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CM नीतीश बोले- जनता की सेवा करना ही हमारा धर्म

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नव निर्मित भवनों का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करना ही हमारा धर्म है.

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Published : Aug 24, 2020, 9:03 PM IST

patna
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से पटना में नव निर्मित भवनों का उद्घाटन किया. बिहार के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के संचालन के उद्देश्य से 3304 अनाच्छादित पंचायतों में कक्षा नवम की पढ़ाई का भी शुभारंभ किया.

कोरोना के कारण नहीं खुले स्कूल
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की इच्छा थी कि सभी ग्राम पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनें. 8386 पंचायतों में से 5082 ग्राम पंचायतों को माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित किया जा चुका था. शेष 3304 पंचायतों में आज से 9वें क्लास की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. 9वें क्लास की पढ़ाई 1 अप्रैल से ही शुरू होनी थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खुले हुए हैं.

'लोगों की सेवा ही हमारा धर्म'
स्कूल खुलने के बाद बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. लेकिन नामांकन के प्रक्रिया की शुरुआत अब कर देनी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने सेवा का मौका दिया. हर क्षेत्र में विकास के कार्य किए गए लोगों की सेवा ही हमारा धर्म है. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों में शिक्षक बहाली में एमफिल और पीएचडी को लेकर आपत्ती को दूर करने का भी आश्वासन दिया.

patna
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा विभाग के कार्यक्रम की मुख्य बातें इस प्रकार से रही:

  • शिक्षा के क्षेत्र में शुरू से कार्य किया गया है. आज एक प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूल से बाहर हैं. जब सत्ता हम लोगों ने संभाली थी तो 12.5% से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर थे.
  • सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाया जाए तो न केवल राज्य की प्रजनन दर कम होगा बल्कि शिक्षित होने से उनका मनोबल भी बढ़ेगा. महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं.
  • राज्य के पंचायती राज संस्थान एवं नगर निकाय के शिक्षकों के सेवा शर्तों को बेहतर बनाने के लिये नई सेवा शर्त नियमावली लागू कर दी गई है. पूर्व में भी शिक्षकों का वेतन बढ़ाया गया है और आगे भी उन्हें लाभ मिलेगा.
  • सभी शिक्षकों से अनुरोध है कि आप बच्चों को पढ़ायें, उनका पढ़ना देश एवं राज्य के उत्थान के लिये जरूरी है.
  • उन्नयन बिहार की शिक्षा पद्धति को पूरे बिहार में लागू किया जा रहा है.
  • कोविड-19 के संक्रमण काल में शिक्षा से संबंधित योजनाओं यथा बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, कन्या उत्थान योजना आदि की कुल राषि 2892 करोड़ 20 लाख रुपये डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में अंतरित कर दी गई.
  • आर्यभट्ट ज्ञान के प्रतीक हैं, उसी तरह आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे एक विषिष्ट अवधारणा है. जिसे साकार करने के लिए काम करना होगा.
  • वर्ष 2005 तक शिक्षा का बजट 4,366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 33 हजार 191 करोड़ रुपये हो गया है, जो राज्य के पूरे बजट का लगभग 20 प्रतिशत है.
  • जब से जनता ने सेवा का मौका दिया है. हर क्षेत्र में विकास के कार्य किए गए हैं. लोगों की सेवा ही हमारा धर्म है. हमलोगों का उद्देश्य है हर क्षेत्र में तरक्की हो और युवा पीढ़ी का कल्याण हो.
  • शिक्षा का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं है बल्कि कॉन्शस होना है, ज्ञानी बनना है.
    patna
    कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी

  • बापू के बारे में स्कूलों में बच्चों को बताया जा रहा है. बापू का जीवन एक संदेश है.
  • शिक्षा के क्षेत्र में जितना काम किया गया है और जितनी प्रगति हुई है इसकी जानकारी नई पीढ़ी को दें.
  • हमलोगों ने आकलन करवाया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे महादलित और अल्पसंख्यक वर्ग के हैं. टोला सेवक और तालिमी मरकज की बहाली कर बच्चों को शुरुआती जानकारी देते हुए स्कूल भेजा गया.
  • महिलाओं को अक्षर ज्ञान की जानकारी के लिए अक्षर आंचल योजना की शुरुआत की गई.
  • माध्यमिक विद्यालय में बच्चियां .गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाती थीं. शुरुआत में 8वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई. बाद में पहली कक्षा से 12 वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक के साथ-साथ जूते-बैग वगैरह का भी इंतजाम कराया गया. जब आकलन कराया गया तो, 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी.
  • वर्ष 2008 में बालिका साईकिल योजना की शुरुआत की गई. लड़कियां गांव से झुंड में साइकिल से स्कूल जाने लगीं, तो दृश्य बदल गया. स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या तो बढी ही साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ा. बाद में लड़कों के लिए भी साईकिल योजना की शुरुआत की गई.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग सरकार में आए थे तो उस समय राज्य का प्रजनन दर 4.3 था और अब घटकर यह 3.2 हो गया है. सर्वे से यह पता चला कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है. पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का 1.6 है. इस आंकड़े की जानकारी से यूरेका की भावना आयी और हमलोगों ने निर्णय किया कि अगर सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाया जाए तो न केवल राज्य का प्रजनन दर कम होगा. बल्कि शिक्षित होने से उनका मनोबल भी बढ़ेगा.
  • महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं. राज्य में 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है. जिससे 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं.
  • शिक्षा की बेहतरी के लिए बिहार में 3.50 लाख शिक्षकों की बहाली की गई. 15 अगस्त को शिक्षकों के संबंध में की गई घोषणा को लागू कर दिया गया है.
  • 1 अप्रैल 2021 से वेतन वृद्धि को लागू कर दिया जाएगा. वेतनमद में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस पर लगभग 1950 करोड़ रुपए व्यय होगा. ईपीएफ पर 815 करोड़ अतिरिक्त व्यय होंगे. इस योजना के अंतर्गत कुल अतिरिक्त वित्तीय भार 2765 करोड़ रुपए बढ़ेगा. सभी लाभ को जोड़ने के बाद 20 प्रतिशत से ज्यादा का लाभ शिक्षकों को मिलेगा.
  • शुरू से ही हमने शिक्षकों के लिए कभी नियोजित शब्द का प्रयोग नहीं किया है. उन्हें प्रोन्नति का भी अवसर मिलेगा. शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण का भी प्रावधान किया गया है.
  • स्टूडेंट क्रेडिट योजना की शुरुआत की गई. जिसमें लड़कियों को 01 प्रतिशत और लड़कों को 4 प्रतिशत ऋण पर ब्याज उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें. उच्च शिक्षा के लिए अब तक 4 हजार करोड़ रुपये का ऋण छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई पर ध्यान दें. जरुरत हुई तो ऋण माफ भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश की उच्च शिक्षा दर 24 प्रतिशत है. जबकि बिहार की उच्च शिक्षा दर 13.9 प्रतिशत है. राज्य की उच्च शिक्षा दर 30 प्रतिशत से अधिक को प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.
  • विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक की बहाली के इच्छुक लोगों की वर्ष 2009 से 2012 के बीच पीएचडी की अमान्यता और एमफिल संबंधी एतराज की भावनाओं का आदर करते हुए नियुक्ति के आधार में आवश्यक परिवर्तन किया जायेगा.

सुशील मोदी भी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री ने मौलाना मजहरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के आवासन के लिए छात्रावास, शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन और परीक्षा भवन का भी उद्घाटन किया. साथ ही आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की चार शाखाएं- सेंटर ऑफ ज्योग्राफिकल स्टडीज, जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन, नदियों का अध्ययन केंद्र और पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का उद्घाटन किया और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी की प्रतिमा का भी अनावरण भी किया.

कई अधिकारी रहे मौजूद
इसके अलावा चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना में कर्मचारियों के फ्लैट, बालिका छात्रावास का भी उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्ण प्रसाद वर्मा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर0के0 महाजन ने भी संबोधित किया.

इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, योजना विकास विभाग के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सूचना जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यसभा सांसद हरिवंश, गृह सामान्य प्रशासन मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी भी शामिल हुए.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की ओर से पटना में नव निर्मित भवनों का उद्घाटन किया. बिहार के सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय के संचालन के उद्देश्य से 3304 अनाच्छादित पंचायतों में कक्षा नवम की पढ़ाई का भी शुभारंभ किया.

कोरोना के कारण नहीं खुले स्कूल
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों की इच्छा थी कि सभी ग्राम पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय बनें. 8386 पंचायतों में से 5082 ग्राम पंचायतों को माध्यमिक विद्यालय से आच्छादित किया जा चुका था. शेष 3304 पंचायतों में आज से 9वें क्लास की पढ़ाई शुरू हो जाएगी. 9वें क्लास की पढ़ाई 1 अप्रैल से ही शुरू होनी थी. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खुले हुए हैं.

'लोगों की सेवा ही हमारा धर्म'
स्कूल खुलने के बाद बच्चे-बच्चियों की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. लेकिन नामांकन के प्रक्रिया की शुरुआत अब कर देनी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता ने सेवा का मौका दिया. हर क्षेत्र में विकास के कार्य किए गए लोगों की सेवा ही हमारा धर्म है. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों में शिक्षक बहाली में एमफिल और पीएचडी को लेकर आपत्ती को दूर करने का भी आश्वासन दिया.

patna
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षा विभाग के कार्यक्रम की मुख्य बातें इस प्रकार से रही:

  • शिक्षा के क्षेत्र में शुरू से कार्य किया गया है. आज एक प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूल से बाहर हैं. जब सत्ता हम लोगों ने संभाली थी तो 12.5% से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर थे.
  • सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाया जाए तो न केवल राज्य की प्रजनन दर कम होगा बल्कि शिक्षित होने से उनका मनोबल भी बढ़ेगा. महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं.
  • राज्य के पंचायती राज संस्थान एवं नगर निकाय के शिक्षकों के सेवा शर्तों को बेहतर बनाने के लिये नई सेवा शर्त नियमावली लागू कर दी गई है. पूर्व में भी शिक्षकों का वेतन बढ़ाया गया है और आगे भी उन्हें लाभ मिलेगा.
  • सभी शिक्षकों से अनुरोध है कि आप बच्चों को पढ़ायें, उनका पढ़ना देश एवं राज्य के उत्थान के लिये जरूरी है.
  • उन्नयन बिहार की शिक्षा पद्धति को पूरे बिहार में लागू किया जा रहा है.
  • कोविड-19 के संक्रमण काल में शिक्षा से संबंधित योजनाओं यथा बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, कन्या उत्थान योजना आदि की कुल राषि 2892 करोड़ 20 लाख रुपये डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में अंतरित कर दी गई.
  • आर्यभट्ट ज्ञान के प्रतीक हैं, उसी तरह आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे एक विषिष्ट अवधारणा है. जिसे साकार करने के लिए काम करना होगा.
  • वर्ष 2005 तक शिक्षा का बजट 4,366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 33 हजार 191 करोड़ रुपये हो गया है, जो राज्य के पूरे बजट का लगभग 20 प्रतिशत है.
  • जब से जनता ने सेवा का मौका दिया है. हर क्षेत्र में विकास के कार्य किए गए हैं. लोगों की सेवा ही हमारा धर्म है. हमलोगों का उद्देश्य है हर क्षेत्र में तरक्की हो और युवा पीढ़ी का कल्याण हो.
  • शिक्षा का मतलब सिर्फ पढ़ना नहीं है बल्कि कॉन्शस होना है, ज्ञानी बनना है.
    patna
    कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी

  • बापू के बारे में स्कूलों में बच्चों को बताया जा रहा है. बापू का जीवन एक संदेश है.
  • शिक्षा के क्षेत्र में जितना काम किया गया है और जितनी प्रगति हुई है इसकी जानकारी नई पीढ़ी को दें.
  • हमलोगों ने आकलन करवाया तो पता चला कि 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे महादलित और अल्पसंख्यक वर्ग के हैं. टोला सेवक और तालिमी मरकज की बहाली कर बच्चों को शुरुआती जानकारी देते हुए स्कूल भेजा गया.
  • महिलाओं को अक्षर ज्ञान की जानकारी के लिए अक्षर आंचल योजना की शुरुआत की गई.
  • माध्यमिक विद्यालय में बच्चियां .गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाती थीं. शुरुआत में 8वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत की गई. बाद में पहली कक्षा से 12 वीं कक्षा की लड़कियों के लिए पोशाक के साथ-साथ जूते-बैग वगैरह का भी इंतजाम कराया गया. जब आकलन कराया गया तो, 9वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी.
  • वर्ष 2008 में बालिका साईकिल योजना की शुरुआत की गई. लड़कियां गांव से झुंड में साइकिल से स्कूल जाने लगीं, तो दृश्य बदल गया. स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या तो बढी ही साथ ही उनका मनोबल भी बढ़ा. बाद में लड़कों के लिए भी साईकिल योजना की शुरुआत की गई.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमलोग सरकार में आए थे तो उस समय राज्य का प्रजनन दर 4.3 था और अब घटकर यह 3.2 हो गया है. सर्वे से यह पता चला कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी 2 है. पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का 1.6 है. इस आंकड़े की जानकारी से यूरेका की भावना आयी और हमलोगों ने निर्णय किया कि अगर सभी लड़कियों को इंटर तक पढ़ाया जाए तो न केवल राज्य का प्रजनन दर कम होगा. बल्कि शिक्षित होने से उनका मनोबल भी बढ़ेगा.
  • महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं. राज्य में 10 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है. जिससे 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ चुकी हैं.
  • शिक्षा की बेहतरी के लिए बिहार में 3.50 लाख शिक्षकों की बहाली की गई. 15 अगस्त को शिक्षकों के संबंध में की गई घोषणा को लागू कर दिया गया है.
  • 1 अप्रैल 2021 से वेतन वृद्धि को लागू कर दिया जाएगा. वेतनमद में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस पर लगभग 1950 करोड़ रुपए व्यय होगा. ईपीएफ पर 815 करोड़ अतिरिक्त व्यय होंगे. इस योजना के अंतर्गत कुल अतिरिक्त वित्तीय भार 2765 करोड़ रुपए बढ़ेगा. सभी लाभ को जोड़ने के बाद 20 प्रतिशत से ज्यादा का लाभ शिक्षकों को मिलेगा.
  • शुरू से ही हमने शिक्षकों के लिए कभी नियोजित शब्द का प्रयोग नहीं किया है. उन्हें प्रोन्नति का भी अवसर मिलेगा. शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण का भी प्रावधान किया गया है.
  • स्टूडेंट क्रेडिट योजना की शुरुआत की गई. जिसमें लड़कियों को 01 प्रतिशत और लड़कों को 4 प्रतिशत ऋण पर ब्याज उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें. उच्च शिक्षा के लिए अब तक 4 हजार करोड़ रुपये का ऋण छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई पर ध्यान दें. जरुरत हुई तो ऋण माफ भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि देश की उच्च शिक्षा दर 24 प्रतिशत है. जबकि बिहार की उच्च शिक्षा दर 13.9 प्रतिशत है. राज्य की उच्च शिक्षा दर 30 प्रतिशत से अधिक को प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है.
  • विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक की बहाली के इच्छुक लोगों की वर्ष 2009 से 2012 के बीच पीएचडी की अमान्यता और एमफिल संबंधी एतराज की भावनाओं का आदर करते हुए नियुक्ति के आधार में आवश्यक परिवर्तन किया जायेगा.

सुशील मोदी भी रहे मौजूद
मुख्यमंत्री ने मौलाना मजहरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के आवासन के लिए छात्रावास, शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन और परीक्षा भवन का भी उद्घाटन किया. साथ ही आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की चार शाखाएं- सेंटर ऑफ ज्योग्राफिकल स्टडीज, जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन, नदियों का अध्ययन केंद्र और पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का उद्घाटन किया और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में महान गणितज्ञ आर्यभट्ट जी की प्रतिमा का भी अनावरण भी किया.

कई अधिकारी रहे मौजूद
इसके अलावा चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना में कर्मचारियों के फ्लैट, बालिका छात्रावास का भी उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्ण प्रसाद वर्मा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर0के0 महाजन ने भी संबोधित किया.

इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, योजना विकास विभाग के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सूचना जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यसभा सांसद हरिवंश, गृह सामान्य प्रशासन मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी भी शामिल हुए.

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