ETV Bharat / state

2006 से 10 सालों तक चला था जनता दरबार, अब 12 जुलाई से सीएम नीतीश करेंगे फिर शुरू

पटना सचिवालय परिसर में सीएम नीतीश कुमार ने 12 जुलाई से जनता दरबार शुरू करने जा रहे हैं. प्रत्येक माह में शुरू के तीन सोमवार जनता दरबार लगाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
author img

By

Published : Jul 7, 2021, 3:40 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Chief Minister Nitish Kumar ) 12 जुलाई से जनता दरबार शुरू कर रहे हैं. प्रत्येक माह में शुरू के तीन सोमवार जनता दरबार लगाएंगे. 2005 में बिहार की कुर्सी संभालने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल 2006 में जनता दरबार कार्यक्रम शुरू किया गया था. मुख्यमंत्री ने लगातार 10 सालों तक जनता दरबार चलाया.

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री का जनता दरबार फिर होगा शुरू, DM-SSP ने लिया हॉल का जायजा

वहीं, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार बंद कर दिया. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जनता दरबार की कोई जरूरत नहीं है, लोगों को कानून बनाकर हमने दे दिया है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने फिर से जनता दरबार शुरू करने का ऐलान किया है.

कोरोना के कारण जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने में विलंब हुआ है. लेकिन अब पूरी तैयारी हो चुकी है और 12 जुलाई से यह शुरू होगा. इस बार जनता दरबार मुख्यमंत्री आवास एक अन्ने मार्ग के स्थान पर सीएम सचिवालय 4 केजी में बने नए हॉल में लगेगा. इस बार भी सुरक्षा की विशेष तैयारी है. साथ ही कोरोना गाइडलाइन को भी सख्ती से पालन किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: CM नीतीश कुमार फिर से लगाएंगे 'जनता दरबार', लोगों की समस्याएं सुनेंगे

5 साल बाद फिर से शुरू कर रहे हैं, इसके पीछे वजह क्या है?
विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू का खराब परफॉर्मेंस गया था. पार्टी को केवल 43 सीट मिला. बिहार में तीसरे स्थान पर पार्टी पहुंच गई. जदयू के खराब परफॉर्मेंस का बड़ा कारण नीतीश कुमार की लोगों से दूरियां बढ़ती रही. पार्टी नेताओं और विभिन्न स्तरों पर फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से लोगों से जुड़ने के लिए जनता दरबार शुरू करने का फैसला लिया है.

जनता दरबार की कहानी
सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है. पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया.

यह भी पढ़ें: बिहार में फिर से लगेगा जनता दरबार, CM नीतीश ने किया ऐलान

हर महीने के पहले दिन सोमवार को जनता दरबार लगेगा
महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

इस बार जनता दरबार के लिए विशेष व्यवस्था
इस बार जनता दरबार के लिए आवेदकों को आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण कराया जाएगा. कोविड-19 पाए जाने वाले आवेदकों को ही जिला प्रशासन विशेष व्यवस्था कर वाहन से जनता दरबार पहुंचाएगा. मुख्यमंत्री 300 से 400 आवेदकों से 1 दिन में मिलेंगे और उनकी शिकायत सुनेंगे जिसे ऑनस्पॉट दूर किया जाएगा. लोगों के लिए मोबाइल ऐप से समस्या शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था होगी. जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है.

वह प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी और डीएम कार्यालय जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जनता दरबार को लेकर प्रशासन की तरफ से विशेष तैयारी है. बड़ी संख्या में सुरक्षा बल को भी लगाया जाएगा. पहले भी इसकी व्यवस्था होती थी.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी मंगलवार को जनता दरबार लगाते रहे हैं और लोगों की शिकायतें सुनते रहे. अब उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद भी हर मंगलवार को जनता दरबार लगाते हैं. फिलहाल, कोरोना के कारण कार्यक्रम बंद है. लेकिन जल्द ही फिर शुरू करेंगे. मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और अधिकारियों को भी जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया था और उसका दिन भी तय कर दिया था.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Chief Minister Nitish Kumar ) 12 जुलाई से जनता दरबार शुरू कर रहे हैं. प्रत्येक माह में शुरू के तीन सोमवार जनता दरबार लगाएंगे. 2005 में बिहार की कुर्सी संभालने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल 2006 में जनता दरबार कार्यक्रम शुरू किया गया था. मुख्यमंत्री ने लगातार 10 सालों तक जनता दरबार चलाया.

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री का जनता दरबार फिर होगा शुरू, DM-SSP ने लिया हॉल का जायजा

वहीं, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद मुख्यमंत्री ने जनता दरबार बंद कर दिया. उस समय मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जनता दरबार की कोई जरूरत नहीं है, लोगों को कानून बनाकर हमने दे दिया है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने फिर से जनता दरबार शुरू करने का ऐलान किया है.

कोरोना के कारण जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने में विलंब हुआ है. लेकिन अब पूरी तैयारी हो चुकी है और 12 जुलाई से यह शुरू होगा. इस बार जनता दरबार मुख्यमंत्री आवास एक अन्ने मार्ग के स्थान पर सीएम सचिवालय 4 केजी में बने नए हॉल में लगेगा. इस बार भी सुरक्षा की विशेष तैयारी है. साथ ही कोरोना गाइडलाइन को भी सख्ती से पालन किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: CM नीतीश कुमार फिर से लगाएंगे 'जनता दरबार', लोगों की समस्याएं सुनेंगे

5 साल बाद फिर से शुरू कर रहे हैं, इसके पीछे वजह क्या है?
विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू का खराब परफॉर्मेंस गया था. पार्टी को केवल 43 सीट मिला. बिहार में तीसरे स्थान पर पार्टी पहुंच गई. जदयू के खराब परफॉर्मेंस का बड़ा कारण नीतीश कुमार की लोगों से दूरियां बढ़ती रही. पार्टी नेताओं और विभिन्न स्तरों पर फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से लोगों से जुड़ने के लिए जनता दरबार शुरू करने का फैसला लिया है.

जनता दरबार की कहानी
सीएम नीतीश कुमार ने अप्रैल, 2006 में जनता दरबार शुरू किया था. 10 सालों तक जनता दरबार कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. मई, 2016 में लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद नीतीश कुमार ने जनता दरबार कार्यक्रम को बंद कर दिया. 10 सालों में 241 जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने किया. 10 सालों में 2,77,249 मामले सामने आए जिसका निष्पादन किया गया है. 5 साल बाद फिर जनता दरबार कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है.

पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है. पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया.

यह भी पढ़ें: बिहार में फिर से लगेगा जनता दरबार, CM नीतीश ने किया ऐलान

हर महीने के पहले दिन सोमवार को जनता दरबार लगेगा
महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सुना जाएगा. महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की बारी आएगी.

जबकि तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

इस बार जनता दरबार के लिए विशेष व्यवस्था
इस बार जनता दरबार के लिए आवेदकों को आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण कराया जाएगा. कोविड-19 पाए जाने वाले आवेदकों को ही जिला प्रशासन विशेष व्यवस्था कर वाहन से जनता दरबार पहुंचाएगा. मुख्यमंत्री 300 से 400 आवेदकों से 1 दिन में मिलेंगे और उनकी शिकायत सुनेंगे जिसे ऑनस्पॉट दूर किया जाएगा. लोगों के लिए मोबाइल ऐप से समस्या शिकायत दर्ज कराने की व्यवस्था होगी. जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है.

वह प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी और डीएम कार्यालय जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जनता दरबार को लेकर प्रशासन की तरफ से विशेष तैयारी है. बड़ी संख्या में सुरक्षा बल को भी लगाया जाएगा. पहले भी इसकी व्यवस्था होती थी.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी मंगलवार को जनता दरबार लगाते रहे हैं और लोगों की शिकायतें सुनते रहे. अब उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद भी हर मंगलवार को जनता दरबार लगाते हैं. फिलहाल, कोरोना के कारण कार्यक्रम बंद है. लेकिन जल्द ही फिर शुरू करेंगे. मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और अधिकारियों को भी जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया था और उसका दिन भी तय कर दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.