पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर गुणा-गणित लगाने की कवायद तेज हो गई है. लोक जनशक्ति पार्टी के बहके कदम को देख एनडीए खेमे में बेचैनी बढ़ गई है. चिराग पासवान लगातार बिहार सरकार को लेकर बयान बाजी कर रहे हैं. लोजपा के स्टैंड से जहां प्रदेश में सियासत का पारा चढ़ा हुआ है. वहीं, मुख्य विपक्षी दल राजद को लोजपा अध्यक्ष को अप्रत्यक्ष तौर पर ही लुभावने ऑफर दे रही है.
राजद ने लोजपा को दिया ऑफर
चिराग पासवान के बगावती तेवर के राजद जल्द से जल्द भुनाने की जुगत में लगी हुई है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि महागठबंधन लोजपा का पुराना घर है. रामविलास पासवान भी लंबे समय तक राजद सुप्रीमों लालू यादव के साथ रहे हैं. उन्हें अपने फैसले पर विचार करना चाहिए.
'पूरी तरह से मजबूत है राजग'
राजद के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पूरी तरह इंटैक्ट है. दलों के अंदर कोई विवाद नहीं है. राजद को अपने गठबंधन में झांक कर देखना चाहिए. राजग में गठबंधन में सभी दलों को स्वतंत्रता मिली है. सभी दल अपनी राय रखते हैं. इसलिए राजद अपने मन में किसी तरह का कोई भ्रम ना पाले.
चुनाव से पहले लोजपा के बदले सुर
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लोजपा की ओर से दबाव की राजनीति शुरू हो गई है. चिराग पासवान लगातार बिहार सरकार के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं. दरअसल राज्यपाल कोटे से होने वाले 12 विधान पार्षदों का मनोनयन होना है. मिल रही जानकारी के अनुसार लोजपा विधान परिषद की 2 सीटों की मांग कर रही है.
'राजनीतिक कौशल का परिचय दे रहे चिराग'
रामविलास पासवान ने चिराग को सिर्फ अपनी राजनीतिक विरासत ही नहीं थी बल्कि राजनीतिक सौदेबाजी में भी माहिर बनाया है. लालू यादव रामविलास पासवान को चुनाव का मौसम वैज्ञानिक बताया करते थे. लालू ने यह बात यूं ही नहीं कही थी. लालू प्रसाद यादव रामविलास पासवान की राजनीति को बेहतर तरीके से समझते थे. रामविलास पासवान यह आकलन करने में माहिर थे कि किसकी सरकार बनने वाली है और उसी हिसाब से वे फैसले लेते थे. शायद चिराग पासवान भी उन्हीं के रास्ते पर चलना चाहते हैं.
शुरू हुआ मान-मनौव्वल की राजनीति
बता दें कि चिराग ने 2019 के लोकसभा चुनाव के समय अपने बयानों से टिकट बंटवारे के वक्त बीजेपी को घुटनों के बल ला खड़ा किया था. जिस कारण एनडीए गठबंधन में लोकसभा चुनाव के दौरान लोजपा के 6 सीटें देनी पड़ी थी. चिराग बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाले विधान परिषद की सीटों पर भी साझेदारी चाहते हैं. इसके आलावे चिराग अभी से ही विधानसभा के 45 सीटों पर दावा ठोक रहे हैं. लोजपा अध्यक्ष एनडीए छोड़ने के संकेत देने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं.
इन सबके बीच मान-मनौव्वल की राजनीति भी शुरू हो चुकी है. भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने हाल ही में चिराग से मुलाकात भी की थी. दूसरी तरफ जदयू नेता चिराग पासवान को लेकर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं.