पटना : मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षात्मक बैठक हुयी. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने अपने विभाग द्वारा इस संबंध में की जा रही तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. प्रधान सचिव ने बताया कि इसरो के साथ जल्द ही बिहार सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर हो जायेगा, जिससे राज्य के बहुआयामी आपदा जोखिम आकलन में सहायता मिलेगी.
मौसम विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि ने 5 जुलाई से 18 जुलाई के बीच में सामान्य से ज्यादा वर्षापात की संभावना जताई है. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मौसम विज्ञान के प्रतिनिधि के मुताबिक इस बार भी कम वर्षापात की आशंका है. अतः संभावित सूखे की स्थिति से निपटने के लिए जानकारी दी गयी है. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों ने बाढ़ की स्थिति एवं सुखाड़ की स्थिति में अपने-अपने जिलों में इसके लिये की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में विभिन्न बिन्दुओं पर फीडबैक भी मिला है. 13 तारीख को बिहार विधानमण्डल के सेंट्रल हॉल में विधायकों, विधान पार्षदों के साथ भी इस संबंध में बैठक होगी और उनसे अपने-अपने क्षेत्र के संबंध में सुझाव एवं फीडबैक लिये जायेंगे. जलवायु परिवर्तन होने से वर्षापात कम हो रहा है. पिछले 13 वर्षों में बिहार में वर्षापात 1000 मी.मी. से कम ही हुआ है लेकिन पिछले वर्ष सूखे की स्थिति रही और इस वर्ष भी इसकी संभावना बतायी जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित विभाग आपस में को-ऑर्डिनेशन करते रहें और फीडबैक के आधार पर संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिये तैयार रहें. उन्होंने कहा कि कृषि इनपुट अनुदान और फसल सहायता योजना का लाभ सभी किसानों को दिलाना सुनिष्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखे की स्थिति में वैकल्पिक फसल के लिये भी योजना बना लेनी होगी. पषु षिविरों को कारगर करना होगा.
तालाबों की उड़ाही कराकर वहां सोलर पंपिंग सेट लगाने की व्यवस्था हो जाने से पानी की व्यवस्था सुनिश्चित हो जायेगी और पषुओं को इससे काफी राहत मिलेगी. पषुओं के बीमारियों के इलाज के लिये उपाय, पषुओं के नियमित टीकाकरण आदि की व्यवस्था रखें. रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी अमल करना होगा. चेक डैम के लिये भी काम करना होगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के माध्यम से सार्वजनिक तालाबों, पोखर, आहर आदि की खुदाई में कितने काम किये जा रहे हैं, इसके बारे में विभाग एवं जिलाधिकारी आंकलन करवा लें.
पेयजल की व्यवस्था, कृषि के लिये पानी की उपलब्धता, लोगों की बीमारियों के बचाव के लिये संबंधित विभागों को तैयार रहना होगा. नए तकनीक वाले और ज्यादा गहराई वाले चापाकल लगाए जाएं. मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जलाशयों का अपने स्तर से दौरा कर वहां की स्थिति का आकलन कर लीजिए. उन्होंने कहा कि सूखे की स्थिति में जब कृषि क्षेत्र में लोगों को काम नहीं मिल पायेगा तो उनके वैकल्पिक रोजगार के लिये हमलोगों को काम करना होगा, इसके लिये कई प्रोजेक्ट बनाये गये हैं.
बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंदकिषोर यादव, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय, लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, जल संसाधन मंत्री संजय झा सहित संबंधित विभागों के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.