पटना: जलवायु परिवर्तन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते साल जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की थी. इसको लेकर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना पर बिहार सरकार ने 3 साल में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया है.
'बिहार लौटे श्रमिकों को उपलब्ध कराया गया रोजगार'
वहीं, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि योजना को सफल बनाने के लिए सरकार की ओर से पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के माध्यम से जल स्त्रोतों का सर्वे करवाया गया था. उसके बाद पोखर-तालब का उड़ाही से लेकर जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ था. नए जल स्त्रोत, पोखर और पाइन के साथ बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की जा रही है. लॉकडाउन के दौरान बाहर के प्रदेशों से वापस लौटे श्रमिकों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया था. उन्होंने बताया कि इस योजना को सीएम नीतीश कुमार खुद से अपनी देखरेख में क्रियान्वित कर रहे हैं.
- जल जीवन हरियाली अभियान को सफल बनाने के लिए लगभग एक दर्जन से अधिक विभाग कार्यरत हैं. जिनमे से ये प्रमुख हैं.
- जल जीवन हरियाली मिशन के तहत सबसे अधिक 26, 039 योजनाओं पर ग्रामीण विकास विभाग की ओर से काम किया जा रहा है. इनमें 249.59 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं.
- ग्रामीण विकास विभाग के अलावा ऊर्जा विभाग की ओर से 11. 23 करोड़ की लागत से 26 योजनाओं पर काम चल रहा है.
- कृषि विभाग की ओर से 8.5 करोड़ की लागत से 180 योजनाओं पर काम हो रहा है.
- नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से 18. 48 करोड़ की लागत से 497 योजनाओं पर काम चल रहा है.
- पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से 36 .41 करोड़ की लागत से 49 योजनाओं पर काम चल रहा है.
- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से 15.04 करोड़ की लागत से 789 योजनाओं पर काम चल रहा है.
- भवन निर्माण विभाग की ओर से 42.9 करोड़ की लागत से 2661 योजनाओं पर काम चल रहा है.
- लघु जल संसाधन विभाग की ओर से 975.19 करोड़ की लागत से 1413 योजनाओं पर काम हो रहा है.
- लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ओर से 2.68 करोड़ की लागत से 1127 योजनाओं पर काम चल रहा है.
'लक्ष्य के अनुसार कर रहे कार्य'
वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी 'जल जीवन हरियाली अभियान' को सफल बनाने में हमलोग आपसी तालमेल बिठा कर कार्य कर रहे हैं. लक्ष्य के अनुसार कार्य किया जा रहा है. कई क्षेत्रों में अच्छी उपलब्धि मिली है. जल जीवन हरियाली के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार भी मुहैया कराया गया है.
'मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट है यह अभियान'
वहीं, अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन विभाग अमृतलाल मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि जल जीवन हरियाली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न विभाग कार्य कर रहे हैं. लघु जल संसाधन विभाग की ओर से परंपरागत जल स्रोतों की उड़ाही का काम किया जा रहा है. विभाग को 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले सभी परंपरागत जल स्रोतों की उड़ाही का जिम्मा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि मानसून के पहले करीब 1,000 जल स्त्रोत चौराहे का काम पूरा कर लिया गया था. ऐसी सभी जल स्रोतों में इस बार बारिश के बाद जल भंडारण हुआ है. बाकी बचे तालाबों के डीपीआर बनाने का काम चल रहा है. जल संचयन करने को लेकर चरणबद्ध तरीके से इनकी उड़ाही का काम किया जाएगा. सभी तालाबों की उड़ाही का प्राक्कलन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. आने वाले समय में सभी तालाबों का सर्वेक्षण कर उन में वृक्षारोपण किया जाएगा. हर तालाब में इनलेट आउटलेट की व्यवस्था की गई है, ताकि उसमें पानी भर सके और उससे पानी निकालकर किसान पटवन कर सकें.
12 विभागों को 3 साल में अभियान को करना है पूरा
गौरतलब है कि बीते साल 26 अक्टूबर को सीएम नीतीश ने ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में 1359.27 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 32701 योजनाओं का शिलान्यास और 291.27 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 2391 योजनाओं का उद्घाटन किया था. इसी दौरान सीएम ने जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की थी. कार्यक्रम की शुरुआत के बाद सीएम ने जिले के कई प्रखंड का खुद से दौरा भी किया था. बताते चले की 3 साल में जल जीवन हरियाली योजना को 12 विभागों को मिलकर पूरा करना है. इस योजना के तहत 62,412 तालाब, 81200 सार्वजनिक कुंआ, 32,139 नए जल स्त्रोतों का सृजन, 1 लाख 4922 रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सात करोड़ 70 लाख से अधिक पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है.