पटना: कारागृह विभाग और चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के बीच पिछले दिनों एमओयू साइन हुआ था. जिसके तहत जेल प्रशासन और जेल के ऑफिसर को चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी की फैकेल्टी द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही चाणक्य यूनिवर्सिटी के फैकेल्टी द्वारा कैदियों पर रिसर्च भी किया जाएगा. कोरोना के मद्देनजर दो बार जेल अधीक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
जेल अधीक्षकों को ट्रेनिंग
पहली ट्रेनिंग आज चल रही है जिसमें बिहार के करीब 30 जेल अधीक्षक शामिल हुए. इन जेल के अधीक्षकों को अन्य राज्यों और देशों में किस तरह से कैदियों के साथ व्यवहार किया जाता है और उनका व्यवहार कैसा होना चाहिए, इसकी जानकारी दी जा रही है.
कैदियों के साथ बर्ताव को लेकर ट्रेनिंग
बिहार की जेल में बंद कैदी और जेल ऑफिसर के बीच कैसा बर्ताव हो, इसको लेकर के बिका इंस्टीट्यूट हाजीपुर के द्वारा जेल सुपरीटेंडेंट को ट्रेनिंग दी गई. ये कार्यक्रम पटना के सीआईएमपी में आयोजित की गई. ये पहले फेज की ट्रेनिंग थी. जिसमें बिहार राज्य के लगभग आधे जिलों के जेल सुपरिटेंडेंट को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था, दूसरे बैच की ट्रेनिंग फरवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित होगी, जिसमें बाकी बचे जिलों के जेल सुपरिटेंडेंट को ट्रेनिंग दी जाएगी.
''कारागृह बंदियों के सुधार गृह के रूप में कार्य कर रहा है. इस ट्रेनिंग का मकसद बिहार की जेलों में बंद कैदियों की मानसिकता को परिवर्तन करना है. ताकि वो जब जेल से अपनी सजा काटकर जब घर जाएं तो उनमें फिर से अपराध करने का मकसद ना बचे'- नीरज कुमार झा, डीआरआई के निर्देशक
कैदियों की मनोदशा में परिवर्तन लाने को लेकर इस तरह का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है. साथ ही साथ बिहार के बाहर अन्य राज्यों में या दूसरे देशों में कैदियों के साथ किस तरह का व्यवहार जेल प्रशासन को करना है. इसके बारे में उन्हें जानकारी दी जा रही है.