जलपाईगुड़ी: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के एक परिवार ने एक अनोखा काम करते हुए शनिवार को अपने पालतू बिल्ली डिकू का अंतिम संस्कार किया. 3 फरवरी को बिल्ली की अचानक मौत हो गई थी. उसके 13 वें दिन अंतिम संस्कार की रस्में घर पर ही की गईं. हिंदू धर्म के अनुसार कर्मकांड किये गये. इस दौरान माहौल गमगीन था.
चार पुजारियों ने कराया अंतिम संस्कारः यह घटना जलपाईगुड़ी के नयाबस्ती पाड़ा की है. बिल्ली दीकू को परिवार का सदस्य माना जाता था. इसलिए उसकी मौत के बाद, मालिक सुपर्णा सिन्हा ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संस्कार करने का निर्णय लिया. इस अवसर के लिए एक कार्ड भी छपवाया गया. वैदिक मंत्रोच्चार और गीता पाठ के साथ समारोह आयोजित किया गया. अंतिम संस्कार चार पुजारियों द्वारा कराया गया.
![cat funeral in jalpaiguri](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-02-2025/wb-jal-03-shradh-7203427_15022025184027_1502f_1739625027_365.jpg)
बिल्ली की पसंद का खाना खिलायाः अंतिम संस्कार के भोज में दीकू की सभी पसंदीदा चीजें शामिल थीं. मेनू में चावल से लेकर 'माछेर माथा दिए बांधा कोपीर घोंटो' (मछली के सिर के साथ गोभी की सब्जी), 'बाटा' मछली की करी, रोहू मछली, टमाटर और 'कुलेर' (भारतीय बेर) की 'चटनी', दो प्रकार की मिठाइयां और लोकप्रिय मिस्टी दही शामिल थीं. भोजन में दीकू के दोस्तों को भी आमंत्रित किया गया था.
पशु प्रेमी हैंः सुपर्णा एक पशु प्रेमी हैं. जलपाईगुड़ी में सर्व शिक्षा मिशन की कार्यकर्ता हैं. वह लंबे समय से अपने घर पर बिल्लियां पाल रही हैं. डिकू के अलावा कई अन्य बिल्लियां हैं. इनके नाम 'बुलेट', 'रॉकेट' और 'जुलजुल जमाई' हैं. सुपर्णा के पालतू जानवरों में दीकू सबसे छोटा था. उसका शव पड़ोसी के घर में मिला. दीकू की मौत की खबर सुनकर सुपर्णा सदमे में आ गई.
![cat funeral in jalpaiguri](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16-02-2025/wb-jal-03-shradh-7203427_15022025184027_1502f_1739625027_470.jpg)
"जिस तरह परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी आत्मा की शांति के लिए अंतिम संस्कार किया जाता है, उसी तरह डिकू की मृत्यु के बाद हमने उसका अंतिम संस्कार घर पर ही किया. वह मेरे परिवार का सदस्य था. मेरे घर पर कई अन्य बिल्लियां भी हैं. वे मेरे बच्चों की तरह हैं"- सुपर्णा, पशु प्रेमी
असामान्य घटना हैः दीकू का अंतिम संस्कार कराने वाले पुजारी लिटन चक्रवर्ती ने कहा, कि पालतू जानवर का अंतिम संस्कार करना काफी असामान्य बात है. पालतू जानवर का अंतिम संस्कार उसी तरह किया गया जैसे परिवार के किसी सदस्य का किया जाता है. यह देखकर अच्छा लगता है कि परिवार को अपने पालतू जानवर से इतना प्यार है.
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