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बड़ा फैसला : महादलित की होगी हत्या तो परिवार वालों को मिलेगी सरकारी नौकरी

सीएम नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति-जन जाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज मामलों का विष्लेषण करें, मामलों में क्या कार्रवाई हुई है इसे भी देखें. साथ ही उन्होंने अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित कांडों का निष्पादन 20 सितम्बर 2020 तक पूर्ण करें.

cm nitish kumar
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Published : Sep 4, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 9:15 PM IST

पटना: विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अगर किसी महादलित परिवार के सदस्य की हत्या होती है तो पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी. इस फैसले का हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने स्वागत किया है.

बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई. इस बैठक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम कुमार मीणा ने विगत बैठक की कार्यवाही अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी.

इस बैठक में समीक्षा के क्रम में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक(कमजोर वर्ग),अपराध अनुसंधान विभाग, निदेशक अभियोजन द्वारा इस संबंध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई.

लंबित कांडों का जल्द निष्पादन करने का निर्देश
बैठक में पुलिस महानिदेशक के स्तर पर दोष सिद्धि निपटारे के लिए की गई कार्रवाई, पीड़ित व्यक्तियों को दी जाने वाली राहत, पुनर्वास सुविधाओं और उनसे जुड़े अन्य मामलों की भी समीक्षा हुई. जिलास्तर पर गठित निगरानी और अनुश्रवण समिति के कार्यकलापों की भी जानकारी दी गई. अधिनियम के प्रावधानों में हुए परिवर्तन को देखते हुए संबंधित पदाधिकारियों के लिए नियमित रुप से प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में भी जानकारी दी गई. मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित कांडों का निष्पादन 20 सितम्बर 2020 तक करें.

मुख्यमंत्री के निर्देश:-

  • लंबित कांड का निष्पादन तेजी से कराएं. इन्वेस्टिगेशन कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें.
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित कांडों का निष्पादन 20 सितम्बर 2020 तक पूर्ण करें. संबंधित विभागों के सचिवों से सम्पर्क कर मामले का त्वरित निष्पादन करें. इन्वेस्टिगेशन कार्य को तेजी से पूर्ण करें, जो पदाधिकारी मामलों के निष्पादन में गंभीरता नहीं दिखाते हैं, उन पर कार्रवाई करें.
  • राज्य के सभी थानों में लाॅ एण्ड ऑर्डर और इन्वेस्टिगेशन के लिये अलग-अलग विंग बनाये गए हैं. ताकि लाॅ एंड ऑर्डर का भी बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके और इन्वेस्टिगेशन कार्य भी ससमय पूर्ण हो सके.
  • विधि विभाग द्वारा अनन्य विशेष न्यायालयों में अनन्य विशेषलोक अभियोजकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाए.
  • अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिए तत्काल नियम बनाए.
  • अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित आज जितने विषयों की चर्चा हुई है और इसके अलावा उनके लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिए मुख्य सचिव अपने स्तर पर इसकी समीक्षा करें.
  • अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान के लिए और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए कई योजनायें चलाई जा रही हैं. अन्य संभावनाओं/योजनाओं पर भी विचार करें.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में सभी जन प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उस पर गौर करते हुए त्वरित कार्रवाई करें. आज जिन-जिन बिन्दुओं पर चर्चा की गई है. उनका निष्पादन समय पर करें.
  • राशन कार्ड वितरण, महादलित के अलावा सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वास रहित परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराना, उनके लिये आवास निर्माण आदि कार्यों में भी तेजी लाए.
  • सभी थानों में दर्ज कांडों की समीक्षा थानावार पुलिस महानिदेशक के द्वारा की जाए.
  • इसके अलावा और जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, उनके लिये सब कुछ किया जायेगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान से समाज का उत्थान होगा.

इस अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री, सह सदस्य बिहार विधानसभा जीतन राम मांझी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद विजय मांझी, सांसद पशुपति कुमार पारस, सांसद प्रिंस राज, सांसद आलोक कुमार सुमन, विधायक ललन पासवान, विधायक सुनील कुमार, विधायक भागीरथी देवी, सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखीं. तो कई अधिकारी भी शामिल हुए.

पटना: विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अगर किसी महादलित परिवार के सदस्य की हत्या होती है तो पीड़ित परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी मिलेगी. इस फैसले का हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने स्वागत किया है.

बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक हुई. इस बैठक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव प्रेम कुमार मीणा ने विगत बैठक की कार्यवाही अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी.

इस बैठक में समीक्षा के क्रम में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक(कमजोर वर्ग),अपराध अनुसंधान विभाग, निदेशक अभियोजन द्वारा इस संबंध में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई.

लंबित कांडों का जल्द निष्पादन करने का निर्देश
बैठक में पुलिस महानिदेशक के स्तर पर दोष सिद्धि निपटारे के लिए की गई कार्रवाई, पीड़ित व्यक्तियों को दी जाने वाली राहत, पुनर्वास सुविधाओं और उनसे जुड़े अन्य मामलों की भी समीक्षा हुई. जिलास्तर पर गठित निगरानी और अनुश्रवण समिति के कार्यकलापों की भी जानकारी दी गई. अधिनियम के प्रावधानों में हुए परिवर्तन को देखते हुए संबंधित पदाधिकारियों के लिए नियमित रुप से प्रशिक्षण और उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में भी जानकारी दी गई. मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित कांडों का निष्पादन 20 सितम्बर 2020 तक करें.

मुख्यमंत्री के निर्देश:-

  • लंबित कांड का निष्पादन तेजी से कराएं. इन्वेस्टिगेशन कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें.
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित कांडों का निष्पादन 20 सितम्बर 2020 तक पूर्ण करें. संबंधित विभागों के सचिवों से सम्पर्क कर मामले का त्वरित निष्पादन करें. इन्वेस्टिगेशन कार्य को तेजी से पूर्ण करें, जो पदाधिकारी मामलों के निष्पादन में गंभीरता नहीं दिखाते हैं, उन पर कार्रवाई करें.
  • राज्य के सभी थानों में लाॅ एण्ड ऑर्डर और इन्वेस्टिगेशन के लिये अलग-अलग विंग बनाये गए हैं. ताकि लाॅ एंड ऑर्डर का भी बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा सके और इन्वेस्टिगेशन कार्य भी ससमय पूर्ण हो सके.
  • विधि विभाग द्वारा अनन्य विशेष न्यायालयों में अनन्य विशेषलोक अभियोजकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लाए.
  • अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिए तत्काल नियम बनाए.
  • अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित आज जितने विषयों की चर्चा हुई है और इसके अलावा उनके लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिए मुख्य सचिव अपने स्तर पर इसकी समीक्षा करें.
  • अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान के लिए और उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए कई योजनायें चलाई जा रही हैं. अन्य संभावनाओं/योजनाओं पर भी विचार करें.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में सभी जन प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उस पर गौर करते हुए त्वरित कार्रवाई करें. आज जिन-जिन बिन्दुओं पर चर्चा की गई है. उनका निष्पादन समय पर करें.
  • राशन कार्ड वितरण, महादलित के अलावा सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वास रहित परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराना, उनके लिये आवास निर्माण आदि कार्यों में भी तेजी लाए.
  • सभी थानों में दर्ज कांडों की समीक्षा थानावार पुलिस महानिदेशक के द्वारा की जाए.
  • इसके अलावा और जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, उनके लिये सब कुछ किया जायेगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के उत्थान से समाज का उत्थान होगा.

इस अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री, सह सदस्य बिहार विधानसभा जीतन राम मांझी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, सांसद विजय मांझी, सांसद पशुपति कुमार पारस, सांसद प्रिंस राज, सांसद आलोक कुमार सुमन, विधायक ललन पासवान, विधायक सुनील कुमार, विधायक भागीरथी देवी, सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात रखीं. तो कई अधिकारी भी शामिल हुए.

Last Updated : Sep 4, 2020, 9:15 PM IST
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