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आरसीपी सिंह के मंत्रालय में हिन्दी सलाहकार बने चिराग.. सियासी गलियारे में मचा बवाल

चिराग पासवान को केंद्र सरकार ने इस्पात मंत्रालय का हिन्दी सलाहकार नियुक्त किया है. ये वो मंत्रालय है जिसके मंत्री जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह हैं. चिराग पासवान का नाम समिति में आने से बवाल मचा हुआ है. पढ़ें पूरी खबर

चिराग पासवान बने आरसीपी के सलाहकार
चिराग पासवान बने सलाहकार
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Published : Oct 12, 2021, 10:14 PM IST

पटना: जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) के मंत्रालय ने चिराग पासवान को अपना हिंदी सलाहकार (Hindi Adviser ) बनाया है. हिंदी सलाहकार समिति में चिराग पासवान (Chirag Paswan) समेत बिहार के पांच लोग को समिति का सदस्य बनाया गया है.

ये भी पढ़ें- खुद को साबित करने की कोशिश में तेज प्रताप, लालू के आने से पहले बदल गए RJD नेताओं के तेवर

दरअसल, इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया गया है. जिसमें कई नए चेहरों को शामिल किया गया है. इन्हीं में से एक चौंकाने वाला नाम है चिराग पासवान. चिराग लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष है. हिंदी सलाहकार समिति में नए चेहरों में चिराग पासवान का नाम आते ही यह यह चर्चा तेज हो गई कि जदयू के राजनीतिक दुश्मन होने के बावजूद भी जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने आखिर क्यों चिराग पासवान को गले लगाया है?

सियासी गलियारे में चर्चा है कि जिस चिराग की वजह से जदयू पहले नंबर की पार्टी से तीसरे नंबर की पार्टी बन गई उसके लिए नीतीश के केंद्रीय नेता और मंत्री आरसीपी सिंह की ओर से ऐसी दरियादिली क्यों दिखाई जा रही है?

भारत सरकार द्वारा इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का पुनर्गठन करने के बाद इस्पात मंत्री हिंदी सलाहकार समिति के अध्यक्ष और इस्पात राज्य मंत्री उपाध्यक्ष हैं. इसमें बिहार के पांच लोग समिति के सदस्य बनाए गए हैं. समिति में संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा लोकसभा से सांसद संजय सिंह और सुनील कुमार सोनी जबकि राज्यसभा से दिनेश चंद्र विमल भाई अनावाडिया और नरेश गुजराल को सदस्य बनाया गया है. संसदीय राजभाषा समिति द्वारा नामित सांसद चिराग पासवान और दिनेश चंद्र यादव भी समिति के सदस्य बनाए गए हैं. इस कमेटी में कुल 15 सदस्य, एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष बनाए गए हैं.

पटना: जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) के मंत्रालय ने चिराग पासवान को अपना हिंदी सलाहकार (Hindi Adviser ) बनाया है. हिंदी सलाहकार समिति में चिराग पासवान (Chirag Paswan) समेत बिहार के पांच लोग को समिति का सदस्य बनाया गया है.

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दरअसल, इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया गया है. जिसमें कई नए चेहरों को शामिल किया गया है. इन्हीं में से एक चौंकाने वाला नाम है चिराग पासवान. चिराग लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष है. हिंदी सलाहकार समिति में नए चेहरों में चिराग पासवान का नाम आते ही यह यह चर्चा तेज हो गई कि जदयू के राजनीतिक दुश्मन होने के बावजूद भी जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने आखिर क्यों चिराग पासवान को गले लगाया है?

सियासी गलियारे में चर्चा है कि जिस चिराग की वजह से जदयू पहले नंबर की पार्टी से तीसरे नंबर की पार्टी बन गई उसके लिए नीतीश के केंद्रीय नेता और मंत्री आरसीपी सिंह की ओर से ऐसी दरियादिली क्यों दिखाई जा रही है?

भारत सरकार द्वारा इस्पात मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति का पुनर्गठन करने के बाद इस्पात मंत्री हिंदी सलाहकार समिति के अध्यक्ष और इस्पात राज्य मंत्री उपाध्यक्ष हैं. इसमें बिहार के पांच लोग समिति के सदस्य बनाए गए हैं. समिति में संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा लोकसभा से सांसद संजय सिंह और सुनील कुमार सोनी जबकि राज्यसभा से दिनेश चंद्र विमल भाई अनावाडिया और नरेश गुजराल को सदस्य बनाया गया है. संसदीय राजभाषा समिति द्वारा नामित सांसद चिराग पासवान और दिनेश चंद्र यादव भी समिति के सदस्य बनाए गए हैं. इस कमेटी में कुल 15 सदस्य, एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष बनाए गए हैं.

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