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शराब तस्करी पर बोले सीएम नीतीश- 'बाएं-दाएं करते हुए कभी नकली भी लेकर चला जाता है'

नकली शराब तस्करी को सीएम नीतीश ने बड़ी चुनौती बताया. उन्होनें राजगीर की पुलिस अकादमी में जो बयान दिया वो पुलिसवालों को नसीहत देने वाला है. शराबबंदी के बावजूद आखिर कैसे शराब की तस्करी हो रही है? इस बात पर कुछ हद तक सीएम भी सहमत हैं कि....

शराब तस्करी पर बोले सीएम
शराब तस्करी पर बोले सीएम
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Published : Aug 26, 2021, 10:53 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून 2016 (Bihar Prohibition and Excise Act, 2016) को लागू हुआ था बावजूद इसके पूरे प्रदेश में शराब की तस्करी चालू है. शराब तस्करी पर शत प्रतिशत अंकुश अभी तक नहीं लग पाया है. सीएम नीतीश (Chief Minister Nitish Kumar)भी मानते हैं कि 'दाएं-बाएं' करने वालों पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा सकती. उन्होंने बिहार पुलिस अकादमी में दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि पूरी तरीके से अपराध और 'दाएं-बाएं' (शराब की तस्करी) करने वालों पर लगाम नहीं लगाया जा सकता.

ये भी पढ़ें- '...तो नीतीश कुमार ने भी मान ही लिया कि बाएं-दाएं करके बिहार में जहरीली शराब की होती है तस्करी'

राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी में पुलिस अवर निरीक्षक के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं की मांग पर हमने 2015 में शराबबंदी का ऐलान किया था. जब सरकार में वापस आए तो एक अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया गया था. महिलाओं की इच्छा और उनकी मांग पर हमने ये बड़ा फैसला किया था.

देखें रिपोर्ट.

'कितना भी कुछ करिए, बाएं-दाएं गड़बड़ करने वाला तो होता ही है. रोज कुछ लोग पकड़ा रहे हैं. कभी-कभी जो इधर-उधर कर बाएं-दाएं करते हुए नकली भी लेकर चला भी जाता है'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

बिहार में हर रोज शराब जब्त हो रही है. सड़कों पर, घरों में, होटलों में, खेतों में, तालाब में, दिए गए बयान हालात ये है कि हर रोज करोड़ों की शराब पकड़ी जा रही है और करोड़ों की अवैध शराब की तस्करी भी हो रही है. जहरीली शराब पीने से बिहार में मौत की खबरें आ रही हैं. ऐसे में बिहार को ड्राई स्टेट किस तरह से कहा जाए. ये सोचने वाली बात होगी. सख्ती के बावजूद भी जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर राज्य सरकार (State Government) के निर्णय में कहां कमी रह गई.

ताजा मामला बिहार के वैशाली जिले में 5 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. कई लोगों की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. आरोप लगाया जा रहा है कि जहरीली शराब (Poisonous Liquor Death Case) पीने से 5 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले बिहार के बेतिया में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी अवैध शराब का व्यवसाय बिहार में फल फूल रहा है.

बिहार में आए दिन किसी न किसी जिले में अवैध शराब पीने से लोगों को असमय मौत या आंखों की रोशनी गंवानी पड़ रही है. उसके बावजूद भी पूर्ण रूप से बिहार में शराबबंदी लागू नहीं हो पा रहा है. बिहार में शराब की होम डिलीवरी की बात सार्वजनिक तौर पर होती है, तस्कर भी पकड़े जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिर्फ दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई से ही पूर्ण शराब बंदी कानून लागू किया जा सकता है या राज्य सरकार को कुछ और सोचना होगा.

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून 2016 (Bihar Prohibition and Excise Act, 2016) को लागू हुआ था बावजूद इसके पूरे प्रदेश में शराब की तस्करी चालू है. शराब तस्करी पर शत प्रतिशत अंकुश अभी तक नहीं लग पाया है. सीएम नीतीश (Chief Minister Nitish Kumar)भी मानते हैं कि 'दाएं-बाएं' करने वालों पर पूरी तरह से नकेल नहीं कसी जा सकती. उन्होंने बिहार पुलिस अकादमी में दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि पूरी तरीके से अपराध और 'दाएं-बाएं' (शराब की तस्करी) करने वालों पर लगाम नहीं लगाया जा सकता.

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राजगीर के बिहार पुलिस अकादमी में पुलिस अवर निरीक्षक के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं की मांग पर हमने 2015 में शराबबंदी का ऐलान किया था. जब सरकार में वापस आए तो एक अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया गया था. महिलाओं की इच्छा और उनकी मांग पर हमने ये बड़ा फैसला किया था.

देखें रिपोर्ट.

'कितना भी कुछ करिए, बाएं-दाएं गड़बड़ करने वाला तो होता ही है. रोज कुछ लोग पकड़ा रहे हैं. कभी-कभी जो इधर-उधर कर बाएं-दाएं करते हुए नकली भी लेकर चला भी जाता है'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

बिहार में हर रोज शराब जब्त हो रही है. सड़कों पर, घरों में, होटलों में, खेतों में, तालाब में, दिए गए बयान हालात ये है कि हर रोज करोड़ों की शराब पकड़ी जा रही है और करोड़ों की अवैध शराब की तस्करी भी हो रही है. जहरीली शराब पीने से बिहार में मौत की खबरें आ रही हैं. ऐसे में बिहार को ड्राई स्टेट किस तरह से कहा जाए. ये सोचने वाली बात होगी. सख्ती के बावजूद भी जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर राज्य सरकार (State Government) के निर्णय में कहां कमी रह गई.

ताजा मामला बिहार के वैशाली जिले में 5 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. कई लोगों की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. आरोप लगाया जा रहा है कि जहरीली शराब (Poisonous Liquor Death Case) पीने से 5 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले बिहार के बेतिया में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद भी अवैध शराब का व्यवसाय बिहार में फल फूल रहा है.

बिहार में आए दिन किसी न किसी जिले में अवैध शराब पीने से लोगों को असमय मौत या आंखों की रोशनी गंवानी पड़ रही है. उसके बावजूद भी पूर्ण रूप से बिहार में शराबबंदी लागू नहीं हो पा रहा है. बिहार में शराब की होम डिलीवरी की बात सार्वजनिक तौर पर होती है, तस्कर भी पकड़े जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सिर्फ दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई से ही पूर्ण शराब बंदी कानून लागू किया जा सकता है या राज्य सरकार को कुछ और सोचना होगा.

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