पटना: बिहार में कोरोना महामारी (Corona epidemic) के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कई दिनों से सीएम आवास से बाहर नहीं निकले हैं. ऐसे में सारा कामकाज वर्चुअल माध्यम से कर रहे हैं. समीक्षा बैठक, उद्घाटन से लेकर टूर तक सभी काम वर्चुअल हो रहे हैं. मुख्यमंत्री के साथ मंत्रियों के कामकाज पर भी असर पड़ा है. मंत्री भी विभागीय बैठक वर्चुअल माध्यम से ही कर रहे हैं.
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सरकार का कामकाज हो रहा वर्चुअली
कोरोना संक्रमण के कारण बिहार में 5 मई से लॉकडाउन है और लॉकडाउन के कारण सारे कार्यक्रम बंद है. सरकारी स्तर पर भी कोई समारोह नहीं हो रहा है. ऐसे तो मुख्यमंत्री ने बैठक बंद नहीं की है, सीएम विभागों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. कोरोना को लेकर बड़े फैसले भी ले रहे हैं, लेकिन यह सब वर्चुअल माध्यम से हो रहा है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा
नीतीश सरकार के कामकाज का एक तरह से तरीका बदल गया है. मुख्यमंत्री अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास में केवल 2 अधिकारी दोनों प्रधान सचिव मौजूद रहते हैं. सभी मंत्री और अधिकारी अपने आवास या फिर कार्यालय से वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री के साथ जुड़ते हैं.
बेल्ट्रॉन निभा रहा अहम भूमिका
मुख्यमंत्री की वर्चुअल बैठक में बेल्ट्रॉन अहम भूमिका निभा रहा है. पिछले साल भी बेल्ट्रॉन ने अधिक से अधिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कराने में सुविधाएं उपलब्ध कराई थी और इस बार मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक उद्घाटन कार्यक्रम और दूर तक के कार्यक्रम बेल्ट्रॉन बेहतर ढंग से करवा रहा है.
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कामकाज का बदला तरीका
- लॉकडाउन में वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री विभागों की कर रहे हैं समीक्षा.
- विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभाग की योजनाओं का दे रहे हैं प्रेजेंटेशन.
- मुख्यमंत्री वर्चुअल टूर ही कर रहे हैं, जिसमें कोविड-19 केयर सेंटर में डॉक्टर और मरीजों से इलाज को लेकर ले रहे हैं फीडबैक.
- पिछले दिनों एनएमसीएच सहित कई अस्पतालों का मुख्यमंत्री ने लिया फीडबैक.
- वर्चुअल टूर के माध्यम से ही मुख्यमंत्री प्रदेश में चल रहे सामुदायिक किचन की स्थिति का भी ले रहे हैं जायजा.
- मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से ही योजनाओं का कर रहे हैं उद्घाटन.
- अधिकांश मंत्री अपने घरों से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों के साथ अपने विभाग की कर रहे हैं समीक्षा.
- मुख्यमंत्री लगातार बिहार के लोगों के नाम जारी कर रहे हैं ऑडियो संदेश.
- मुख्यमंत्री सोशल मीडिया के माध्यम से दे रहे लॉकडाउन बढ़ाने जैसे बड़े फैसलों की जानकारी.
- बिहार में आने वाली बाढ़ से निपटने की तैयारी और चक्रवाती तूफान यास की भी वर्चुअल माध्यम से की समीक्षा.
कोरोना ने बदली कार्यशैली
नीतीश सरकार के कामकाज का तरीका कोरोना लॉकडाउन के दौरान पूरी तरह बदल गया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सोशल मीडिया फिलहाल सरकार के लिए बड़ा मददगार बन रहा है. मुख्यमंत्री के सीएम आवास से बाहर नहीं निकलने पर पिछले साल भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खूब निशाना साधा था और इस साल भी मुख्यमंत्री विपक्ष के निशाने पर हैं.
लालू परिवार के निशाने पर सरकार
लालू परिवार सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार वर्चुअल टूर पर तंज भी कसता रहा है. यही नहीं नीतीश सरकार ने मंत्रियों को भी वर्चुअल माध्यम से बैठक करने और समीक्षा करने का निर्देश दिया है. इसको लेकर भी विपक्ष सरकार पर निशाना साधा है. आरजेडी के नेता यहां तक कह रहे हैं कि पूरी सरकार क्वॉरेंटाइन में है.
सरकार के लिए बढ़ी चुनौती
ऐसे तो पिछले साल 2020 में भी 79 दिनों तक मुख्यमंत्री सीएम आवास के बाहर नहीं निकले थे. सारा कामकाज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही हुआ था. पिछले साल भी 68 दिनों तक लगातार लॉकडाउन लगा था और उसके बाद कई प्रतिबंधों के साथ छूट मिली थी. इस साल कोरोना का असर ज्यादा रहा और मौत अधिक होने के कारण सरकार की चुनौती भी इस बार अधिक बढ़ी है.
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ब्लैक फंगस ने भी बढ़ाई मुश्किल
ब्लैक फंगस से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है. सरकार की ओर से इसे महामारी भी घोषित किया गया है. एक समय बिहार में 15 हजार से अधिक प्रतिदिन संक्रमित मिलने लगे थे और सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था का पोल खुल गई थी. ना बेड मिल रहे थे और ना ही ऑक्सीजन. हालांकि लॉकडाउन लगने के बाद स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन यह भी तय है कि अभी सरकार के कामकाज में वर्चुअल माध्यम का ज्यादा इस्तेमाल होगा. सामान्य स्थिति होने में लंबा समय लग सकता है.