पटना: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) का आगाज हो चुका है. आगामी 24 सितंबर को प्रथम चरण का मतदान होगा. इस बार विधानसभा चुनाव की तरह अर्धसैनिक बल या दूसरे राज्यों से पुलिस फोर्स नहीं बुलाए जा रहे हैं, जिस वजह से सुरक्षा को लेकर थोड़ी चिंता बनी हुई है. हालांकि पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) ने सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी का दावा किया है.
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बिहार में 11 चरणों में हो रहे पंचायत चुनाव को सफल करवाने के लिए जिला बल के साथ-साथ होमगार्ड की अहम भूमिका होगी. इसके अलावा संवेदनशील बूथों और नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. बिहार पुलिस में तैनात लगभग 25% महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती चुनाव ड्यूटी में लगाई जाएगी.
दरअसल पहले के चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) द्वारा केंद्रीय सुरक्षा बल और दूसरे राज्यों से पुलिस बल बुलाए जाते थे. जिस वजह से बिहार पुलिस बल पर ज्यादा बोझ नहीं आता था, लेकिन इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लॉ एंड ऑर्डर से लेकर चुनाव को संपन्न करवाने की जिम्मेवारी भी पूर्ण रूप से बिहार पुलिस के कंधे पर है.
रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह (Defense Specialist Lalan Singh) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तुलना में पंचायत चुनाव की सुरक्षा भी अहम होती है. पंचायत चुनाव में कई ऐसे लोग हैं, जो आपराधिक छवि के होते हैं. कुछ लोग तो जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में बिहार के नक्सली प्रभावित 10 जिलों में चुनाव के दौरान बाधा पहुंचाने की कोशिश हो सकती है.
ललन सिंह ने कहा कि बिहार के मुंगेर में एक दिन पहले ही जिस तरह से नक्सली और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायत चुनाव को नक्सली प्रभावित कर सकते हैं. रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि बिहार को छोड़कर फिलहाल किसी अन्य राज्यों में किसी तरह का कोई भी चुनाव नहीं हो रहा है. ऐसे में नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के लिए अर्धसैनिक बल की कंपनियां या यूं कहें कि बगल के राज्य की पुलिस की सहायता ली जा सकती है.
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हालांकि नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में बिहार सशस्त्र पुलिस के जवान की तैनाती रहेगी. हर चरण में लगभग 1 लाख पुलिसकर्मी की तैनाती की जाएगी. जिसमें लगभग 60 हजार जिला पुलिस बल, 30 हजार होमगार्ड और अतिरिक्त फोर्स की तैनाती रहेगी. हर जिले में जिला बल के अतिरिक्त दूसरे जिले से फोर्स भेजा जाएगा.
बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर बिहार पुलिस मुख्यालय कहीं ना कहीं पुलिस कर्मियों की कमी जरूर महसूस कर रही है. हर चरण में 1 लाख पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी. चुनाव के मद्देनजर अफसरों की कमी को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने महज 3 माह के लिए सिपाही को जमादार और जमादार को दारोगा में प्रमोशन देने का निर्णय लिया है. पंचायत चुनाव में पुलिसकर्मियों की कमी ना हो सके, जिस वजह से पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द करने का निर्णय भी लिया है ताकि कोई भी पुलिसकर्मी छुट्टी ना ले सके. विशेष परिस्थिति में ही वह एसपी के निर्देश पर छुट्टी प्राप्त कर सकता है.
पंचायत चुनाव के नोडल पदाधिकारी और एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर पुलिस मुख्यालय ने सारी तैयारियां कर रखी है. पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराया जा सके, इसको लेकर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. सीमावर्ती जिलों में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है. जेल से छूटे अपराधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. मतदान के 1 दिन पूर्व मतदाता कर्मी के साथ सुरक्षा बल बूथों पर पहुंच जाएंगे.
पंचायत चुनाव के मद्देनजर गृह विभाग के निर्देशानुसार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को शराब की तस्करी सभी तरह के अवैध हथियार और दबंगों पर खासतौर से नजर रखने का निर्देश दिया है. जो भी सीमावर्ती जिले हैं, उन्हें शराब तस्करी पर खास तौर पर चौकसी बरतने को कहा गया है. सभी जिलों को अपने-अपने क्षेत्रों के सभी दबंगों और हिस्ट्रीशिटर क्रिमिनल की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है. ऐसे अपराधियों पर सीसीए लगाने, तड़ीपार करने या रोजाना थाना परेड कराने जैसी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
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बिहार के 10 जिले नक्सली प्रभावित हैं. इन जिलों में विशेष चौकसी रखने का निर्देश दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार नक्सली चुनाव को प्रभावित ना कर सके. नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में तीन स्तरीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी. पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में दो नक्सली प्रभावित जिलों में पुलिस बल की विशेष चौकसी रहेगी बिहार का रोहतास और कैमूर जिले के कई प्रखंड नक्सल प्रभावित हैं. बिहार में पंचायत चुनाव में फर्जी मतदान करते पकड़े जाने पर मतदाता को जेल भेजा जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं का मतदान केंद्र पर बायोमेट्रिक विधि से सत्यापन के संबंध में भी दिशा निर्देश जारी किया है.