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Mission 2024: इस महीने बिहार में सजेगा विपक्षी नेताओं का मंच, अपने मिशन में कितना कामयाब हो पाएंगे नीतीश?

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Published : May 7, 2023, 12:25 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की कवायद में लगे हुए हैं. 9 मई को वह उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिलने जा रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और एनसीपी चीफ शरद पवार से भी फोन पर बातचीत कर चुके हैं. विपक्ष के अधिकांश दलों के नेताओं को बिहार में होने वाली बैठक को लेकर सीएम निमंत्रण दे चुके हैं. कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में विपक्षी दलों की बैठक होनी है और उसको लेकर लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

पटना: बिहार में महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों की एक मजबूत गठबंधन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. इसको लेकर 3 बार तक दिल्ली का दौरा कर चुके हैं. कोलकाता और लखनऊ भी जा चुके हैं. अब उड़ीसा जाने वाले हैं. ऐसे तो पिछले कई दिनों से यह चर्चा हो रही थी लेकिन अब 9 मई को उड़ीसा जाने की सूचना है.

ये भी पढ़ें: Opposition Unity: कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में जुटेंगे भाजपा विरोधी दल के नेता, बनेगी रणनीति

विपक्षी एकजुटता की कवायद: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 अप्रैल को राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और वामपंथी दल के नेताओं से मिल चुके हैं. नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं को बिहार में होने वाली बैठक को लेकर आमंत्रण दे रहे हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद एक सप्ताह के अंदर यह बैठक होगी. जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 17 नहीं तो 18 मई को यह बैठक हो सकती है. उसी सिलसिले में उड़ीसा जाकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी निमंत्रण देने वाले हैं.

बिहार में होगी विपक्षों नेताओं की बैठक: नीतीश कुमार महाराष्ट्र जाकर उद्धव ठाकरे और शरद पवार को भी निमंत्रण दे सकते हैं. वैसे बिहार विधान परिषद के सभापति और नीतीश कुमार के नजदीकी देवेश चंद्र ठाकुर उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिल चुके हैं. नीतीश कुमार ने दोनों नेताओं से फोन से भी बातचीत की है. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर निमंत्रण दे चुके हैं. नीतीश कुमार के नजदीकी मंत्री संजय झा ने भी जानकारी दी है कि नीतीश कुमार फोन से भी लगातार विपक्षी नेताओं से संपर्क में है और कर्नाटक चुनाव के बाद एक बड़ी बैठक होगी. विपक्षी एकजुटता की मुहिम बिहार से शुरू होगी.

अपने मिशन में कामयाब हो पाएंगे नीतीश?: कांग्रेस के साथ जाने में कई विपक्षी दल को आपत्ति शुरू से रही है, जिसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल है लेकिन अब नीतीश कुमार कोऑर्डिनेटर की भूमिका में है. ऐसे में देखना दिलचस्प है कि इन राज्यों के मुख्यमंत्री कांग्रेस के साथ बनने वाली गठबंधन की चर्चा में भाग लेने आते हैं कि नहीं. नीतीश कुमार चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष अधिकांश लोकसभा सीटों पर संयुक्त रूप से उम्मीदवार दें, जिससे बीजेपी को आसानी से हराया जा सके. बिहार में होने वाली बैठक में सीट शेयरिंग से लेकर अन्य रणनीति पर चर्चा होगी. राज्यों में प्रमुख दल कांग्रेस को लोकसभा सीट अधिक संख्या में देने के लिए तैयार नहीं है. नीतीश कुमार बिहार में होने वाली बैठक में उसी को लेकर रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे.

पटना: बिहार में महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों की एक मजबूत गठबंधन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. इसको लेकर 3 बार तक दिल्ली का दौरा कर चुके हैं. कोलकाता और लखनऊ भी जा चुके हैं. अब उड़ीसा जाने वाले हैं. ऐसे तो पिछले कई दिनों से यह चर्चा हो रही थी लेकिन अब 9 मई को उड़ीसा जाने की सूचना है.

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विपक्षी एकजुटता की कवायद: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 अप्रैल को राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और वामपंथी दल के नेताओं से मिल चुके हैं. नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं को बिहार में होने वाली बैठक को लेकर आमंत्रण दे रहे हैं. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद एक सप्ताह के अंदर यह बैठक होगी. जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 17 नहीं तो 18 मई को यह बैठक हो सकती है. उसी सिलसिले में उड़ीसा जाकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी निमंत्रण देने वाले हैं.

बिहार में होगी विपक्षों नेताओं की बैठक: नीतीश कुमार महाराष्ट्र जाकर उद्धव ठाकरे और शरद पवार को भी निमंत्रण दे सकते हैं. वैसे बिहार विधान परिषद के सभापति और नीतीश कुमार के नजदीकी देवेश चंद्र ठाकुर उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिल चुके हैं. नीतीश कुमार ने दोनों नेताओं से फोन से भी बातचीत की है. वहीं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर निमंत्रण दे चुके हैं. नीतीश कुमार के नजदीकी मंत्री संजय झा ने भी जानकारी दी है कि नीतीश कुमार फोन से भी लगातार विपक्षी नेताओं से संपर्क में है और कर्नाटक चुनाव के बाद एक बड़ी बैठक होगी. विपक्षी एकजुटता की मुहिम बिहार से शुरू होगी.

अपने मिशन में कामयाब हो पाएंगे नीतीश?: कांग्रेस के साथ जाने में कई विपक्षी दल को आपत्ति शुरू से रही है, जिसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल है लेकिन अब नीतीश कुमार कोऑर्डिनेटर की भूमिका में है. ऐसे में देखना दिलचस्प है कि इन राज्यों के मुख्यमंत्री कांग्रेस के साथ बनने वाली गठबंधन की चर्चा में भाग लेने आते हैं कि नहीं. नीतीश कुमार चाहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष अधिकांश लोकसभा सीटों पर संयुक्त रूप से उम्मीदवार दें, जिससे बीजेपी को आसानी से हराया जा सके. बिहार में होने वाली बैठक में सीट शेयरिंग से लेकर अन्य रणनीति पर चर्चा होगी. राज्यों में प्रमुख दल कांग्रेस को लोकसभा सीट अधिक संख्या में देने के लिए तैयार नहीं है. नीतीश कुमार बिहार में होने वाली बैठक में उसी को लेकर रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे.

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