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बिहार महासमर 2020: PM मोदी और जेपी नड्डा के बाद योगी आदित्यनाथ की मांग सबसे ज्यादा

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Published : Oct 12, 2020, 7:37 PM IST

यूपी के सीएम योगी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी और जेपी नड्डा के साथ बीजेपी के स्टार प्रचारक होंगे. दरअसल, एनडीए के टिकट पर विधानसभा चुनाव में उतरे ज्यादातर उम्मीदवारों ने पीएम मोदी के साथ-साथ चुनाव प्रचार के लिए फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की सभा कराए जाने की मांग की. इसके बाद पार्टी नेतृत्व ने चुनाव प्रचार का कार्यक्रम तय कर दिया है.

bihar election
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पटना/लखनऊ: बिहार में भी यूपी के विकास का डंका बजने जा रहा है. प्रयागराज में शानदार अर्ध कुंभ से लेकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत और कोरोना काल के दौरान यूपी में रोजगार सृजन की गूंज बिहार विधानसभा चुनाव में भी सुनाई देगी. यह सब इसलिए होगा क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी और नड्डा के बाद यूपी के सीएम योगी सबसे बड़े स्टार प्रचारक होंगे. माना जा रहा है कि सीएम योगी अपनी सभाओं में मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाएंगे.

प्रत्याशियों की मांग पर तय किया गया कार्यक्रम
गोरक्ष पीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिहार चुनाव में सभाएं यूं ही नहीं होने जा रही हैं. दरअसल, एनडीए के टिकट पर विधानसभा चुनाव में उतरे ज्यादातर उम्मीदवारों ने पीएम मोदी के साथ-साथ चुनाव प्रचार के लिए फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की सभा कराए जाने की मांग की है.

पीएम मोदी और नड्डा के बाद योगी की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद सीएम योगी की सभाओं की सबसे अधिक मांग है. सीएम योगी बिहार में एनडीए के सबसे बड़े स्टार प्रचारक होंगे. बिहार में योगी की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने चुनाव प्रचार का कार्यक्रम तय कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी की बिहार की राजधानी पटना, गया, नालंदा, सिवान, हाजीपुर, भागलपुर, बक्सर, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, दरभंगा समेत उत्तरी बिहार, मिथिलांचल और मध्य बिहार में खासतौर से सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं कराने की योजना है.

डिजिटल माध्यमों से भी मतदाताओं को लुभाएंगे सीएम योगी
अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए एनडीए के ज्यादातर उम्मीदवारों ने सीएम योगी की भी मांग की है. भौतिक रूप से चुनावी सभाओं के साथ ही सीएम योगी बिहार दौरे के साथ डिजिटल माध्यमों से भी कई क्षेत्रों में प्रचार करेंगे. योगी इससे पहले पीएम मोदी के साथ कर्नाटक, असम, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में ताबड़तोड़ प्रचार कर पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने में अहम योगदान कर चुके हैं. सीएम योगी की बेदाग छवि और आक्रामक कार्यशैली का बिहार के लोगों में खास प्रभाव बताया जा रहा है.

बिहार के ज्यादातर क्षेत्रों में योगी का प्रभाव
उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से लेकर उत्तरी पूर्वी बिहार हो या मिथिलांचल का क्षेत्र, सभी जगह सीएम योगी के समर्थक और अनुयायियों की तादाद अच्छी संख्या में है. प्रयागराज में कुंभ का शांति और सुव्यवस्थित आयोजन हो या फिर अयोध्या में शांतिपूर्ण माहौल में भव्य राम मंदिर निर्माण की शुरुआत या फिर कोरोना काल में लाखों मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती, सीएम योगी की कार्यशैली बिहार समेत देश भर में चर्चा में रही है.

लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी का कदम उठाकर सीएम योगी ने बिहार समेत तमाम राज्यों को राह दिखाई थी. महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में फंसे बिहार के तमाम मजदूरों ने योगी सरकार का उदाहरण देते हुए अपनी सरकार से बिहार वापसी की मांग की थी.

सीएम योगी का युवाओं में क्रेज
सीएम योगी का यूपी के साथ बिहार के युवाओं में भी जबरदस्त क्रेज है. विकास के लिए तेजी से फैसले लेने की शैली और भ्रष्टाचार के खिलाफ बेहिचक सख्त कार्रवाई करने वाले नेता के रूप में पहचाने जाने वाले योगी युवाओं के बीच भी लोकप्रिय माने जाते हैं. लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे यूपी के करीब 12 हजार छात्रों को एक झटके में वापस लाकर बिहार के छात्रों की वापसी की राह दिखाई थी. प्रयागराज में फंसे छात्रों को भी उनके घरों तक पहुंचाने का कदम योगी सरकार ने उठाया था, जिससे युवाओं के बीच उनकी अच्छी छवि उभरकर आई है.

वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकाडाउन के दौरान जनता के हित में अच्छे कार्य ही नहीं किए, बल्कि उन्होंने उसे पूरे देश में पहुंचाने का भी कार्य किया है. दिल्ली बॉर्डर पर भारी संख्या में फंसे श्रमिकों को सीएम योगी ने उनके घर पहुंचाया. इसके साथ ही सीएम योगी ने यूपी में मौजूद दूसरे राज्य के श्रमिकों की चिंता भी की, जिसमें सबसे ज्यादा बिहार के ही श्रमिक थे. इसके बाद जब सीएम योगी बिहार के चुनाव प्रचार में उतरेंगे तो निश्चित तौर पर वह अपनी उपलब्धियों को गिनाएंगे.

पटना/लखनऊ: बिहार में भी यूपी के विकास का डंका बजने जा रहा है. प्रयागराज में शानदार अर्ध कुंभ से लेकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत और कोरोना काल के दौरान यूपी में रोजगार सृजन की गूंज बिहार विधानसभा चुनाव में भी सुनाई देगी. यह सब इसलिए होगा क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी और नड्डा के बाद यूपी के सीएम योगी सबसे बड़े स्टार प्रचारक होंगे. माना जा रहा है कि सीएम योगी अपनी सभाओं में मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाएंगे.

प्रत्याशियों की मांग पर तय किया गया कार्यक्रम
गोरक्ष पीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बिहार चुनाव में सभाएं यूं ही नहीं होने जा रही हैं. दरअसल, एनडीए के टिकट पर विधानसभा चुनाव में उतरे ज्यादातर उम्मीदवारों ने पीएम मोदी के साथ-साथ चुनाव प्रचार के लिए फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ की सभा कराए जाने की मांग की है.

पीएम मोदी और नड्डा के बाद योगी की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद सीएम योगी की सभाओं की सबसे अधिक मांग है. सीएम योगी बिहार में एनडीए के सबसे बड़े स्टार प्रचारक होंगे. बिहार में योगी की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने चुनाव प्रचार का कार्यक्रम तय कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी की बिहार की राजधानी पटना, गया, नालंदा, सिवान, हाजीपुर, भागलपुर, बक्सर, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, दरभंगा समेत उत्तरी बिहार, मिथिलांचल और मध्य बिहार में खासतौर से सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं कराने की योजना है.

डिजिटल माध्यमों से भी मतदाताओं को लुभाएंगे सीएम योगी
अपने-अपने क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए एनडीए के ज्यादातर उम्मीदवारों ने सीएम योगी की भी मांग की है. भौतिक रूप से चुनावी सभाओं के साथ ही सीएम योगी बिहार दौरे के साथ डिजिटल माध्यमों से भी कई क्षेत्रों में प्रचार करेंगे. योगी इससे पहले पीएम मोदी के साथ कर्नाटक, असम, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में ताबड़तोड़ प्रचार कर पार्टी को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाने में अहम योगदान कर चुके हैं. सीएम योगी की बेदाग छवि और आक्रामक कार्यशैली का बिहार के लोगों में खास प्रभाव बताया जा रहा है.

बिहार के ज्यादातर क्षेत्रों में योगी का प्रभाव
उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से लेकर उत्तरी पूर्वी बिहार हो या मिथिलांचल का क्षेत्र, सभी जगह सीएम योगी के समर्थक और अनुयायियों की तादाद अच्छी संख्या में है. प्रयागराज में कुंभ का शांति और सुव्यवस्थित आयोजन हो या फिर अयोध्या में शांतिपूर्ण माहौल में भव्य राम मंदिर निर्माण की शुरुआत या फिर कोरोना काल में लाखों मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की चुनौती, सीएम योगी की कार्यशैली बिहार समेत देश भर में चर्चा में रही है.

लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी का कदम उठाकर सीएम योगी ने बिहार समेत तमाम राज्यों को राह दिखाई थी. महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में फंसे बिहार के तमाम मजदूरों ने योगी सरकार का उदाहरण देते हुए अपनी सरकार से बिहार वापसी की मांग की थी.

सीएम योगी का युवाओं में क्रेज
सीएम योगी का यूपी के साथ बिहार के युवाओं में भी जबरदस्त क्रेज है. विकास के लिए तेजी से फैसले लेने की शैली और भ्रष्टाचार के खिलाफ बेहिचक सख्त कार्रवाई करने वाले नेता के रूप में पहचाने जाने वाले योगी युवाओं के बीच भी लोकप्रिय माने जाते हैं. लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे यूपी के करीब 12 हजार छात्रों को एक झटके में वापस लाकर बिहार के छात्रों की वापसी की राह दिखाई थी. प्रयागराज में फंसे छात्रों को भी उनके घरों तक पहुंचाने का कदम योगी सरकार ने उठाया था, जिससे युवाओं के बीच उनकी अच्छी छवि उभरकर आई है.

वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी का मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकाडाउन के दौरान जनता के हित में अच्छे कार्य ही नहीं किए, बल्कि उन्होंने उसे पूरे देश में पहुंचाने का भी कार्य किया है. दिल्ली बॉर्डर पर भारी संख्या में फंसे श्रमिकों को सीएम योगी ने उनके घर पहुंचाया. इसके साथ ही सीएम योगी ने यूपी में मौजूद दूसरे राज्य के श्रमिकों की चिंता भी की, जिसमें सबसे ज्यादा बिहार के ही श्रमिक थे. इसके बाद जब सीएम योगी बिहार के चुनाव प्रचार में उतरेंगे तो निश्चित तौर पर वह अपनी उपलब्धियों को गिनाएंगे.

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