पटना: सीएम नीतीश कुमार ने आर ब्लॉक स्थित बाबू वीर कुंवर सिंह पार्क में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण (CM Nitish Tribute To Veer Kunwar Singh In Patna) कर उन्हें नमन किया. इस दौरान उन्होंने वीर कुंवर सिंह को देश का महान योद्धा बताया और उनकी वीरता को याद किया. इस दौरान सीएम ने बाबू वीर कुंवर सिंह के शौर्य को याद करते हुए बीजेपी को बड़ी नसीहत (CM Nitish Kumar advice to BJP ) दी है. उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह समाज के सभी तबको को जोड़कर चलते थे. इस बात को सभी को याद रखना चाहिए.
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सीएम ने कह दी ये बड़ी बात: सीएम नीतीश ने कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह हिंदू, मुस्लिम, समाज का कोई भी तबका का आदमी हो, अपर कास्ट, पिछड़ी जाति, दलित समाज के लोग हों, सभी को बाबू वीर कुंवर सिंह जोड़कर चलते थे. अंग्रेजों से लड़ाई में उन्होंने कितने लोगों की भूमिका लगायी थी. ये सारी चीजें याद करना चाहिए. हमलोग तो बचपन से इन चीजों को सुनते रहे हैं, जानते रहे हैं.
"बाबू वीर कुंवर सिंह की जो भूमिका थी उससे सीख लेने की जरूरत है. हमसे जितना हो सका उनकी स्मृति को संजोया है. यूनिवर्सिटी तो पहले ही बन गया था. हमने इसके अलावे भी बहुत कुछ किया है. गंगा नदी पर ब्रिज बनवाए. कृषि विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर किया गया. जगदीशपुर को विकसित किया. हम तो कितनी बार जाते रहे हैं. आज आने का मौका मिला तो बहुत खुशी हो रही है."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
राष्ट्रीय स्तर पर बाबू वीर कुंवर सिंह का कार्यक्रम मनाने की मांग: सीएम ने कहा कि वीर कुंवर सिंह याद में हर साल हमलोग आयोजन करते रहे हैं. 2 साल कोरोनावायरस था इसलिए नहीं मनाया गया. बिहार में बहुत पहले से उनके विजयोत्सव दिवस पर आयोजन हो रहा है. बच्चों की पढ़ाई में भी बाबू वीर कुंवर सिंह की क्या भूमिका है, इस को शामिल किया गया. ताकि नई पीढ़ी को उनके बलिदान और वीरता के बारे में जानकारी है. उनके नाम पर कई कार्यक्रम हमने शुरू किया. हम तो शुरू से कह रहे हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर बाबू वीर कुंवर सिंह का कार्यक्रम करना चाहिए.
महान योद्धा की वीरता को किया गया याद: बता दें कि अंग्रेजों के खिलाफ देश की आजादी के लिए 1857 की लड़ाई को स्वतंत्रता का पहला आंदोलन भी कहा जाता है. जगदीशपुर के बाबू वीर कुंवर सिंह इस आंदोलन के महानायक थे. 80 साल की उम्र में उन्होंने खुद सेनापति बनकर भारतीय सैनिकों के साथ मैदान-ए-जंग में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे. लाख कोशिश के बावजूद भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा. वीर कुंवर सिंह ने आरा जेल को तोड़कर कैदियों को मुक्त कराया और खजाने पर कब्जा जमाया. आरा के जगदीशपुर में 17 नवंबर 1777 को जन्मे वीर कुंवर सिंह को इतिहास में 80 साल की उम्र में दुश्मनों से लड़ने और जीत हासिल करने के जज्बे के लिए जाना जाता है.
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