पटना: राजधानी के नगर निगम में कार्यरत निजी एजेंसी के अधीन कर्मियों को अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीने का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. जिसकी वजह से सभी कर्मी 10 नवंबर से कार्य का बहिष्कार करने जा रहे हैं. नगर निगम कर्मी वेतन नहीं तो काम नहीं के नारे के साथ निगम कार्यालय का घेराव करेंगे.
कार्य बहिष्कार का लिया निर्णय
स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार को लेकर एक तरफ पटना नगर निगम लगातार शहर में सफाई अभियान चला रहा है. साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए नाटक के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चला रहा है. इसके अलावा कई नई योजना के माध्यम से प्रतियोगिता भी शुरू किया है. जिससे कि शहर की सफाई में लोगों का समर्थन मिल सके और रैंकिंग में भी सुधार हो. लेकिन दूसरी तरफ निगम की ओर से कुछ कामों को लेकर आउटसोर्सिंग के माध्यम से निजी एजेंसियों ने सफाई कर्मियों की बहाली कर रखी है. इन सफाई कर्मियों का 3 महीने का वेतन नहीं मिलने की वजह से 10 नवंबर को 2500 कर्मी काम का बहिष्कार का निर्णय लिया है.
3 महीने से नहीं मिला है वेतन
बता दें कि निगम में इंप्रेशन गुड़यरस कर्मियों का 3 महीने का वेतन नहीं मिलने 10 नवंबर के बाद काम का बहिष्कार करके हड़ताल पर जाने के लिए निगम को अल्टीमेटम दे दिया है. कर्मचारी संघ के महासचिव बिहार राज्य सफाई मजदूर यूनियन के अध्यक्ष नंद किशोर दास इन कर्मियों के वेतन की मांग को लेकर लगातार नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं. लेकिन निगम के तरफ से कोई भी पहल नहीं होने की वजह से हड़ताल पर जाने के लिए चेतावनी दे दी है. वहीं, अब दीपावली के बाद छठ पूजा पर यह सफाई कर्मी यदि काम का बहिष्कार करके हड़ताल पर चले गए तो फिर शहर की सफाई पर सवाल उठेंगे.