पटनाः विधानमंडल का बजट सत्र जारी है. तीसरा दिन गहमागहमी भरा रहा. सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच बहस भी छिड़ी. विधानसभा में तो सीएम नीतीश कुमार ने तेजस्वी पर प्यार बरसाया. लेकिन जैसे ही वे विधान परिषद पहुंचे, उनके तेवर बदल गए. उन्होंने सख्त लहजे में राजद के नेताओं से कई बात कह दी. वहीं बाहर निकले राजद नेताओं ने सीएम पर कई गंभीर आरोप लगा दिए.
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विपक्ष की टिप्पणी पर बिफरे सीएम
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार परिषद में अपनी बात रखने पहुंचे थे. नीतीश कुमार राज्यपाल के अभिभाषण पर बोल रहे थे. अपनी बात रख रहे थे. सरकार की योजनाओं और कार्यों की जानकारी दे रहे थे. इसी दौरान राजद के नेताओं की तीखी टिप्पणी पर वे बिफर पड़े. उन्होंने यहां तक कह दिया कि आप लोगों को कुछ ना कुछ तो कहना ही पड़ेगा. नहीं तो जेल से फोन आ जाएगा. नीतीश कुमार का सीधा इशारा लालू प्रसाद यादव की तरफ था, जो चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता हैं. तबीयत बिगड़ने के कारण वे फिलहाल दिल्ली एम्स में इलाजरत हैं.
विपक्ष के नेताओं ने लगाया सीएम पर आरोप
बता दें कि विधान परिषद में सीएम नीतीश कुमार धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर अपना जवाब दे रहे थे. इस दौरान राजद के नेताओं द्वारा धान खरीद मामले को लेकर टीका टिप्पणी की गई. इसपर सीएम नीतीश कुमार काफी गुस्सा गए. जिसके बाद राजद के नेताओं ने सदन का बहिष्कार कर बाहर निकलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगा गए. नेताओं ने कहा, नीतीश कुमार विपक्ष के नेताओं को सदन के अंदर धमकी भरे लहजे में बात करते हैं.
हालांकि सीएम नीतीश कुमार जब विधान परिषद से बाहर निकले तो संवाददाताओं ने उनसे कहा कि राजद नेताओं का आरोप है कि आप सदन में गलत व्यवहार करते हैं. इसपर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मेरी किसी से दुर्भावना नहीं है. मैं तो सभी से प्यार से बात करता हूं.
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धान खरीद को लेकर की थी टिप्पणी
राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि धान खरीद अधिप्राप्ति पर सीएम सदन को गुमराह कर रहे हैं. राजद नेता सुनील सिंह ने कहा कि बिहार में 1 करोड़ 68 लाख किसान हैं. लेकिन सरकार मात्र 4 लाख 16 हजार किसानों से धान खरीद की है. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में इस बात पर भी जिक्र की है. राजद नेता ने कहा, आज भी किसानों की धान की खरीद नहीं हो रही है. 1200 रुपये में किसान धान बेचने को मजबूर हैं.
सीएम करने लगते हैं तुम-ताराम
जब हमने मुख्यमंत्री से मांग की कि 2 महीना और धान खरीद का समय बढ़ायी जाए. तो मुख्यमंत्री तुम-ताराम करने लगते हैं. जो बिल्कुल ही असंवैधानिक है. विधानसभा का सदस्य हो या फिर विधान परिषद का सदस्य. सदस्य, सदस्य होता है. वह भी किसी दिन इसी सदन के सदस्य थे. मुख्यमंत्री द्वारा सदस्य को अपनी बात रखने के लिए कहा जाता है. जब सदस्य अपनी बात रखते हैं तो वे बिगड़ जाते हैं.
बिचौलिये की जांच तो करवाएं
नेताओं ने कहा, मुख्यमंत्री द्वारा गलत शब्दों के बयानबाजी की वजह से हम लोगों ने सदन से वॉकआउट कर लिया है. राजद नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कहा जा रहा है कि अब बिचौलिया के पास धन है. तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि बिचौलिया कौन हैं. मुख्यमंत्री सबसे पहले उसकी तो जांच करवाएं. सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जब बिहार में 35 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद हुई है, तो उसमें बड़े किसान कितने हैं. इसकी जांच मुख्यमंत्री करवाएं. राजद नेता ने सरकार पर आरोप लगाया कि पैक्स के माध्यम से सरकार ने ही बिचौलियों के धान की खरीद की है. लेकिन मुख्यमंत्री मानने को तैयार नहीं हैं.
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बीजेपी की वजह से सीएम फ्रस्ट्रेशन में हो गए
वहीं राजद नेता सुबोध कुमार ने कहा कि बीजेपी उन्हें सता रही है. इससे वे अपना गुस्सा विपक्ष पर निकाल रहे हैं. सदन में मुख्यमंत्री विपक्षी नेताओं को तुम-ताम कर रहे थे. जो अमर्यादित भाषा है. जब हम लोग अपनी बात सदन में रखते हैं, तो वे हम लोगों की बात को सीरियस नहीं लेते हैं. अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए धमकी देने लगते हैं.