पटनाः कायस्थ समाज के लिए चित्रगुप्त पूजा 2023 कई मायनों में खास है. हालांकि इस बार लोग असमंजस में थे कि आखिर चित्रगुप्त पूजा कब है? कई जगह खबर चल रही है कि चित्रगुप्त पूजा 14 नवंबर को तो कई जगह 15 नवंबर को बताया जा रहा है. इससे लोग कंफ्यूजन में हैं.
उदयातिथि में पूजा करेंः दरअसल, 14 नवंबर को दोपहर 02:36 बजे कार्तिक शुक्ल द्वितीया शुरू हो रहा है, जो अगले दिन 15 नवंबर को दोपहर एक बजे तक रहेगा. मान्यता के अनुसार हिन्दुओं में पूजा-अर्चना उदयातिथि यानी तिथि प्रवेश करने के साथ सूर्य उदय होना भी जरूरी है. 15 नवंबर को कार्तिक शुक्ल द्वितीया के साथ सूर्य उदय हो रहा है, अतः 15 नवंबर को चित्रगुप्त पूजा का आयोजन किया जाएगा.
चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्तः 15 नवंबर को सूर्य उदय होने के साथ पूजा शुरू हो जाएगा, लेकिन 09:24 बजे से 01:25 तक पूजा का शुभ मुहूर्त बताया गया है. चित्रगुप्त पूजा कई योग में किया जाता है. अतिगंड योग 15 नवंबर सुबह से 12:08 तक, नक्षत्र ज्येष्ठा 15 नवंबर सुबह से 16 नवंबर 03:01 बजे तक, सुकर्मा योग 15 नवंबर 12:08 बजे से 16 नवंबर सुबह 10:00 बजे तक और रवि योग 16 नवंबर दोपहर 03:01 बजे से शाम 06:44 बजे तक रहेगा.
चौघड़िया मुहूर्तः चित्रगुप्त पूजा का शुभ चौघड़िया मुहूर्त की बात करें तो चर-सामान्य का मुहूर्त सुबह 09:24 बजे से 10:45 बजे, लाभ-उन्नति का मुहूर्त सुबह 10:45 बजे से 12:05 बजे तक, अमृत-सर्वोत्तम का मुहूर्त दोपहर 12:05 से 01:26 बजे तक रहेगा.
क्यों मनाया जाता है चित्रगुप्त पूजा? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त इंसान के कर्मों का लेखा जोखा करते हैं. यही कारण है कि कायस्थ समाज पूजा अर्चना में कलम, दवात और खाताबही भगवान को अर्पित करते हैं. मान्यता है कि इस दिन कायस्थ समाज कमल नहीं छूते हैं और न ही खाता बही का काम करते हैं.
कैसे करें पूजा? मान्यता के अनुसार भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा या तस्वीर, सफेद कागज, कलम, दवात, खाताबही, पीले वस्त्र, अक्षत्, पूल, माला, चंदन, कपूर, तुलसी, गंगाजल, धूप, दीप, नैवेद्य, मिठाई, फल, पान सुपारी, तिल, पीला सरसो सहित अन्य पूजन सामग्री जरूरी है. इसके अलावा अपने पुरोहितों के अनुरूप सामग्री को शामिल कर सकते हैं. इसके साथ ही पुरोहितों के अनुरूप पूजा विधि का पालन करें, जिससे भगवान चित्रगुप्त का पूजा अच्छे तरीके से संपन्न हो.
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