पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित' संकल्प' में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और श्रम संसाधन विभाग की समीक्षा हुई. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में ईको टूरिज्म के विकास के लिए कई कार्य किए गए हैं. कई आकर्षक स्थलों को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है. कई जगहों का उन्होंने भ्रमण भी किया है.
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पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा: मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर और बाल्मिकीनगर पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रहा है. पर्यटक स्थलों तक पहुंचने के लिए आवागमन को सुगम बनाया गया है और उनकी सुविधाओं का बेहतर इंतजाम किया गया है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार में जो पर्यटन स्थल विकसित किये गये हैं, उसके अतिरिक्त अन्य स्थलों का चयन करें और उसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्य करें. प्रकृति से सामंजस्य रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा दें. पर्यटक स्थलों तक की सड़कों के मेंटेनेंस का भी विशेष ध्यान रखें. ईको टूरिज्म के प्रबंधन एवं मेंटेनेंस को लेकर विभाग मुस्तैदी से काम करें. ताकि पर्यटन के क्षेत्र में और विकास हो और विकास से राज्य में आनेवाले पर्यटकों की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ ही स्थानीय लोगों की भी आमदनी बढ़ेगी.
सभी जिलों को अधिक से अधिक पौधा लगाने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रह गया था. वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई. 24 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाये गये, बड़ी संख्या में पौधारोपण किये जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र बढ़कर अब 15 प्रतिशत तक पहुंच गया है. जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई. जल-जीवन- हरियाली अभियान के अन्तर्गत हरियाली को बढ़ाने एवं जल संरक्षण के लिये योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है. वृक्षारोपण गतिविधि के माध्यम से लोगों को शामिल कर सभी जिलों में अधिक से अधिक पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है.
प्रदेश में बढ़ा हरित आवरण क्षेत्र: सीएम ने कहा कि सड़क के किनारे वृक्षारोपण किये जा रहे हैं. राजगीर, गया और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पौधारोपण के लिए बीज डाला गया. जिससे वृक्षों की संख्या बढ़ी है. राज्य का हरित आवरण क्षेत्र कम से कम 17 प्रतिशत तक हो जाए, इसके लिए लक्ष्य के अनुरूप तेजी से और पौधारोपण कराएं. राज्य में जलवायु अनुकूल किये गये, कार्यों की प्रशंसा देश के बाहर भी हो रही है. कलाइमेट चेंज को लेकर संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में मुझे राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे जल जीवन हरियाली अभियान के संबंध में संबोधित करने का मौका मिला था, जिसमें मैंने इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी थी.
बैठक में उपस्थित रहे विभाग के मंत्री: बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेजप्रताप यादव भी मौजूद थे. इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रम संसाधन विभाग की भी समीक्षा की और अधिकारियों को कई निर्देश दिए कि कुशल युवा कार्यक्रम के संबंध में अधिक से अधिक युवाओं तक जानकारी पहुंचाएं. ताकि वे इसका लाभ उठा सकें. जिन आईटीआई भवनों का निर्माण अभी पूर्ण नहीं हुआ, उन्हें जल्द पूर्ण करें. बैठक में श्रम संसाधन मंत्री सुरेश राम और सभी अधिकारी भी मौजूद थे.
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