पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम का शुभारंभ किया. पिछले साल से ही यह कार्यक्रम शुरू हुआ है. पिछले साल 8 जिलों में इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी, इस बार सभी 38 जिलों में कार्यक्रम शुरू होगा.
मुख्यमंत्री आवास के नेक संवाद में इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई. उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद और रेणु देवी के साथ जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी और कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह भी मौके पर मौजूद रहे.
![जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-01-cm-agriculture-karykram-7201750_14122020083740_1412f_00098_515.jpg)
सभी 38 जिलों में शुरू होगा कार्यक्रम
बिहार में जल जीवन हरियाली अभियान पर सरकार 3 सालों में लगभग 25000 करोड़ की राशि खर्च करने वाली है. पिछले साल इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी और उसी अभियान के तहत जलवायु के अनुकूल कृषि को सरकार प्रोत्साहित कर रही है. इसमें प्रमुख बातें और तकनीक का ध्यान रखा जा रहा है.
- जलवायु के अनुकूल क्रॉप साइकिल का चयन.
- फसल कैलेंडर के अनुसार समय पर बुआई.
- किसानों का प्रशिक्षण और भ्रमण कार्यक्रम.
- जलवायु के अनुकूल फसल प्रभेद और उत्तम गुणवत्ता का बीज.
- उत्तम बुआई तकनीक जैसे जीरो टिलेज, हैप्पी सीडर, रैज बेड, सीधी बुआई, ड्रम सीडर, पंक्ति में बुआई का उपयोग.
- जल, पोषक तत्व और खरपतवार आदि का समुचित प्रबंधन.
- मिट्टी और जलवायु के परिस्थितियों के अनुरूप फसल विविधीकरण.
- हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, स्ट्रॉ बेलर के माध्यम से फसलों के अवशेष का प्रबंधन.
पिछले साल 8 जिलों में बिहार सरकार ने इसकी शुरुआत की थी इस बार सभी 38 जिलों में कृषि के जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम लागू किया जा रहा है.
किसानों को मिले लाभ इसका प्रयास
जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम शुरू करने के पीछे बिहार सरकार का मकसद बिहार में बाढ़ और सूखा जैसी स्थितियों से निपटने के अलावा जलवायु में हो रहे परिवर्तन से भी किसानों को नुकसान नहीं हो और अधिक से अधिक मुनाफा हो इसका प्रयास हो रहा है.