पटनाः एक अणे मार्ग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. उन्होंने यहां भी कोटा से छात्रों को मंगवाने के मामले पर अपनी नाराजगी जताई. मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग नहीं माने, जिससे यहां भी बाहर से लोग आए. इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है.
...तो लॉकडाउन का क्या मतलब रह जाएगा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कुछ लोग कोटा से छात्रों को मंगवाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में देश के कोने-कोने में जो लोग फंसे हैं, अगर उनकी मांग पर भी सभी राज्य उन्हें मंगाने लगे तो लॉकडाउन का क्या मतलब रह जाएगा. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को लेकर हमारा कमिटमेंट पूरे तौर पर है. सोशल डिस्टेंसिंग ही हमें इस संकट से बचा सकता है.
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कई निर्देश भी दिए
- राशन कार्ड धारियों को समय पर राशन मिले
- सीमावर्ती जिलों में वाहन चेकिंग की नियमित व्यवस्था करें
- बाहर से आए मजदूरों को मनरेगा से लिंक करें
- मानसून आने के पूर्व बाढ़ सुरक्षात्मक और कटाव निरोधक कार्य को समय पर पूरा करें
- जल्द शुरू हो नमवीं और दसवीं की पढ़ाई
- 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के लिए दूरदर्शन से स्लॉट की मांग
- किसानों से गेहूं की अधिप्राप्ति पैक्स के माध्यम से तेजी से करने का निर्देश
- लॉक डाउन का पालन हर हाल में सुनिश्चित कराने को कहा
बैठक में तमाम अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, डीएम और एसपी जुड़े हुए थे. मुख्यमंत्री ने सभी डीएम और एसपी को राहत कार्यक्रम में तेजी लाने और इसे ठीक ढंग से चलाने का कहा.