पटना: बीते दिनों बिहार सरकार (Bihar Government) ने अनलॉक-4 (Bihar Unlock-4) के तहत स्कूलों के सीनियर सेकेंडरी (Senior Secondary) के क्लासेस और सभी कॉलेजों को 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खोलने के आदेश दे दिए हैं. मगर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों (Coaching Institutes) को सरकार ने खोलने की अनुमति नहीं दी है. ऐसे में कोचिंग संचालकों में नाराजगी है. वे सरकार से कोचिंग सेंटरों खोलने की अनुमति मांग रहे हैं.
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राजधानी पटना में कोचिंग एक बड़ा कारोबार है और प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर काफी संख्या में कक्षाएं चलती हैं. पूरे बिहार से लाखों की तादाद में छात्र नौकरियों की तैयारी करने के लिए पटना में आते हैं. एक अनुमानित आंकड़े के मुताबिक पटना में प्लस टू और उससे ऊपर के स्तर के 50 लाख से अधिक छात्र विभिन्न जिलों से तैयारी के लिए पटना आते हैं.
ऐसे में सरकार द्वारा कोचिंग को अनलॉक-4 में खोलने की अनुमति न दिए जाने से छात्रों और कोचिंग संचालकों में काफी नाराजगी है. जुलाई के आखिरी सप्ताह में 66 वीं बीपीएससी की मेंस की परीक्षा है. इसी समय जुडिशल सर्विसेज के भी एग्जाम होने हैं. इसके साथ ही 10 अक्टूबर को यूपीएससी का प्री एग्जाम होना है. ऐसे में छात्र और कोचिंग संचालक सरकार से कोचिंग संस्थान खोलने की अनुमति मांग कर रहे हैं.
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नवादा जिले से आकर बीपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र शंकर कुमार ने बताया कि सरकार ने प्लस टू स्तर के स्कूल और सभी कॉलेज खोल दिए हैं मगर इसी स्तर के कोचिंग क्लासेज होते हैं. इन्हें खोलने की सरकार ने अनुमति नहीं दी है. यह सरकार की दोहरी नीति है. उन्होंने बताया कि क्लास बंद होने से उनकी पढ़ाई लगभग ठप हो गई है. कोचिंग से तैयारी करने में काफी मदद मिलती है. क्लास रूम में पढ़ाई के दौरान शिक्षक से रूबरू होकर अच्छे से डाउट क्लियर होता है. ऑनलाइन क्लासेज में डाउट क्लियर नहीं हो पा रहे हैं.
ऑनलाइन क्लास में एक बार में 40 से 50 छात्र जुड़े रहते हैं और अगर 45 मिनट के क्लास में सभी छात्र अलग-अलग अपना डाउट क्लियर कराने लगे तो सभी का नहीं हो पायेगा और क्लास का समय भी खत्म हो जाएगा.
'कोरोना के कारण प्रदेश भर में कंपटीशन की तैयारी करने वाले सभी छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. 2 साल में पढ़ाई कई साल पीछे चला गया है. प्रदेश के विभिन्न जिलों से आकर पटना में तैयारी करने वाले छात्र अपने गांव लौट चुके हैं. ऐसे में गांव में नेटवर्क की समस्या ऑनलाइन क्लासेज में बड़ी बाधा बन रही है.' : शंकर कुमार, कोचिंग का छात्र
उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार से अभी सभी प्रतियोगी परीक्षाएं सामने हैं, इसको देखते हुए सरकार उनके भविष्य के हित में फैसला ले और जल्द से जल्द कोचिंग क्लास खोलने की अनुमति दे.
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पटना के अशोक राजपथ में सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी कराने वाले क्षितिज सिविल सर्विसेज कोचिंग सेंटर के निदेशक डॉक्टर सुंदरकांत चौधरी ने कहा कि सरकार की अभी की नीति पर उन्हें बहुत दुख हो रहा है. यह सरकार की दोहरी नीति है कि स्कूलों के इंटरमीडिएट के क्लासेज और सभी कॉलेज खोल दिए गए मगर इस स्तर के कोचिंग क्लासेज को सरकार ने बंद रखा है.
'जिस दिन इस पर फैसला आया, उस दिन सुबह में जानकारी थी कि सभी कोचिंग क्लासेज खुल जाएंगे मगर सिर्फ स्कूल और कॉलेज खोले गए. ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि जो सरकार के मंत्री और अधिकारी हैं, वह क्या समझकर एसओपी तैयार कर रहे हैं. सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्र काफी कौंसस छात्र होते हैं और हाइजीन के प्रति जागरूक भी होते हैं. कोचिंग क्लासेज खुलते तो सभी गंभीरता से सभी एसओपी का पालन करते हुए क्लासेज चलाते. अगर कोचिंग खुलता है तो सभी गाइडलाइंस गंभीरता से पालन किए जाएंगे.' : डॉ. सुंदरकांत चौधरी, निदेशक, क्षितिज सिविल सर्विसेज कोचिंग सेंटर
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उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अच्छी तरह से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं और इसके लिए इंटरनेट की स्पीड ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी बाधा बन रही है. छात्रों के डाउट क्लियर नहीं हो रहे हैं ऐसे में छात्र डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं.
सुंदरकांत चौधरी ने कहा कि उनके काफी सारे छात्र अभी भी संपर्क में है जो पटना से गांव लौट गए हैं और वहीं से तैयारी कर रहे हैं. सभी का कहना है कि कंपटीशन के लिए अब उनका उम्र भी खत्म हो रहा है और तैयारी बेहतर से नहीं हो पा रही है ऐसे में वह डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं. आने वाले समय में जल्द ही बीपीएससी (BPSC) 66 वीं का मेंस का एग्जाम (Examination) होना है. इसके साथ ही अक्टूबर में यूपीएससी (UPSC) की प्री परीक्षा (Pre Exam) है. ऐसे में सरकार छात्रों (Students) के हित को ध्यान देते हुए कोचिंग क्लासेज (Coaching Classes) को खोलने की अनुमति दे.