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बोले CM नीतीश- 'जागरूकता, जांच और टीकाकरण कोरोना से लड़ने का सबसे अचूक जरिया'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मंगलवार को पटना सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की 2705.35 करोड़ की लागत से 989 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Aug 10, 2021, 7:47 PM IST

पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की 2705.35 करोड़ की लागत से 989 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जागरूकता, जांच और टीकाकरण कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से लड़ने का सबसे अचूक जरिया है. नियमित जांच द्वारा संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है और मास्क का इस्तेमाल सभी को नियमित तौर पर करना जरुरी है.

ये भी पढ़ें- नीतीश कैबिनेट की बैठक खत्म, टीकाकरण के लिए 1000 करोड़ रुपये मंजूर

''कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार 10 हजार करोड़ से ऊपर की राशि खर्च कर चुकी है और आगे भी संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी जरुरी कदम उठाए जाएंगे.टेलीमेडिसिन एवं ई-संजीवनी ओपीडी जैसी सेवाओं की शुरुआत से जनमानस को सुगम तरीके से चिकित्सकीय सलाह और सुविधा उपलब्ध हो पाएगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी संचालित और तैयार की जा रही सुविधाओं से राज्य के किसी भी नागरिक को उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. अस्पतालों में कचरा निष्पादन को लेकर किया गया निर्णय अस्पतालों की तस्वीर बेहतर करने में मदद करेगा और इससे संस्थानों को अतिरिक्त राजस्व की भी प्राप्ति होगी.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में 122 स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं. सरकार ने 5000 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी की है. राज्य के विभिन्न अस्पतालों की 6500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराये जा चुके हैं. राज्य के अस्पतालों को 169 पोर्टेबल एक्स-रे मशीन भी उपलब्ध करायी गयी है. 16 स्वास्थ्य संस्थानों में अब सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है.

ये भी पढ़ें- World Biofuel Day: पटना में विश्व जैव ईंधन दिवस के वार्षिकोत्सव का उपमुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन

''राज्य में अभी 1269 एम्बुलेंस कार्यरत है और 534 लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस जनमानस के लिए उपलब्ध होंगे. स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य रखा है कि शहरी क्षेत्रों में 30 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के अंदर मरीज को एम्बुलेंस द्वारा उपचार उपलब्ध हो सकें. जल्द ही राज्य में करीब 3300 चिकित्सकों की बहाली होगी और ये प्रक्रिया अंतिम चरण में है.''- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और जीविका के तत्वावधान में राज्य के 40 स्वास्थ्य संस्थानों में 'दीदी की रसोई' काम कर रही है. स्वच्छ, पौष्टिक और कम कीमत में मरीजों और उनके परिजनों को गुणवत्तापूर्ण आहार अब अस्पतालों में उपलब्ध कराया जा रहा है. '6 माह में 6 करोड़ टीकाकरण' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग संकल्पित है और 9 अगस्त तक करीब 3 करोड़ लोगों को टीकाकृत किया जा चुका है.

''बिहार देश का पहला राज्य है जिसने 3 लाख मरीजों को टेलीमेडिसिन सुविधा द्वारा चिकित्सीय सलाह और उपचार उपलब्ध कराया है. कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्य विभाग का सभी चिकित्सक एवं कर्मियों ने सेवा की अद्भुत मिसाल पेश की है और पूरा राज्य उनकी सेवाभाव को नमन करता है.''- प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग

''आज इन परियोजनाओं को धरातल पर लाने में स्वास्थ्य विभाग की अथक मेहनत साफ़ दिखाई पड़ती है. इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधर आएगा और जनमानस को नयी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.''- रेणु देवी, उपमुख्यमंत्री

''स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों के सहयोग से इन परियोजनाओं को हकीकत में बदला जा सका है और यह सबकी मेहनत को दर्शाता है.''- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

ये भी पढ़ें- दूसरे जगह का हाल छोड़िए नीतीश जी, आपके पटना में ही दम तोड़ रही 'हर घर नल जल' योजना

बिहार सरकार और बीएमजीएफ (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन) के बीच एमओयू साइन हो चुके हैं. कार्यक्रम में राज्य सरकार और बीएमजीएफ के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. राज्य सरकार की तरफ से राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और बीएमजीएफ की तरफ से देश के संस्था के कंट्री हेड हरि मेनन ने हस्ताक्षर किए.


कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से कई मंत्रीगण, जिला के स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मी और कई जिलों के जिलाधिकारी भी जुड़े थे. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने दिया और सभी का कार्यक्रम से जुड़ने के लिए आभार प्रकट किया.

पटना: सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की 2705.35 करोड़ की लागत से 989 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जागरूकता, जांच और टीकाकरण कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से लड़ने का सबसे अचूक जरिया है. नियमित जांच द्वारा संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है और मास्क का इस्तेमाल सभी को नियमित तौर पर करना जरुरी है.

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''कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार 10 हजार करोड़ से ऊपर की राशि खर्च कर चुकी है और आगे भी संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी जरुरी कदम उठाए जाएंगे.टेलीमेडिसिन एवं ई-संजीवनी ओपीडी जैसी सेवाओं की शुरुआत से जनमानस को सुगम तरीके से चिकित्सकीय सलाह और सुविधा उपलब्ध हो पाएगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी संचालित और तैयार की जा रही सुविधाओं से राज्य के किसी भी नागरिक को उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. अस्पतालों में कचरा निष्पादन को लेकर किया गया निर्णय अस्पतालों की तस्वीर बेहतर करने में मदद करेगा और इससे संस्थानों को अतिरिक्त राजस्व की भी प्राप्ति होगी.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में 122 स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं. सरकार ने 5000 डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी की है. राज्य के विभिन्न अस्पतालों की 6500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराये जा चुके हैं. राज्य के अस्पतालों को 169 पोर्टेबल एक्स-रे मशीन भी उपलब्ध करायी गयी है. 16 स्वास्थ्य संस्थानों में अब सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है.

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''राज्य में अभी 1269 एम्बुलेंस कार्यरत है और 534 लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस जनमानस के लिए उपलब्ध होंगे. स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य रखा है कि शहरी क्षेत्रों में 30 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के अंदर मरीज को एम्बुलेंस द्वारा उपचार उपलब्ध हो सकें. जल्द ही राज्य में करीब 3300 चिकित्सकों की बहाली होगी और ये प्रक्रिया अंतिम चरण में है.''- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग और जीविका के तत्वावधान में राज्य के 40 स्वास्थ्य संस्थानों में 'दीदी की रसोई' काम कर रही है. स्वच्छ, पौष्टिक और कम कीमत में मरीजों और उनके परिजनों को गुणवत्तापूर्ण आहार अब अस्पतालों में उपलब्ध कराया जा रहा है. '6 माह में 6 करोड़ टीकाकरण' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग संकल्पित है और 9 अगस्त तक करीब 3 करोड़ लोगों को टीकाकृत किया जा चुका है.

''बिहार देश का पहला राज्य है जिसने 3 लाख मरीजों को टेलीमेडिसिन सुविधा द्वारा चिकित्सीय सलाह और उपचार उपलब्ध कराया है. कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्य विभाग का सभी चिकित्सक एवं कर्मियों ने सेवा की अद्भुत मिसाल पेश की है और पूरा राज्य उनकी सेवाभाव को नमन करता है.''- प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग

''आज इन परियोजनाओं को धरातल पर लाने में स्वास्थ्य विभाग की अथक मेहनत साफ़ दिखाई पड़ती है. इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधर आएगा और जनमानस को नयी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.''- रेणु देवी, उपमुख्यमंत्री

''स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों के सहयोग से इन परियोजनाओं को हकीकत में बदला जा सका है और यह सबकी मेहनत को दर्शाता है.''- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

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बिहार सरकार और बीएमजीएफ (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन) के बीच एमओयू साइन हो चुके हैं. कार्यक्रम में राज्य सरकार और बीएमजीएफ के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. राज्य सरकार की तरफ से राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और बीएमजीएफ की तरफ से देश के संस्था के कंट्री हेड हरि मेनन ने हस्ताक्षर किए.


कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से कई मंत्रीगण, जिला के स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मी और कई जिलों के जिलाधिकारी भी जुड़े थे. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने दिया और सभी का कार्यक्रम से जुड़ने के लिए आभार प्रकट किया.

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