पटनाः बिहार के शिक्षा में सुधार के लिए सरकार लाख दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है, इस तस्वीर को देखने से पता चल जाएगा. पढ़ाई के साथ साथ स्कूल में बच्चों को पड़ोसे जा रहे भोजन के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. स्कूल में मेन्यू के अनुसार खाना नहीं दिया जा रहा है. बुधवार को ईटीवी भारत ने पड़ताल ने की तो सच्चाई सामने आई.
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मिड डे मील में धांधली..! : बुधवार के अनुसार बच्चों को हरी सब्जी युक्त खिचड़ी, चोखा और मौसमी फल देना है. स्कूल में बच्चों को खिचड़ी तो पड़ोसी गई, लेकिन उसमें न दाल दिखा और न ही हल्दी. मौसमी फल का तो नामोनिशान नहीं दिखा. यह मामला जिले के मसौढी के श्रीनगर प्राथमिक विद्यालय का है. पूछने पर शिक्षकों ने कहा कि इसको लेकर कई बार शिकायत की गई है, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई.
"इस तरह के बन रहे मध्यान भोजन का हमलोग लगातार विरोध करते रहे हैं, लेकिन यहां पर कोई सुनने वाला नहीं है. मामला बीआरसी तक भी गया है, लेकिन बीआरसी कार्यालय की ओर से कभी जांच भी नहीं हुई है. हमलोगों का काम पढ़ाना है तो पढ़ा रहे हैं. इस खाना के बारे में क्या बताएं?"- सोनी कुमारी, शिक्षिका
बीईओ ने कार्रवाई की मांग कीः स्कूल मे 115 नामंकित बच्चे हैं, लेकिन बुधवार को मात्र 35 बच्चों की उपस्थिती रही. स्कूल में अब भोजन नहीं बनाया जाता है. एनजीओ के माध्यम से खाना बनवाया जाता है. स्कूल के छात्रों ने बताया कि इस खिचड़ी में हल्दी भी नहीं रहती है. दाल भी कम मात्रा में रहता है. बच्चों ने कहा कि रोज ऐसा ही खाना मिलता है. इधर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कार्रवाई की बात कही है.
"मामला संज्ञान में आया है. दोषी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. संतोषजनक जबाव नहीं आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी." -राजेंद्र ठाकुर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, मसौढ़ी