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CAA पर सीएम नीतीश का बड़ा बयान- बोले- 'पॉलिसी मैटर है.. इसको अलग से देखा जाएगा'

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Published : May 6, 2022, 2:56 PM IST

कोरोना के बाद सीएए को देशभर में लागू करने के अमित शाह के बयान (Amit Shah on CAA ) पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है.उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर जो पॉलिसी होगी उसे अलग से देखा जाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

CM Nitish Kumar reaction on Amit Shah CAA statement
CM Nitish Kumar reaction on Amit Shah CAA statement

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar on CAA) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने कहा कि अभी तो कोरोना फिर से बढ़ने लगा है. हमें कोरोना से लोगों की रक्षा करने की ज्यादा चिंता है. लेकिन अगर कोई पॉलिसी की बात होगी तो उसे अलग से देखा जाएगा, पॉलिसी मैटर करता है.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल में बोले अमित शाह, कोरोना की लहर के बाद लागू करेंगे नागरिकता संशोधन कानून

सीएए पर सीएम नीतीश का बयान: इससे पहले भी सीएम नीतीश कुमार ने सीएए (citizenship amendment law) एनआरसी के मुद्दे पर कई बार बयान दिया है. हालांकि सीएम ने पहले से ही साफ कर रखा है कि बिहार में एनआरसी लागू होने का सवाल ही नहीं उठता है. वहीं सीएए को लेकर सीएम चर्चा करने की बात कहते रहे हैं. नीतीश कुमार एनआरसी को लेकर पहले भी बयान दे चुके हैं. पहले भी नीतीश कुमार की पार्टी ने संसद में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर साफ किया है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) देश में जल्द लागू किया जाएगा. पश्चिम बंगाल में आयोजित रैली में अमित शाह ने टीएमसी पर सीएए को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया था.

"सीएए पर जो भी केद्र का निर्णय होगा उसे देखना होगा. लेकिन उससे पहले अभी कोरोना और बढ़ रहा है. हमें ज्यादा चिंता कोरोना से लोगों की रक्षा करने की है. जहां तक बात सीएए की है तो पॉलिसी की बात होगी तो उसे अलग से देखेंगे. हमने बाकी चीजों को अभी देखा नहीं है."- नीतीश कुमार,सीएम बिहार

सीएए को लेकर अब तक क्या हुआ है?: 11 दिसंबर 2019 को संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम बिल पारित किया गया था. तब केंद्र सरकार ने बताया था कि CAA का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों जैसे प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार, भारत के पड़ोसी देशों में रहने वाले जो लोग धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे, उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी. 12 दिसंबर को इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे अधिसूचित किया था. हालांकि, कानून अभी लागू होना बाकी है. बताया जाता है कि CAA के तहत नियम अभी बने नहीं हैं. करीब तीन साल तक इस बिल को लागू नहीं करने पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे.

'कोरोना खत्म होते ही CAA लागू किया जाएगा': अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भी बंगाल सरकार को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा कि टीएमसी अफवाह फैलाती है कि सीएए (CAA) जमीन पर लागू नहीं होगा. कोरोना की लहर खत्म होने के बाद सीएए को लागू किया जाएगा. कान खोलकर के टीएमसी वाले सुन ले कि CAA वास्तविकता है, था और रहेगा. बंगाल से घुसपैठ खत्म करेंगे.

क्या है नागरिकता संशोधन कानून 2019?: नागरिकता संशोधन कानून 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है. पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था. इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है यानी इन तीनों देशों के ऊपर उल्लिखित छह धर्मों के बीते एक से छह सालों में भारत आकर बसे लोगों को नागरिकता मिल सकेगी. आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है.

'बिजली संकट से निपटने की हो रही तैयारी': इस दौरान सीएम ने प्रशांत किशोर के बयान पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार कहां था कहां गया है? कितना विकास हुआ है? निश्चित तौर पर सब लोग देख रहे हैं. आप लोग मीडिया के लोग हैं आप लोग भी जान रहे हैं कि बिहार में क्या-क्या हुआ है. इससे ज्यादा हम कुछ नहीं कर सकते हैं.वहीं कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में बिजली संकट पर ही उन्होंने प्रतिक्रिया दी और कहा कि बिहार में इसको लेकर हम लोग तैयारी कर रहे हैं. संकट है तो सभी राज्यों के लिए है. इससे निपटा जाएगा. कहीं कोई दिक्कत बिहार में ऐसा नहीं देखने को मिल रहा है.

पढ़ें- पटना: CAA के खिलाफ अध्यादेश की मांग को लेकर सीपीआई माले का विधानसभा मार्च

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar on CAA) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी है. सीएम ने कहा कि अभी तो कोरोना फिर से बढ़ने लगा है. हमें कोरोना से लोगों की रक्षा करने की ज्यादा चिंता है. लेकिन अगर कोई पॉलिसी की बात होगी तो उसे अलग से देखा जाएगा, पॉलिसी मैटर करता है.

पढ़ें- पश्चिम बंगाल में बोले अमित शाह, कोरोना की लहर के बाद लागू करेंगे नागरिकता संशोधन कानून

सीएए पर सीएम नीतीश का बयान: इससे पहले भी सीएम नीतीश कुमार ने सीएए (citizenship amendment law) एनआरसी के मुद्दे पर कई बार बयान दिया है. हालांकि सीएम ने पहले से ही साफ कर रखा है कि बिहार में एनआरसी लागू होने का सवाल ही नहीं उठता है. वहीं सीएए को लेकर सीएम चर्चा करने की बात कहते रहे हैं. नीतीश कुमार एनआरसी को लेकर पहले भी बयान दे चुके हैं. पहले भी नीतीश कुमार की पार्टी ने संसद में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया था. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर साफ किया है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) देश में जल्द लागू किया जाएगा. पश्चिम बंगाल में आयोजित रैली में अमित शाह ने टीएमसी पर सीएए को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया था.

"सीएए पर जो भी केद्र का निर्णय होगा उसे देखना होगा. लेकिन उससे पहले अभी कोरोना और बढ़ रहा है. हमें ज्यादा चिंता कोरोना से लोगों की रक्षा करने की है. जहां तक बात सीएए की है तो पॉलिसी की बात होगी तो उसे अलग से देखेंगे. हमने बाकी चीजों को अभी देखा नहीं है."- नीतीश कुमार,सीएम बिहार

सीएए को लेकर अब तक क्या हुआ है?: 11 दिसंबर 2019 को संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम बिल पारित किया गया था. तब केंद्र सरकार ने बताया था कि CAA का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों जैसे प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार, भारत के पड़ोसी देशों में रहने वाले जो लोग धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे, उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी. 12 दिसंबर को इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे अधिसूचित किया था. हालांकि, कानून अभी लागू होना बाकी है. बताया जाता है कि CAA के तहत नियम अभी बने नहीं हैं. करीब तीन साल तक इस बिल को लागू नहीं करने पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे.

'कोरोना खत्म होते ही CAA लागू किया जाएगा': अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर भी बंगाल सरकार को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा कि टीएमसी अफवाह फैलाती है कि सीएए (CAA) जमीन पर लागू नहीं होगा. कोरोना की लहर खत्म होने के बाद सीएए को लागू किया जाएगा. कान खोलकर के टीएमसी वाले सुन ले कि CAA वास्तविकता है, था और रहेगा. बंगाल से घुसपैठ खत्म करेंगे.

क्या है नागरिकता संशोधन कानून 2019?: नागरिकता संशोधन कानून 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है. पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था. इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है यानी इन तीनों देशों के ऊपर उल्लिखित छह धर्मों के बीते एक से छह सालों में भारत आकर बसे लोगों को नागरिकता मिल सकेगी. आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है.

'बिजली संकट से निपटने की हो रही तैयारी': इस दौरान सीएम ने प्रशांत किशोर के बयान पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार कहां था कहां गया है? कितना विकास हुआ है? निश्चित तौर पर सब लोग देख रहे हैं. आप लोग मीडिया के लोग हैं आप लोग भी जान रहे हैं कि बिहार में क्या-क्या हुआ है. इससे ज्यादा हम कुछ नहीं कर सकते हैं.वहीं कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में बिजली संकट पर ही उन्होंने प्रतिक्रिया दी और कहा कि बिहार में इसको लेकर हम लोग तैयारी कर रहे हैं. संकट है तो सभी राज्यों के लिए है. इससे निपटा जाएगा. कहीं कोई दिक्कत बिहार में ऐसा नहीं देखने को मिल रहा है.

पढ़ें- पटना: CAA के खिलाफ अध्यादेश की मांग को लेकर सीपीआई माले का विधानसभा मार्च

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