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बिहार में तीन साल में वज्रपात से 900 लोगों की हो चुकी है मौत, CM नीतीश ने की महत्वपूर्ण बैठक - CM Nitish Kumar Held Review Meeting

बिहार में वज्रपात की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक (CM Nitish Kumar Held Review Meeting) की. इस दौरान उन्होंने वज्रपात को लेकर लोगों को अलर्ट करने का निर्देश दिया. वहीं, शहरी और ग्रामीण इलाके में सरकारी भवनों पर तड़ित चालक लगवाने के लिए तेजी से अभियान चलाने का निर्देश दिया. पढ़ें पुरी खबर..

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
CM Nitish Kumar
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Published : Jul 22, 2022, 10:59 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में राज्य में हो रही वज्रपात (Lightning In Bihar) की घटनाओं पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गई. एक अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में हुई समीक्षात्मक बैठक में वज्रपात के संभावित खतरों के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने और वज्रपात से होनेवाली मौत की घटनाओं में कमी लाने पर जोर दिया गया.

ये भी पढ़ें-नालंदा में आकाशीय बिजली का कहर, वज्रपात ने ली मासूम समेत 3 की जान

सीएम नीतीश ने की समीक्षा बैठक: समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी भवनों पर यथाशीघ्र तड़ित चालक लगाने के लिए विशेष अभियान चलायें. वज्रपात की पूर्व सूचना प्राप्त हो, तो उन इलाकों के लोगों को तत्काल इसकी जानकारी टीवी, सोशल मीडिया, एसएमएस, मोबाइल, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए.

वज्रपात की घटनाओं की समीक्षा: बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार में पिछले 5 वर्षों की तुलना में इस वर्ष वज्रपात से होनेवाली मौत की घटनाओं में कमी देखी गई है. उन्होंने बताया कि जून 2020 में वज्रपात से बिहार में कुल 144 लोगों की मौत हुई थी, वहीं जून 2021 में यह संख्या 92 थी, जबकि, इस साल यह संख्या घटकर 74 हो गई है. जुलाई 2020 में वज्रपात से हुई मौत की कुल संख्या 158 थी, जुलाई 2021 में वज्रपात से 70 व्यक्तियों की मौत हुई थी. जबकि, इस वर्ष अब तक जुलाई माह में कुल 39 लोगों की वज्रपात से मृत्यु हो चुकी है.

वज्रपात से बचने के लिए जागरूकता अभियान: आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लोगों के बीच संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना और उसके खतरों के प्रति लोगों को आगाह करने हेतु बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है कि वज्रपात के समय क्या करें और क्या न करें. एडवाइजरी के जरिए लोगों को सचेत किया जा रहा है कि संभावित वज्रपात के समय खुले मैदान में खड़ा ना रहें और किसी पेड़ के नीचे शरण न लें. ऐसी विपरीत परिस्थिति में आसपास के पक्के भवन में ही शरण लेना सुरक्षित रहेगा.

वज्रपात की घटनाओं में कमी: आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि वज्रपात के संबंध में लोगों के बीच जारी की गयी एडवाइजरी और राज्य में निचले स्तर तक बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के कारण वज्रपात से होने वाली मृत्यु की घटनाओं में बिहार में कमी आई है. इसके अलावा विभिन्न माध्यमों से संभावित वज्रपात की सूचनाएं भी ससमय लोगों तक इंद्रवज एप्प, रेडियो, मोबाइल, एसएमएस, सोशल मीडिया, टेलीविजन जैसे अन्य विभिन्न माध्यमों से पहुंचाई जाती है.

भागलपुर में इस वर्ष हुई सबसे अधिक घटना: सचिव ने बताया कि इस वर्ष अब तक वज्रपात की हुई घटनाओं से संबंधित जिलावार प्रतिवेदन की जानकारी देते हुए बताया कि 5 जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में वज्रपात से मृत्यु हुई है. इस वर्ष अब तक भागलपुर में वज्रपात से सबसे अधिक 13 लोगों की मौत हुई है. जबकि, गया में 10 लोगों की वज्रपात से मौत हुई है. वर्ष 2020 में वज्रपात से 459 लोगों की मौत हुई थी, जो पिछले वर्ष 2021 में घटकर 280 रह गयी थी. इस वर्ष अब तक केवल 161 लोगों की मौत वज्रपात से हुई है.

सीएम नीतीश ने अधिकारियों को दिया निर्देश: समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी भवनों पर यथाशीघ्र तड़ित चालक लगाने के लिए विशेष अभियान चलायें. सभी सरकारी (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक) विद्यालय, पंचायत भवन, प्रखंड/अंचल, अनुमंडल कार्यालय, सहित अन्य सरकारी भवनों पर भी तड़ित चालक लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. निजी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें.

निचले इलाके में व्यापक अभियान चलाने का निर्देश: मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में निचले स्तर तक व्यापक रूप से निरंतर जागरूकता अभियान चलाते रहें. सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में विशेष रूप से निगरानी रखें और अभियान चलाकर एहतियात के तौर पर लोगों को सचेत करें. सीएम ने कहा कि जिन क्षेत्रों में संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना प्राप्त हो, उन इलाकों के लोगों को तत्काल इसकी जानकारी टीवी, सोशल मीडिया, एसएमएस, मोबाइल, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए.

एसएमएस के माध्यम से चेतावनी देने के निर्देश: सीएम ने कहा कि पंचायती राज प्रतिनिधियों को भी संभावित वज्रपात की चेतावनी एसएमएस के माध्यम से ससमय देना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि वज्रपात से हुई मौत पर मृतक के आश्रित को चार लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान देने का प्रावधान है. यह अनुग्रह अनुदान ससमय पीड़ित परिजनों को उपलब्ध कराएं. मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने जागरूकता अभियान में और अधिक तेजी लाकर निचले स्तर तक लोगों को जागरूक करने के लिये कहा.

ये भी पढ़ें- बिहार में आकाशीय बिजली ने फिर ली 6 की जान, अब तक 41 लोगों की मौत

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में राज्य में हो रही वज्रपात (Lightning In Bihar) की घटनाओं पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की गई. एक अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में हुई समीक्षात्मक बैठक में वज्रपात के संभावित खतरों के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने और वज्रपात से होनेवाली मौत की घटनाओं में कमी लाने पर जोर दिया गया.

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सीएम नीतीश ने की समीक्षा बैठक: समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी भवनों पर यथाशीघ्र तड़ित चालक लगाने के लिए विशेष अभियान चलायें. वज्रपात की पूर्व सूचना प्राप्त हो, तो उन इलाकों के लोगों को तत्काल इसकी जानकारी टीवी, सोशल मीडिया, एसएमएस, मोबाइल, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए.

वज्रपात की घटनाओं की समीक्षा: बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि बिहार में पिछले 5 वर्षों की तुलना में इस वर्ष वज्रपात से होनेवाली मौत की घटनाओं में कमी देखी गई है. उन्होंने बताया कि जून 2020 में वज्रपात से बिहार में कुल 144 लोगों की मौत हुई थी, वहीं जून 2021 में यह संख्या 92 थी, जबकि, इस साल यह संख्या घटकर 74 हो गई है. जुलाई 2020 में वज्रपात से हुई मौत की कुल संख्या 158 थी, जुलाई 2021 में वज्रपात से 70 व्यक्तियों की मौत हुई थी. जबकि, इस वर्ष अब तक जुलाई माह में कुल 39 लोगों की वज्रपात से मृत्यु हो चुकी है.

वज्रपात से बचने के लिए जागरूकता अभियान: आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा लोगों के बीच संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना और उसके खतरों के प्रति लोगों को आगाह करने हेतु बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है कि वज्रपात के समय क्या करें और क्या न करें. एडवाइजरी के जरिए लोगों को सचेत किया जा रहा है कि संभावित वज्रपात के समय खुले मैदान में खड़ा ना रहें और किसी पेड़ के नीचे शरण न लें. ऐसी विपरीत परिस्थिति में आसपास के पक्के भवन में ही शरण लेना सुरक्षित रहेगा.

वज्रपात की घटनाओं में कमी: आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि वज्रपात के संबंध में लोगों के बीच जारी की गयी एडवाइजरी और राज्य में निचले स्तर तक बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के कारण वज्रपात से होने वाली मृत्यु की घटनाओं में बिहार में कमी आई है. इसके अलावा विभिन्न माध्यमों से संभावित वज्रपात की सूचनाएं भी ससमय लोगों तक इंद्रवज एप्प, रेडियो, मोबाइल, एसएमएस, सोशल मीडिया, टेलीविजन जैसे अन्य विभिन्न माध्यमों से पहुंचाई जाती है.

भागलपुर में इस वर्ष हुई सबसे अधिक घटना: सचिव ने बताया कि इस वर्ष अब तक वज्रपात की हुई घटनाओं से संबंधित जिलावार प्रतिवेदन की जानकारी देते हुए बताया कि 5 जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में वज्रपात से मृत्यु हुई है. इस वर्ष अब तक भागलपुर में वज्रपात से सबसे अधिक 13 लोगों की मौत हुई है. जबकि, गया में 10 लोगों की वज्रपात से मौत हुई है. वर्ष 2020 में वज्रपात से 459 लोगों की मौत हुई थी, जो पिछले वर्ष 2021 में घटकर 280 रह गयी थी. इस वर्ष अब तक केवल 161 लोगों की मौत वज्रपात से हुई है.

सीएम नीतीश ने अधिकारियों को दिया निर्देश: समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण इलाकों के सरकारी भवनों पर यथाशीघ्र तड़ित चालक लगाने के लिए विशेष अभियान चलायें. सभी सरकारी (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक) विद्यालय, पंचायत भवन, प्रखंड/अंचल, अनुमंडल कार्यालय, सहित अन्य सरकारी भवनों पर भी तड़ित चालक लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. निजी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें.

निचले इलाके में व्यापक अभियान चलाने का निर्देश: मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में निचले स्तर तक व्यापक रूप से निरंतर जागरूकता अभियान चलाते रहें. सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में विशेष रूप से निगरानी रखें और अभियान चलाकर एहतियात के तौर पर लोगों को सचेत करें. सीएम ने कहा कि जिन क्षेत्रों में संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना प्राप्त हो, उन इलाकों के लोगों को तत्काल इसकी जानकारी टीवी, सोशल मीडिया, एसएमएस, मोबाइल, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए.

एसएमएस के माध्यम से चेतावनी देने के निर्देश: सीएम ने कहा कि पंचायती राज प्रतिनिधियों को भी संभावित वज्रपात की चेतावनी एसएमएस के माध्यम से ससमय देना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि वज्रपात से हुई मौत पर मृतक के आश्रित को चार लाख रूपये का अनुग्रह अनुदान देने का प्रावधान है. यह अनुग्रह अनुदान ससमय पीड़ित परिजनों को उपलब्ध कराएं. मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने जागरूकता अभियान में और अधिक तेजी लाकर निचले स्तर तक लोगों को जागरूक करने के लिये कहा.

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