पटना: बिहार की राजधानी पटना में जनता दरबार (Janta Darbar) के बाद जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक बार फिर से कहा कि प्रधानमंत्री को 4 अगस्त को ही हमने पत्र भेज दिया है, लेकिन अब तक कोई जवाब उनकी तरफ से नहीं आया है. जातीय जनगणना सभी के हित में है. अगर केंद्र सरकार (Central Government) इसे नहीं करेगी, तो हम लोग इस पर विचार करेंगे.
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मुख्यमंत्री कहा कि जातीय जनगणना सभी के हित में है. 1931 में जातीय जनगणना हुई थी. उसके बाद जनगणना नहीं हुई है, इसलिए एक बार जातीय जनगणना होना जरूरी है. इससे सही संख्या का पता चलेगा और सही स्थिति पता होने के बाद योजना बनाने में मदद मिलेगी.
''बिहार में तो सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास करा कर भेजा गया है और विपक्ष की तरफ से जो प्रस्ताव आया उसके बाद मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. अब फैसला केंद्र सरकार को ही करना है. केंद्र सरकार को ही जनगणना कराना है, जहां तक जातीय जनगणना की बात है तो यदि केंद्र इसे नहीं करेगी, तो हम लोग विचार करेंगे.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
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बता दें कि बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) से सर्वसम्मत प्रस्ताव केंद्र सरकार (Central Government) को भेजा जा चुका है, लेकिन जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में कहा है कि जातिगत जनगणना वर्तमान स्थिति में संभव नहीं है. सिर्फ एससी और एसटी की जनगणना कराई जा सकती है.
भारत में पहली बार जातिगत जनगणना 1831 में कराई गई थी. उसके बाद 1931 में जातिगत जनगणना हुई थी. 1930 की जनगणना के आधार पर ही आरक्षण का प्रतिशत तय किया गया था. 2011 में जब जनगणना कराई जा रही थी, तब भी जोर शोर से राजनीतिक दलों ने जातिगत आधार पर जनगणना की वकालत की थी, लेकिन जातिगत जनगणना नहीं हो पाई.
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वहीं, बिहार पृथ्वी दिवस (Bihar Earth Day) के अवसर पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि हरियाली मिशन के तहत राज्य में 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था. अब तक 22 करोड़ तक पौधारोपण कर दिया है. पिछले साल जल जीवन हरियाली अभियान के तहत 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था और 3 करोड़ 95 लाख पौधारोपण हुआ. पिछले साल के लक्ष्य के बाद अब 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिस पर काम चल रहा है.