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आज से उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत कर रहे हैं चिराग पासवान

आज से चिराग पासवान उपचुनाव को लेकर उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी सभा की शुरुआत कर रहे हैं. जिसे लेकर वे अपने निजी आवास से कुशेश्वरस्थान के लिए रवाना हो चुके हैं. जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

चिराग
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Published : Oct 18, 2021, 11:51 AM IST

पटना: लोजपा(रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) विधानसभा के उपचुनाव को लेकर लोजपा की उम्मीदवारों के पक्ष में आज से चुनावी सभा की शुरुआत कर रहे हैं. चिराग पासवान कुशेश्वरस्थान में (By- Election In Kusheshwarsthan) पार्टी के प्रत्याशी अंजू देवी के पक्ष में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. चिराग पासवान आज सुबह ही अपने निजी आवास पटना से कुशेश्वरस्थान के लिए रवाना हुए हैं. वह पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सकरी और धारीरा होते हुए कुशेश्वरस्थान पहुंचेंगे. जहां पार्टी के लोगों ने उनकी सभाओं की तैयारी पूरी कर ली है.

इसे भी पढ़ें: उपचुनाव से तय होगी चिराग की राजनीतिक दशा और दिशा, जानें जीत क्यों है जरूरी

पार्टी के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चिराग पासवान अब उपचुनाव तक बिहार में ही रहकर पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार-प्रसार करेंगे. चुनाव प्रचार के दौरान चिराग पासवान, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार आमने-सामने होंगे. आपको बता दें कि विधानसभा की तरह ही उपचुनाव में भी लोजपा के लिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. दोनों सीटों के जरिए अपना उम्मीदवार उतारा है. रविवार देर शाम ही वह पटना लौटे हैं, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है.

ये भी पढ़ें: कश्मीर में मारे गए लोगों के आश्रितों को नौकरी दे नीतीश सरकार: चिराग पासवान



आपको बता दें कि तारापुर विधानसभा क्षेत्र चिराग पासवान के संसदीय क्षेत्र में ही आता है. इस क्षेत्र से चिराग पासवान को जीत हासिल करना उनके लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. जानकारों की माने, तो अगर तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चिराग पासवान की हार होती है, तो आने वाला अगला लोकसभा चुनाव उनके लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है. बिहार में होने वाले दोनों सीटों पर उपचुनाव में सत्ता दल के साथ-साथ विपक्ष भी अपनी पूरी ताकत झोंक दिया है.

बता दें कि कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट में तारापुर सीट चिराग के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र उनके संसदीय क्षेत्र (जमुई) के अंतर्गत ही आता है. इस लिहाज से उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन के साथ ही संसदीय क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाए रखने की भी चुनौती है. तारापुर से लोजपा ने जातीय समीकरण के आधार पर अपना कैंडिडेट दिया है. इस सीट को जीतने के लिए लोजपा (आर) ने सारे समीकरणों का ख्याल रखा है. लिहाजा, इस सीट से 1995 के विधानसभा चुनाव के प्रतिनिधि के परिवार के एक सदस्य चंदन सिंह को उन्होंने उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कुशेश्वरस्थान से अंजू देवी को सिंबल दिया है.

हालांकि, इस बार रामविलास पासवान के निधन और पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान ने क्षेत्र में आशीर्वाद यात्रा निकालकर काफी मेहनत की है. जाहिर है इसका फायदा उन्हें इस चुनाव में खूब मिलेगा. डॉ. संजय कहते हैं कि इस लाभ के जरिए चिराग की जीत की राह आसान नहीं होती है. क्योंकि इस बार एक ही सीट पर लड़ाई काफी उलझी हुई है. जेडीयू को खुलेआम चुनौती देने वाले चिराग के सामने इस बार आरजेडी और कांग्रेस भी है. सभी दलों ने अपने स्टार प्रचारकों के नाम की सूची भी जारी कर दी है. साल 2020 के मुकाबले साल 2021 चिराग पासवान के लिए काफी चुनौतियों भरा है. लोजपा के पांच सांसदों के साथ पशुपति कुमार पारस एनडीए का साथ दे रहे हैं.

पटना: लोजपा(रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) विधानसभा के उपचुनाव को लेकर लोजपा की उम्मीदवारों के पक्ष में आज से चुनावी सभा की शुरुआत कर रहे हैं. चिराग पासवान कुशेश्वरस्थान में (By- Election In Kusheshwarsthan) पार्टी के प्रत्याशी अंजू देवी के पक्ष में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. चिराग पासवान आज सुबह ही अपने निजी आवास पटना से कुशेश्वरस्थान के लिए रवाना हुए हैं. वह पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सकरी और धारीरा होते हुए कुशेश्वरस्थान पहुंचेंगे. जहां पार्टी के लोगों ने उनकी सभाओं की तैयारी पूरी कर ली है.

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पार्टी के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चिराग पासवान अब उपचुनाव तक बिहार में ही रहकर पार्टी के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार-प्रसार करेंगे. चुनाव प्रचार के दौरान चिराग पासवान, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार आमने-सामने होंगे. आपको बता दें कि विधानसभा की तरह ही उपचुनाव में भी लोजपा के लिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. दोनों सीटों के जरिए अपना उम्मीदवार उतारा है. रविवार देर शाम ही वह पटना लौटे हैं, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है.

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आपको बता दें कि तारापुर विधानसभा क्षेत्र चिराग पासवान के संसदीय क्षेत्र में ही आता है. इस क्षेत्र से चिराग पासवान को जीत हासिल करना उनके लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. जानकारों की माने, तो अगर तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चिराग पासवान की हार होती है, तो आने वाला अगला लोकसभा चुनाव उनके लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है. बिहार में होने वाले दोनों सीटों पर उपचुनाव में सत्ता दल के साथ-साथ विपक्ष भी अपनी पूरी ताकत झोंक दिया है.

बता दें कि कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट में तारापुर सीट चिराग के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र उनके संसदीय क्षेत्र (जमुई) के अंतर्गत ही आता है. इस लिहाज से उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन के साथ ही संसदीय क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाए रखने की भी चुनौती है. तारापुर से लोजपा ने जातीय समीकरण के आधार पर अपना कैंडिडेट दिया है. इस सीट को जीतने के लिए लोजपा (आर) ने सारे समीकरणों का ख्याल रखा है. लिहाजा, इस सीट से 1995 के विधानसभा चुनाव के प्रतिनिधि के परिवार के एक सदस्य चंदन सिंह को उन्होंने उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कुशेश्वरस्थान से अंजू देवी को सिंबल दिया है.

हालांकि, इस बार रामविलास पासवान के निधन और पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान ने क्षेत्र में आशीर्वाद यात्रा निकालकर काफी मेहनत की है. जाहिर है इसका फायदा उन्हें इस चुनाव में खूब मिलेगा. डॉ. संजय कहते हैं कि इस लाभ के जरिए चिराग की जीत की राह आसान नहीं होती है. क्योंकि इस बार एक ही सीट पर लड़ाई काफी उलझी हुई है. जेडीयू को खुलेआम चुनौती देने वाले चिराग के सामने इस बार आरजेडी और कांग्रेस भी है. सभी दलों ने अपने स्टार प्रचारकों के नाम की सूची भी जारी कर दी है. साल 2020 के मुकाबले साल 2021 चिराग पासवान के लिए काफी चुनौतियों भरा है. लोजपा के पांच सांसदों के साथ पशुपति कुमार पारस एनडीए का साथ दे रहे हैं.

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