नई दिल्ली/पटना: एलजेपी में टूट (LJP) के बाद चिराग पासवान (Chirag Paswan) के लिए पार्टी पर अपनी दावेदारी बरकरार रखना बेहद मुश्किल होती जा रही है. पहले संसदीय दल के नेता का पद छिन गया और अब पशुपति पारस की (Pashupati Paras) 'ताजपोशी' के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पर पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है. ऐसे में चिराग ने भी अपनी तरफ से कोशिशें तेज कर दी है. उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, ताकि आगे को लेकर रणनीति बनाई जा सके.
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रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने पत्र जारी कर बताया है कि रविवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. 12 जनपथ स्थित चिराग पासवान के सरकारी आवास पर सुबह साढ़े 11 बजे से बैठक शुरू होगी. उन्होंने तमाम नेताओं से आग्रह किया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जरूर शामिल हों.
![प्रधान महासचिव की ओर से जारी पत्र](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12171939_paswan.jpg)
चाचा को जवाब देने की तैयारी
माना जा रहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के जरिए चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस और बागी नेताओं को करारा जवाब देंगे. इस दौरान न केवल आगे की रणनीति को लेकर गहन चर्चा होगी, बल्कि कुछ कड़े फैसले भी लिए जा सकते हैं. जिससे आम कार्यकर्ताओं के बीच स्पष्ट संदेश जा सके.
पहले ही बागी सांसदों को दल से निकाला
आपको बताएं कि मंगलवार को ही सांसदों की बगावत के बाद चिराग पासवान ने सभी बागी सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में यह फैसला लिया गया था. इनमें पशुपति पारस, प्रिंस राज, वीणा देवी, महबूब अली कैसर और चंदन सिंह शामिल हैं.
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पशुपति पारस बने हैं अध्यक्ष
इस बीच गुरुवार को सांसद पशुपति पारस को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. उन्हें निर्विरोध चुना गया है. हालांकि पारस का अध्यक्ष बनना पहले से ही तय माना जा रहा था. क्योंकि चिराग पासवान गुट का कोई सदस्य इस चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ था. इस बैठक में प्रिंस राज शामिल नहीं हुए थे.