पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रक्षेत्र में चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं का सतत् अनुश्रवण करते रहें, ताकि बचे हुये कार्य तेजी से पूर्ण हो सके. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वाल्मीकिनगर को ईको टूरिज्म सेंटर बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर में एक तरफ नदी है तो दूसरी तरफ पहाड़ और जंगल है. वहां का दृष्य बहुत ही सुंदर है.
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समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री की बड़ी बातें....
1. गंगा जल उद्वह योजना के अन्तर्गत गंगा नदी के पानी को संग्रहित कर शुद्ध पेयजल के रुप में राजगीर, बोधगया, गया और नवादा में पहुंचाने से संबंधित क्रियान्वित की जा रही योजना को तेजी से पूर्ण करें.
2. कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने के बाद निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्थल पर जाकर जायजा लेंगे. साथ ही जो कार्य पूर्ण हो गये हैं, उसका भी जमीनी जायजा लेंगे.
3. बाढ़ प्रक्षेत्र में चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं का सतत् अनुश्रवण करते रहें. ताकि बचे हुये कार्य तेजी से पूर्ण हो सके.
4. वाल्मीकिनगर को ईको टूरिज्म का सेंटर बनाना चाहते हैं.
5. तटबंधों की ऊंचीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण कार्य को प्राथमिकता में रखते हुये पूर्ण करें.
6. गंदे पानी को नदी में नहीं गिराया जाय. एसटीपी(सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) वाटर का उपयोग सिंचाई हेतु किया जाय.
7.बाढ़ की स्थिति में तटबंधों के निगरानी हेतु विशेष सतर्कता बरती जाए.
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जल संसाधन विभाग के सचिव ने दी विस्तृत जानकारी
समीक्षा बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल संसाधन विभाग की महत्वाकांक्षी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने सात निष्चय पार्ट-2 के अन्तर्गत हर खेत तक सिंचाई की पानी योजना, गंगा जल उद्वह योजना, सिंचाई प्रक्षेत्र की निर्माणाधीन योजनायें, बाढ़ प्रक्षेत्र में चलायी जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं तथा शुरू की गयी नई चयनित योजनाओं की कार्य प्रगति की जानकारी दी. बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण सहित सभी अधिकारी मौजूद रहे.