह्नित किया गया है. जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर गृह विभाग की ओर से नगर विकास विभाग और नगर निगम को इन भवनों को तोड़ने का निर्देश दिया गया है. नगर निगम की ओर से इन भवनों के कागजात की जांच शुरू की गई है.
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