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Patna News: वन पर्यावरण विभाग की सीएम नीतीश ने की समीक्षा बैठक, नहीं पहुंचे विभागीय मंत्री तेज प्रताप यादव

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Published : Jun 2, 2023, 5:33 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा की और वृक्षारोपण अभियान की तैयारियों की विस्तृत जानकारी ली. इस दौरान बैठक में मंत्री तेज प्रताप यादव नहीं पहुंचे.

CM Nitish kumar held review meeting of Forest Environment
CM Nitish kumar held review meeting of Forest Environment

पटना: समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की बड़ी भूमिका है. विभाग नीतियों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर बेहतर ढंग से कार्य करे और लक्ष्य के अनुरूप और तेजी से पौधारोपण कराएं. पौधारोपण के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसको ठीक ढंग से कार्यान्वित करें. मुख्यमंत्री की बैठक में विभागीय मंत्री तेज प्रताप यादव नहीं पहुंचे उनकी कुर्सी खाली दिखी.

पढ़ें- Bihar Politics: सीएम के करीबी रहे 'हरिवंश नारायण सिंह' जरूरी या मजबूरी, जानें नीतीश का स्टैंड

वन पर्यावरण विभाग की सीएम नीतीश ने की समीक्षा बैठक: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पहाड़ी क्षेत्र के निचले भागों में जल संग्रहण के लिए जो जगह बनायी गयी हैं उन जगहों पर भी पौधारोपण कराएं. उन्होंने कहा कि जो पौधे पहले से लगाए गए हैं उनके सर्वाइवल के लिए सभी जरूरी उपाय करें. सरकारी भवनों के परिसर में भी जितना संभव हो पौधारोपण कराएं. नहर एवं नदी के किनारे पौधारोपण कार्य में तेजी लाएं. सड़क किनारे भी लक्ष्य के अनुरूप तेजी से पौधारोपण कराएं. सभी जिलों में पौधारोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अधिक-से-अधिक लोगों को जोड़ें और पौधारोपण के लक्ष्य को प्राप्त करें.

"बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रह गया था. वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई. 24 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाए गए. बड़ी संख्या में पौधारोपण किए जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत तक पहुंच गया. राज्य का हरित आवरण क्षेत्र कम-से-कम 17 प्रतिशत तक हो जाए इसके लिए तेजी से पौधारोपण कराएं."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

तेजी से पौधारोपण करने का निर्देश: इस दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि वर्ष 2019 में जल जीवन -हरियाली अभियान की शुरुआत की गई जिसमें हरियाली को बढ़ावा देने के लिए तथा जल संरक्षण के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम किये जा रहे हैं. राजगीर, गया और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पौधारोपण के लिए बीज डाले गए जिससे वहां वृक्षों की संख्या बढ़ी और क्षेत्र हरा-भरा दिखता है. उन्होंने कहा कि बिहार में इको टूरिज्म के विकास के लिए कई कार्य किए गए हैं. बैठक में वित्त वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.

नहीं पहुंचे तेज प्रताप: बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेजप्रताप यादव तो नहीं पहुंचे थे लेकिन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को दी. बैठक में निदेशक सामाजिक वाणिकी सीपी खंडूजा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल जीवन हरियाली अभियान के तहत वृक्षारोपण अभियान 2023-24 के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए 433.93 लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है.

पटना: समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की बड़ी भूमिका है. विभाग नीतियों एवं प्राथमिकताओं के आधार पर बेहतर ढंग से कार्य करे और लक्ष्य के अनुरूप और तेजी से पौधारोपण कराएं. पौधारोपण के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसको ठीक ढंग से कार्यान्वित करें. मुख्यमंत्री की बैठक में विभागीय मंत्री तेज प्रताप यादव नहीं पहुंचे उनकी कुर्सी खाली दिखी.

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वन पर्यावरण विभाग की सीएम नीतीश ने की समीक्षा बैठक: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पहाड़ी क्षेत्र के निचले भागों में जल संग्रहण के लिए जो जगह बनायी गयी हैं उन जगहों पर भी पौधारोपण कराएं. उन्होंने कहा कि जो पौधे पहले से लगाए गए हैं उनके सर्वाइवल के लिए सभी जरूरी उपाय करें. सरकारी भवनों के परिसर में भी जितना संभव हो पौधारोपण कराएं. नहर एवं नदी के किनारे पौधारोपण कार्य में तेजी लाएं. सड़क किनारे भी लक्ष्य के अनुरूप तेजी से पौधारोपण कराएं. सभी जिलों में पौधारोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अधिक-से-अधिक लोगों को जोड़ें और पौधारोपण के लक्ष्य को प्राप्त करें.

"बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रह गया था. वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई. 24 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाए गए. बड़ी संख्या में पौधारोपण किए जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 15 प्रतिशत तक पहुंच गया. राज्य का हरित आवरण क्षेत्र कम-से-कम 17 प्रतिशत तक हो जाए इसके लिए तेजी से पौधारोपण कराएं."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

तेजी से पौधारोपण करने का निर्देश: इस दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि वर्ष 2019 में जल जीवन -हरियाली अभियान की शुरुआत की गई जिसमें हरियाली को बढ़ावा देने के लिए तथा जल संरक्षण के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम किये जा रहे हैं. राजगीर, गया और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पौधारोपण के लिए बीज डाले गए जिससे वहां वृक्षों की संख्या बढ़ी और क्षेत्र हरा-भरा दिखता है. उन्होंने कहा कि बिहार में इको टूरिज्म के विकास के लिए कई कार्य किए गए हैं. बैठक में वित्त वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे.

नहीं पहुंचे तेज प्रताप: बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेजप्रताप यादव तो नहीं पहुंचे थे लेकिन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को दी. बैठक में निदेशक सामाजिक वाणिकी सीपी खंडूजा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जल जीवन हरियाली अभियान के तहत वृक्षारोपण अभियान 2023-24 के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए 433.93 लाख पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है.

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