पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 की अद्यतन स्थिति और उसकी रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक की. समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रजेंटेशन के माध्यम से 7 अगस्त और 21 अगस्त को हुई समीक्षा बैठक में कोविड संक्रमण की अद्यतन स्थिति से लेकर आज तक की स्थिति का तुलनात्मक ब्योरा प्रस्तुत किया.
रिकवरी रेट 88.67 प्रतिशत
प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि कोविड-19 की अब तक 41 लाख 75 हजार 922 जांच की जा चुकी है. प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा जांच की जा रही है. राज्य का रिकवरी रेट 88.67 प्रतिशत है. जो राष्ट्रीय औसत 77.31 प्रतिशत से करीब 11 प्रतिशत अधिक है. राज्य में कोविड-19 के एक्टीव मरीजों की संख्या 16,120 है. अब तक 1,49,027 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं.
अधिक जांच करने का निर्देश
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी जांच की संख्या बढ़ी है. सभी अस्पतालों में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने सभी जिलों के जिलावार प्रति लाख एक्टिव केस और कोरोना पॉजिटिव रेशियो की जानकारी दी. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण का ट्रेंड नीचे जाने का मतलब यह नहीं कि कोरोना समाप्त हो गया है. सतर्क रहने की जरूरत है और अधिक से अधिक जांच करने का निर्देश भी दिया.
500 बेड का कोविड अस्पताल
प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि बिहटा में 500 बेड का कोविड अस्पताल और मुजफ्फरपुर के पताही में भी कोविड हाॅस्पीटल निर्मित होकर फंक्शनल हो गया है. केंद्र सरकार की ओर से कोवास 8800 मशीन, 10 आरटीपीसीआर मशीन उपलब्ध होने और राज्य सरकार की ओर से 10 आरटीपीसीआर मशीन खरीदने से हमलोगों की आरटीपीसीआर जांच की क्षमता और अधिक बढ़ जायेगी.
एक्टिव केसों का आकलन
प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि आकलन से पता चला कि अभी तक कोरोना संक्रमण से जितनी मृत्यु हुई है, उसमें 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 73 प्रतिशत लोग शामिल हैं. मृतकों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक है. उन्होंने बताया कि जिलों के साथ-साथ प्रखंड स्तर पर कोरोना के एक्टिव केसों का आकलन किया गया है. बिहार के 6 प्रखंडों में 200 से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं. 20 प्रखंडों में 100 से ज्यादा और 67 प्रखंडों में 50 से ज्यादा एक्टिव केस हैं.
कोरोना संक्रमित जिले
समीक्षा के दौरान राज्य के 7 सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित जिले पटना, अररिया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, मधुबनी, पूर्णिया और पूर्वी चंपारण के डीएम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अपने-अपने जिले में इससे निपटने के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी.
मरीजों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी
प्रतिदिन पाजिटिव केसों का आकलन, टेस्टिंग की संख्या में वृद्धि, कोविड हाॅस्पीटल में बेडों की उपलब्धता, रिकवरी रेट, कन्टैक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट जोन में अधिक से अधिक जांच, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और माइकिंग के माध्यम से लोगों को जागरूक करना, नियंत्रण कक्ष के माध्यम से मरीजों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी लेना, जिला टीम की ओर से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का निरीक्षण आदि से संबंधित जानकारी दी.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी हुए शामिल
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित रहे. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जोन के पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, सभी जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक शामिल हुए.
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में कई निर्देश दिए
- अधिक से अधिक लोगों की सैंपल जांच नियमित रूप से सभी जिलों में जारी रखें.
- कोरोना से संबंधित सभी जानकारियां अपडेट रखें और उसके आधार पर रणनीति बनाकर काम करें.
- आने वाला समय और चुनौतीपूर्ण है, इसको लेकर भी तैयारी पूर्ण रखें.
- माइक्रोलेवल तक आंकलन करायें, प्रखंड के नीचे पंचायत और गांव स्तर तक कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या का पता लगायें और उसको लेकर जरुरी कदम उठाएं.
- बाढ़ग्रस्त प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत केंद्रों और सामुदायिक किचेन में लोगों की जांच से बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में सफलता मिली है.
- ऐसे लोगों के आंकड़ें भी इकट्ठा करें, जिनकी मृत्यु अन्य बीमारियों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण से हुई है. ताकि उसके आधार पर भी कोरोना संक्रमण का ट्रेंड पता किया जा सके.
- कोरोना संक्रमण का ट्रेंड नीचे जाने का ये मतलब नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया है. लोगों को इस संक्रमण की गंभीरता के प्रति लगातार सचेत रहना होगा.
- पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के लिये चिन्हित अस्पतालों में समुचित व्यवस्था रखी जाये.
- आने वाले चुनाव और पर्व-त्योहारों के समय में गतिविधियांबढ़ने से लोगों की भीड़ बढ़ेगी. इसलिये विशेष सतर्कता बरतनी होगी.
- सभी गांवों के प्रत्येक परिवारों को चार मास्क और एक साबुन का वितरण फिर से कराने की आवशयकता है.
- मास्क का प्रयोग लोग ठीक से करें. पूरी तरह से नाक और मुंह ढ़का रहे. ताकि खतरे की संभावना कम से कम हो. इसके लिए और प्रचार-प्रसार करायें.