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सीएम ने AES को लेकर की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, पीकू वार्ड को तैयार रखने का निर्देश

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Published : Apr 5, 2022, 10:21 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक (CM Take High level Review Regarding AES ) की. बैठक के दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को जागरुकता अभियान चलाने और स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. इसके साथ ही सीएम में पीकू वार्ड को पूरी तरह से तैयार रखने को कहा ताकि एईएस ग्रसित बच्चों को तत्काल इलाज मुहैया हो सके.

CM Take High level Review Regarding AES
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar ) ने मंगलवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में एईएस यानी चमकी बुखार को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ( Chief Minister Nitish Kumar held meeting regarding Chamki fever) की. समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने एईएस के संबंध में अद्यतन स्थिति की विस्तृत जानकारी दी. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एईएस के प्रति पूरी तरह सतर्कता बरतें. लोगों को एईएस के लक्षणों एवं इलाज के प्रति जागरूक करते रहें. इसके लिये व्यापक रूप से जागरूकता अभियान चलायें.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार, लोगों से अपील- बच्चों का रखें विशेष ख्याल

पीकू वार्ड को पूरी तरह से तैयार रखने का निर्देश: मुख्यमंत्री ने एईएस से प्रभावित बच्चों को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने की सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि पीकू वार्ड को पूरी तरह से तैयार रखें ताकि एईएस प्रभावित बच्चों को समय से इलाज मिल सके. इसके साथ ही अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे.

चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

ये भी पढ़ें- जापानी इंसेफेलाइटिस के टीके से वंचितों के लिए चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान: मंगल पांडे

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar ) ने मंगलवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में एईएस यानी चमकी बुखार को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ( Chief Minister Nitish Kumar held meeting regarding Chamki fever) की. समीक्षा बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने एईएस के संबंध में अद्यतन स्थिति की विस्तृत जानकारी दी. समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एईएस के प्रति पूरी तरह सतर्कता बरतें. लोगों को एईएस के लक्षणों एवं इलाज के प्रति जागरूक करते रहें. इसके लिये व्यापक रूप से जागरूकता अभियान चलायें.

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पीकू वार्ड को पूरी तरह से तैयार रखने का निर्देश: मुख्यमंत्री ने एईएस से प्रभावित बच्चों को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने की सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि पीकू वार्ड को पूरी तरह से तैयार रखें ताकि एईएस प्रभावित बच्चों को समय से इलाज मिल सके. इसके साथ ही अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे.

चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

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