पटना : राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा(Chittaranjan Gagan Targeted The Central Government). शुक्रवार को दिए एक बयान में कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार बड़ी संख्या में नौकरी दे रही है, जिससे केन्द्र सरकार की बेचैनी बढ़ गई है. इसी बेचैनी में नौकरी के नाम पर पिछले आठ वर्षों से लगातार जुमलेबाजी करने वाली भाजपा सरकार को अब नौकरी की याद आ रही है, वह भी मात्र 75 हजार. जबकि महागठबंधन सरकार अपने मात्र दो महीने के कार्यकाल में ही उससे अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दे चुकी है. अगले कुछ महीनों में ही लाखों युवाओं को नौकरी देने जा रही है.
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मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री की उपलब्धियां गिनायीः चितरंजन गगन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की उपलब्धियां भी गिनाया. कहा कि आज करोड़ों रिक्तियां चुराने वाली भाजपा को भी बेरोजगारों की याद आने लगी है. भाजपा को याद दिलाते हुए पूछा कि प्रतिवर्ष दो करोड़ नौजवानों को नौकरी देने, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 19 लाख नौजवानों को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ? कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है, केन्द्रीय सेवाओं में रिक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है. आज केन्द्र सरकार एक करोड़ से ज्यादा रिक्तियां चुरा कर बैठी है.
22 लाख के बदले मात्र 7 लाख को नौकरीः गगन ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले आठ सालों में मात्र 7. 22 लाख नौकरी दी, जबकि 22.05 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था. जबकि इस आठ साल में सार्वजनिक उपक्रमों सहित केन्द्र सरकार के मातहत विभागों में 90 लाख से ज्यादा पद रिक्त हुए हैं. जबसे भाजपा की सरकार बनी है नौकरी देने की संख्या में कमी आती गई. 2014-15 में 1 लाख 30,423 वहीं 2015-16 में 1लाख 11807; 2016-17 में 1 लाख 1333; 2017-18 में घटकर 76147 और 2018-19 में मात्र 38100 लोगों को नौकरी दी गई, चूंकि 2019 में लोकसभा का चुनाव था. इसलिए 2019-20 में 1लाख 47,096 लोगों को नौकरी दी गई थी. गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में फिर नौकरी पाने वालों की संख्या घटकर 38,850 हो गई.
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घोषणा किये पांच महीने हो गए पर अब तक नौकरी नहींः गगन का यह भी कहना था कि आज की तारीख में रेलवे में 3 लाख , डिफेंस में 2.75 लाख , गृह विभाग में 1.40 लाख , डाक विभाग में 90,000 , राजस्व विभाग में 80,000 के साथ हीं अखिल भारतीय स्तर पर 2019-20 में 60 लाख से ज्यादा पद रिक्त थे जिसे आज की तारीख में एक करोड़ पहुंचने का अनुमान है. सार्वजनिक उपक्रमों को जोड़ देने पर रिक्तियों लगभग दो करोड़ से ज्यादा हो जाएगी. पिछले 14 जून को प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि अगले 18 माह में 10 लाख नौकरी देंगे।. इस घोषणा के पांच महीने हो गए, अबतक 2 लाख 78 हजार लोगों को नौकरी मिल जानी चाहिए थी पर मात्र 75000 हजार को नियुक्ति पत्र देने की बात की जा रही है।