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'कितना भी हम काम करें.. बिहार पिछड़ा रहेगा.. विशेष राज्य के दर्जे पर जरूर गौर करे केंद्र'

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (Nitish Kumar Statement On Special Status For Bihar) देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि, देश की प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से बिहार पिछड़ा हुआ है. हमलोग लगातार केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं और करते रहेंगे. पढ़ें पूरी खबर..

Nitish Kumar Statement On Special Status For Bihar
Nitish Kumar Statement On Special Status For Bihar
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Published : Feb 14, 2022, 6:22 PM IST

पटना: जनता दरबार के बाद सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar Janta Darbar) मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान सीएम ने एक बार फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग (CM Nitish Again Demanded Special Status For Bihar) दोहराई. सीएम नीतीश ने कहा कि, सरकार हर क्षेत्र में काम कर रही है लेकिन अधिक जनसंख्या और कम क्षेत्रफल के कारण बिहार पिछड़ रहा है. केंद्र सरकार को बिहार को स्पेशल स्टेटस देने के मामले में गौर जरूर करना चाहिए.

पढ़ें- स्पेशल स्टेटस पर JDU में 'मतभेद', एक खेमा मुद्दे को त्यागने के पक्ष में तो दूसरा अंजाम से पहले रुकने को तैयार नहीं

सीएम ने कहा कि, विशेष राज्य के दर्जे की मांग हम लोगों की पुरानी है. हम लोगों ने लंबे समय तक अभियान चलाया है. कांग्रेस की सरकार में कमेटी भी बनाई गई लेकिन कमेटी की रिपोर्ट पर कुछ नहीं हुआ. बिहार में तो हम लोग अपने संसाधन से काम कर ही रहे हैं और विकास भी हो रहा है. लेकिन अभी हाल में नीति आयोग की रिपोर्ट आई और बिहार को पिछड़ा बताया गया. हम लोगों ने नीति आयोग को भी पत्र लिखा जो पिछड़ा है उसके लिए तो कुछ करना ही होगा ना. हम लोग तो लगातार काम कर ही रहे हैं. लेकिन मदद मिल जाएगी तो तेजी से विकास होगा.

"हमलोगों ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए कितना बड़ा अभियान चलाया ये सभी को पता है. कितनी जगहों पर कितनी सभाएं हुई हैं कितनी मीटिंग हुई है. हमलोग तो सब एनडीए के ही सरकार में थे न. उस समय की केंद्र की सरकार ने कमेटी भी बनाया था. जो कमेटी बनाया गया उस कमेटी ने भी अपनी कुछ बातें कही. उस समय केंद्र में कांग्रेस थी जो उस काम को नहीं की. बिहार सरकार अपना काम दिन रात कर रही है लेकिन विकास की राह में पिछड़ रही है. स्पेशल स्टेटस का दर्जा देना न देना केंद्र सरकार के हाथ में है. हम तो अपनी बात रखेंगे. सबका अपना अपना विचार है. यह विचार व्यक्तिगत नहीं है बल्कि जनहित राज्यहित के लिए है." - नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

पढ़ें: मंत्री मदन सहनी का बड़ा बयान- केंद्र विशेष राज्य का दर्जा देने में असमर्थ, तो मुद्दा अब त्याग देना चाहिए

नीतीश कुमार ने कहा कि, 'जो नीति आयोग की रिपोर्ट आई थी उसे हमने तो पूरा डिटेल किया. रिपोर्ट में बिहार को पिछड़ा बताया गया था. हमने तो ये भी बताया कि, 2005 से हमें जब से मौका मिला है तब से हमने कितनी मेहनत की और बिहार को कहां से कहां पहुंचाया है. लेकिन फिर भी बिहार पीछे जरूर है. हमारी आबादी बहुत ज्यादा है, हमारा क्षेत्रफल कम है. 1 स्क्वायर फीट में जितनी आबादी बिहार में है उतनी आबादी पूरे देश में कहीं नहीं है और शायद दुनिया भी नहीं है. तो वैसी स्थिति में जितना भी हमलोग काम करते हैं, कितना भी विकास हो लेकिन जो विकास का एवरेज है वो नीचे ही रहेगा. इसलिए तो कहा है कि, विशेष राज्य के दर्जा से फायदा होगा. केंद्र और राज्य का योगदान 90-10 होने से सरकार का पैसा विकास के काम में लगेगा.'

पढ़ें: विशेष राज्य के दर्जे पर नीतीश कुमार ने कहा- ये मेरा नहीं पूरे बिहार का दर्द है

सीएम ने कहा कि, 'नीति आयोग से चिट्ठी केंद्र सरकार को गया हुआ है. चिट्ठी में कहा गया है कि, जब इतना काम हुआ है तब भी बिहार की ऐसी स्थिति है तो ये सोचना भी केंद्र का ही काम है. कौन क्या कहता है उससे हमें क्या करना है. इन सब चीजों के बावजूद सरकार काम कितना कर रही है, बताइए न. सब मिलकर काम कर रहे हैं. हमें जब मौका मिला था तब रोड, शिक्षा, स्वास्थ, लॉ एंड ऑर्डर और महिलाओं की स्थिति क्या थी सबको पता है. अब क्या है सभी अपनी आंखों से देख रहे हैं. हम प्रजनन दर घटा रहे हैं, इसलिए महिलाओं को शिक्षित बना रहे हैं. महिलाओं के शिक्षित होने से ही प्रजनन दर घटेगा. पहले प्रजनन दर 4.3 प्रतिशत था अब 3 पर है बहुत जल्द बिहार का प्रजनन दर 2 पर पहुंच जाएगा.'

उन्होंने कहा कि, बिहार का पहले प्रतिव्यक्ति आय आठ हजार के करीब था जो अब 50 हजार पहुंच गया है लेकिन देश का तो 1 लाख, सवा लाख से ऊपर है. हम विकास कर रहे हैं, काम दिख रहा है. लेकिन जो न्यूनतम आधार पर है उसमें लाख करने पर भी कुछ नहीं होगा. लेकिन हां अगर विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार बहुत आगे बढ़ जाएगा. लोगों के लिए भी बहुत बड़ी चीज होगी. हम तो कहेंगे कि इसपर गौर जरूर करें, सिर्फ हम पर नहीं बल्कि और राज्य पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.

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पटना: जनता दरबार के बाद सीएम नीतीश कुमार ( Nitish Kumar Janta Darbar) मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान सीएम ने एक बार फिर से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग (CM Nitish Again Demanded Special Status For Bihar) दोहराई. सीएम नीतीश ने कहा कि, सरकार हर क्षेत्र में काम कर रही है लेकिन अधिक जनसंख्या और कम क्षेत्रफल के कारण बिहार पिछड़ रहा है. केंद्र सरकार को बिहार को स्पेशल स्टेटस देने के मामले में गौर जरूर करना चाहिए.

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सीएम ने कहा कि, विशेष राज्य के दर्जे की मांग हम लोगों की पुरानी है. हम लोगों ने लंबे समय तक अभियान चलाया है. कांग्रेस की सरकार में कमेटी भी बनाई गई लेकिन कमेटी की रिपोर्ट पर कुछ नहीं हुआ. बिहार में तो हम लोग अपने संसाधन से काम कर ही रहे हैं और विकास भी हो रहा है. लेकिन अभी हाल में नीति आयोग की रिपोर्ट आई और बिहार को पिछड़ा बताया गया. हम लोगों ने नीति आयोग को भी पत्र लिखा जो पिछड़ा है उसके लिए तो कुछ करना ही होगा ना. हम लोग तो लगातार काम कर ही रहे हैं. लेकिन मदद मिल जाएगी तो तेजी से विकास होगा.

"हमलोगों ने विशेष राज्य के दर्जे के लिए कितना बड़ा अभियान चलाया ये सभी को पता है. कितनी जगहों पर कितनी सभाएं हुई हैं कितनी मीटिंग हुई है. हमलोग तो सब एनडीए के ही सरकार में थे न. उस समय की केंद्र की सरकार ने कमेटी भी बनाया था. जो कमेटी बनाया गया उस कमेटी ने भी अपनी कुछ बातें कही. उस समय केंद्र में कांग्रेस थी जो उस काम को नहीं की. बिहार सरकार अपना काम दिन रात कर रही है लेकिन विकास की राह में पिछड़ रही है. स्पेशल स्टेटस का दर्जा देना न देना केंद्र सरकार के हाथ में है. हम तो अपनी बात रखेंगे. सबका अपना अपना विचार है. यह विचार व्यक्तिगत नहीं है बल्कि जनहित राज्यहित के लिए है." - नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

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नीतीश कुमार ने कहा कि, 'जो नीति आयोग की रिपोर्ट आई थी उसे हमने तो पूरा डिटेल किया. रिपोर्ट में बिहार को पिछड़ा बताया गया था. हमने तो ये भी बताया कि, 2005 से हमें जब से मौका मिला है तब से हमने कितनी मेहनत की और बिहार को कहां से कहां पहुंचाया है. लेकिन फिर भी बिहार पीछे जरूर है. हमारी आबादी बहुत ज्यादा है, हमारा क्षेत्रफल कम है. 1 स्क्वायर फीट में जितनी आबादी बिहार में है उतनी आबादी पूरे देश में कहीं नहीं है और शायद दुनिया भी नहीं है. तो वैसी स्थिति में जितना भी हमलोग काम करते हैं, कितना भी विकास हो लेकिन जो विकास का एवरेज है वो नीचे ही रहेगा. इसलिए तो कहा है कि, विशेष राज्य के दर्जा से फायदा होगा. केंद्र और राज्य का योगदान 90-10 होने से सरकार का पैसा विकास के काम में लगेगा.'

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सीएम ने कहा कि, 'नीति आयोग से चिट्ठी केंद्र सरकार को गया हुआ है. चिट्ठी में कहा गया है कि, जब इतना काम हुआ है तब भी बिहार की ऐसी स्थिति है तो ये सोचना भी केंद्र का ही काम है. कौन क्या कहता है उससे हमें क्या करना है. इन सब चीजों के बावजूद सरकार काम कितना कर रही है, बताइए न. सब मिलकर काम कर रहे हैं. हमें जब मौका मिला था तब रोड, शिक्षा, स्वास्थ, लॉ एंड ऑर्डर और महिलाओं की स्थिति क्या थी सबको पता है. अब क्या है सभी अपनी आंखों से देख रहे हैं. हम प्रजनन दर घटा रहे हैं, इसलिए महिलाओं को शिक्षित बना रहे हैं. महिलाओं के शिक्षित होने से ही प्रजनन दर घटेगा. पहले प्रजनन दर 4.3 प्रतिशत था अब 3 पर है बहुत जल्द बिहार का प्रजनन दर 2 पर पहुंच जाएगा.'

उन्होंने कहा कि, बिहार का पहले प्रतिव्यक्ति आय आठ हजार के करीब था जो अब 50 हजार पहुंच गया है लेकिन देश का तो 1 लाख, सवा लाख से ऊपर है. हम विकास कर रहे हैं, काम दिख रहा है. लेकिन जो न्यूनतम आधार पर है उसमें लाख करने पर भी कुछ नहीं होगा. लेकिन हां अगर विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार बहुत आगे बढ़ जाएगा. लोगों के लिए भी बहुत बड़ी चीज होगी. हम तो कहेंगे कि इसपर गौर जरूर करें, सिर्फ हम पर नहीं बल्कि और राज्य पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए.

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