नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव इसी साल अक्टूबर-नवंबर महीने में होने हैं. जेडीयू-बीजेपी लगातार महागठबंधन पर तंज कस रही थी की तेजस्वी यादव को महागठबंधन के अन्य दल सीएम कैंडिडेट मानने को तैयार नहीं हैं और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर भी घमासान है. लेकिन अब लगता है कि एनडीए में भी सब कुछ ठीक नहीं है.
बिहार एनडीए में जेडीयू-बीजेपी और लोजपा है. सूत्रों के अनुसार जेडीयू-बीजेपी लोजपा को 33 सीट देना चाहती है. लेकिन लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने साफ कह दिया है कि उनकी पार्टी 43 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. सूत्रों के अनुसार चिराग ने स्पष्ट कर दिया कि वह 43 से कम पर नहीं मानेंगे.
एनडीए छोड़ने का ले सकते हैं निर्णय
सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान इस बात से भी नाराज हैं कि एनडीए में जदयू को ज्यादा तरजीह क्यों दी जा रही है. सूत्र बता रहे हैं कि चिराग इतना आक्रामक तेवर अपनाए हुए हैं कि अगर एनडीए में उनकी बात नहीं मानी गई. तो वह एनडीए छोड़ने का निर्णय ले सकते हैं. यही कारण है कि बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव ने पिछले 4 दिनों में दो बार जाकर चिराग से मुलाकात की है.
आरजेडी लोजपा को 52 सीट देने को तैयार
वहीं, एनडीए में सीटों को लेकर जो घमासान मचा हुआ है उसपर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नजर बनाए हुए हैं. सूत्रों के अनुसार तेजस्वी यादव ने चिराग तक संदेशा पहुंचवा दिया है कि आप हमारे साथ आ जाइए, हम आपके साथ 52 सीटों पर समझौता करने को तैयार हैं. तेजस्वी ने चिराग से फोन पर बात नहीं की है लेकिन अपना संदेश उनतक पहुंचवा दिया है. सूत्रों के अनुसार आरजेडी 52 सीट लोजपा को देने को तैयार है.
बता दें बिहार में लोजपा का अपना एक अलग जनाधार है. अगर चिराग एनडीए छोड़कर आरजेडी से गठबंधन कर लिये तो बिहार चुनाव में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं. सूत्रों के अनुसार जेडीयू को भी जानकारी लग गयी है कि तेजस्वी की तरफ से चिराग को ऑफर दिया गया है. इसलिए अब जेडीयू-बीजेपी की तरफ से चिराग को मनाने की ओर तेजी से कोशिश की जाएगी. बीजेपी कभी नहीं चाहेगी की एलजेपी जैसा मजबूत सहयोगी उनको छोड़कर चला जाए. पीएम मोदी भी कई बार चिराग पासवान की तारीफ कर चुके हैं.