पटना : कहते हैं जब चुनाव सामने हो तो नेताओं के देखने के अंदाज को भी सियासी आइने से ही देखा जाता है. सियासत में सबकुछ शीशे की तरह साफ नहीं होता है. लेकिन जब धूल हटती तो सबकुछ चमकने लगता है.
अब ये किसने सोचा था दिल्ली के हाट में खाट पर बैठकर मोदी जी लिट्टी चोखा का स्वाद चखेंगे. और इसपर सियासत हजार किलोमीटर दूर बिहार में होगी.. शायद पीएम को यह बिहारी व्यंजन पसंद हो, पर समय की नजाकत को जिस तरह उन्होंने चुना वो विपक्षियों को पच नहीं रहा.
तेजस्वी से लेकर तेज प्रताप तक, कुशवाहा से लेकर मांझी तक मोदी को सबकुछ याद दिलाने में लगे हैं. मतलब अब यह लिट्टी चोखा बिहार विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनेगा. लेकिन कब तक यह मुद्दा रहेगा और कौन इसको भुनाने में सफल रहेगा यह तो वक्त बताएगा. पर इतना साफ है कि मुद्दों के भवसागर में लिट्टी चोखा किसी ना किसी का बेरा पार करेगा और किसी का बेरा गर्क करेगा.