पटना: प्रदेश के कई युवा आईएस, आईपीएस और सरकारी नौकरशाह नौकरी में अव्वल आते हैं. पढ़ाई लिखाई के मामले में सूबे का कोई सानी नहीं है. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण प्रदेश में अभी अबतक खेलकूद को उचित तव्वजो नहीं मिल पाया है.
सूबे में खेल का महौल बनाने को लेकर सभी जिलों के प्रखंड स्तर पर स्टेडियम निर्माण कार्य का काम शुरू किया गया था. 2009 से अबतक प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 345 निर्माण की स्वीकृति दी गई थी. लेकिन सूबे में महज 165 स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा हो सका है. सरकार की इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में सरकारी खजाने से अरबों की धनराशि स्वीकृत की गई थी. लेकिन आधे-अधूरे बने स्टेडियम के कारण योजना और प्रदेश के खिलाड़ियों का भविष्य दोनों दम तोड़ता नजर आ रहा है.
अबतक सिर्फ 165 स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा
दरअसल, मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत विभिन्न जिलों के अधीन प्रखंड स्तर पर स्टेडियम निर्माण 2008-9 से कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन युवा कल्याण एवं खेल निदेशालय अंतर्गत शुरू किया गया था. साल 2009 से अब तक विभिन्न जिलों में कुल 345 स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति दी गई. अबतक सिर्फ 165 स्टेडियम का ही निर्माण कार्य पूरा हो पाया है.
बता दें, बिहार में अभी वर्तमान में कुल 67 स्टेडियम का कार्य निर्माणाधीन है. साथ ही 111 स्टेडियम का निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए कार्य प्रक्रियाधीन है. मुख्यमंत्री खेल विकास योजना अंतर्गत बिहार के 38 जिलों में कुल 345 स्टेडियम का निर्माण होना है. जिसके लिए अब तक 1अरब 72 करोड़ 12 लाख 93 हजार 534 रुपए की स्वीकृति हो चुकी है.
जिला | स्टेडियम | पूरा | अधूरा | काम नहीं शुरू |
1.भागलपुर | 9 | 9 | 0 | 0 |
2. बांका | 8 | 4 | 3 | 1 |
3. मुंगेर | 6 | 0 | 2 | 4 |
4. बेगूसराय | 10 | 6 | 0 | 4 |
5. शेखपुरा | 2 | 1 | 0 | 1 |
6. लखीसराय | 7 | 4 | 1 | 2 |
7. खगड़िया | 3 | 0 | 3 | 0 |
8. जमुई | 8 | 2 | 0 | 6 |
9. सहरसा | 5 | 0 | 5 | 0 |
10. मधेपुरा. | 14 | 0 | 7 | 7 |
11. सुपौल | 5 | 3 | 0 | 2 |
12. पूर्णिया | 13 | 12 | 0 | 1 |
13. कटिहार | 8 | 6 | 0 | 2 |
14. किशनगंज | 6 | 6 | 0 | 0 |
15. अररिया | 8 | 2 | 0 | 6 |
16. पटना | 14 | 11 | 3 | 0 |
17. कैमूर | 5 | 3 | 0 | 2 |
18. रोहतास | 14 | 11 | 2 | 1 |
19. बक्सर | 9 | 5 | 1 | 3 |
20. भोजपुर | 11 | 5 | 3 | 3 |
21. नालंदा | 18 | 10 | 1 | 7 |
22. दरभंगा | 13 | 2 | 7 | 3 |
23. मधुबनी | 12 | 5 | 3 | 4 |
24. समस्तीपुर | 15 | 13 | 0 | 2 |
25. गया | 14 | 8 | 0 | 6 |
26. नवादा | 5 | 0 | 4 | 1 |
27. औरंगाबाद | 11 | 1 | 5 | 5 |
28. अरवल | 4 | 0 | 1 | 3 |
29. जहानाबाद | 5 | 4 | 0 | 1 |
30. मुजफ्फरपुर | 10 | 6 | 0 | 4 |
31. पूर्वी चंपारण | 18 | 5 | 4 | 9 |
32. पश्चिम चंपारण | 14 | 13 | 1 | 0 |
33. सीतामढ़ी | 9 | 1 | 0 | 8 |
34. शिवहर | 2 | 0 | 0 | 2 |
35. वैशाली | 6 | 2 | 2 | 2 |
36. सारण | 10 | 4 | 3 | 3 |
37. गोपालगंज | 8 | 1 | 4 | 3 |
38. सिवान | 6 | 0 | 2 | 4 |
वहीं, इस बाबात विभाग के अधिकारी और मंत्री इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग में कई बार मंत्री के उलट फेर और कई बार मंत्री के बदलने से कार्य में बाधा आई है. यही कारण है कि अभी आधे से अधिक स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका है. यह कोई नई घटना नहीं है. इसके पहले भी इसी कारण से कला संस्कृति विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ कलाकारों और खिलाड़ियों को नहीं मिल पाता था.
बिहार में नई सरकार बनने के बाद अब तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है. लेकिन सभी विभाग के मंत्री इन दिनों काफी तत्पर दिख रहे हैं और लगातार अपने अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य में तेजी लाने की बात कह रहे हैं. बहरहाल अब नए साल में देखना यह है कि नई सरकार, नए साल में खिलाड़ियों को कितनी जल्दी सभी स्टेडियम का कार्य पूरा कर उपलब्ध कराती है.