पटना: बिहार सरकार ने 31 मार्च तक के लिए पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों को हटाने के फैसले पर रोक लगा दी है. नगर विकास विभाग ने नया पत्र जारी करते हुए बताया है कि नए आदेश पर तत्काल तीन महीने तक के लिए रोक लगा दी गई है. हालांकि, सरकार के इस फैसले को सफाई कर्मियों ने मानने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि सरकार अपने इस फैसले को पूरी तरह से वापस ले.
सरकार ने जारी किया था फरमान
दरअसल, राज्य सरकार की तरफ से एक फरमान जारी किया गया था, जिसमें नगर विकास विभाग में पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों को 31 जनवरी के बाद हटाने को कहा गया था. इस फैसले के बाद सफाई कर्मियों मे हड़ताल शुरू कर दिया था. नाराज कर्मियों ने मौर्या लोक कंपलेक्स स्थित नगर निगम मुख्यालय का घेराव कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नगर विकास मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
31 मार्च तक के लिए लगी रोक
सफाई कर्मियों के प्रदर्शन के कारण शहर की सफाई व्यवस्था रूक गई थी. इसे देखते हुए सरकार ने अपने फैसले को 31 मार्च तक के लिए रोक दिया है. हालांकि, सफाई कर्मी नगर विकास विभाग के इस आदेश को मानने के लिए तैयार नहीं है.
क्या है कर्मियों की मांग
कर्मियों की मांग है कि सभी दैनिक मजदूरों को परमानेंट किया जाए और सरकार ने जो आदेश निकाला है, आउटसोर्सिंग के माध्यम से सफाई कर्मियों को रखने के लिए उसे आदेश को रद्द किया जाए. सफाई कर्मी यूनियन के महासचिव नंद किशोर दास ने बताया कि जब तक सरकार अपनी तुगलकी फरमान वापस नहीं ले लेती है तब तक हम लोगों का हड़ताल जारी रहेगा.
पूर्व डिप्टी मेयर की मिला समर्थन
वहीं, सफाई कर्मियों की हड़ताल में शामिल होने मौर्य लोक कंपलेक्स पहुंचे पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने भी सभी सफाई कर्मियों की मांग को जायज बताया है. उन्होंने कहा कि यह आदेश सफाई कर्मियों के पेट पर लात मारने जैसा है. नगर विकास विभाग इस तुगलकी फरमान के माध्यम से सभी सफाई कर्मियों को हटाना चाहती है, लेकिन हम सभी वार्ड पार्षद इन सभी सफाई कर्मियों के साथ हैं.
मजदूरों को बरगलाने की कोशिश
पूर्व डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू ने कहा कि पटना नगर निगम पर राज्य सरकार अपना विचार थोप नहीं सकती, क्योंकि पटना नगर निगम स्वायत्त संस्था है. इस पर किसी भी सरकार का कोई फरमान नहीं चलेगा. नगर नगर विकास विभाग ने नये पत्र पर पूर्व डिप्टी मेयर ने कहा कि कोई रोक नहीं लगी है. सरकार ने सिर्फ मजदूरों को बरगलाने के लिए इस तरह के आदेश जारी की है. यह आदेश केवल फर्जी है.