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पटनाः प्रवासी को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजने को लेकर आपस में ही भिड़े पुलिसकर्मी और चिकित्सा पदाधिकारी

चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि प्रशासन के जारी गाइडलाइन के अनुसार श्रमिक को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखना था. लेकिन दरोगा उसे होम क्वॉरेंटाइन करने की जिद करने लगे. साथ ही उन्होंने कहा कि आप खुद मजदूर को किसी क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दीजिए.

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Published : May 28, 2020, 1:09 PM IST

पटनाः कोरोना संक्रमण के दौर में पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वारियर्स की संज्ञा दी गई है. लेकिन राजधानी के गार्डिनर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी और पुलिसकर्मी के बीच श्रमिक को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने को लेकर जमकर बहस हो गई.

जमकर हुई नोकझोंक
दरअसल कोतवाली थाना के दारोगा गार्डिनर अस्पताल में चेन्नई से आए एक मजदूर को लेकर स्वास्थ जांच के लिए पहुंचे थे. अस्पताल में मौजूद चिकित्सा पदाधिकारी ने मजदूर की जांच की, जिसमें वो पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया. हालांकि मौके पर मौजूद दारोगा ने चिकित्सा पदाधिकारी से मजदूर को जबरन होम क्वॉरेंटाइन करने की मांग की. जिस पर दोनों में जमकर नोकझोंक हो गई.

देखें रिपोर्ट

पदाधिकारियों से शिकायत
चिकित्सा पदाधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि प्रशासन के जारी गाइडलाइन के अनुसार श्रमिक को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखना था. लेकिन दरोगा उसे होम क्वॉरेंटाइन करने की जिद्द करने लगे. साथ ही उन्होंने कहा कि आप खुद मजदूर को किसी क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दीजिए. सुभाष कुमार ने बताया कि मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों से कर दी गई है.

पटनाः कोरोना संक्रमण के दौर में पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वारियर्स की संज्ञा दी गई है. लेकिन राजधानी के गार्डिनर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी और पुलिसकर्मी के बीच श्रमिक को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने को लेकर जमकर बहस हो गई.

जमकर हुई नोकझोंक
दरअसल कोतवाली थाना के दारोगा गार्डिनर अस्पताल में चेन्नई से आए एक मजदूर को लेकर स्वास्थ जांच के लिए पहुंचे थे. अस्पताल में मौजूद चिकित्सा पदाधिकारी ने मजदूर की जांच की, जिसमें वो पूरी तरह से स्वस्थ पाया गया. हालांकि मौके पर मौजूद दारोगा ने चिकित्सा पदाधिकारी से मजदूर को जबरन होम क्वॉरेंटाइन करने की मांग की. जिस पर दोनों में जमकर नोकझोंक हो गई.

देखें रिपोर्ट

पदाधिकारियों से शिकायत
चिकित्सा पदाधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि प्रशासन के जारी गाइडलाइन के अनुसार श्रमिक को 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखना था. लेकिन दरोगा उसे होम क्वॉरेंटाइन करने की जिद्द करने लगे. साथ ही उन्होंने कहा कि आप खुद मजदूर को किसी क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दीजिए. सुभाष कुमार ने बताया कि मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों से कर दी गई है.

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