पटनाः बिहार के पटना में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath in Patna) को लेकर सोमवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. पटना के मसौढ़ी के मानिकचक सूर्य मंदिर घाट पर हजारों की संख्या में व्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. मंगलवार की सुबह अगले उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद चार दिवस अनुष्ठान संपन्न होगा.
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काफी संख्या में श्रद्धालुों की भीड़ उमड़ीः पटना के मसौढ़ी घाट पर व्रती के साथ-साथ काफी संख्या में श्रद्धालुों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोक आस्था का महापर्व चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान का आज तीसरा दिन रहा. डूबते भगवान भास्कर यानी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. छठवर्ति मंगलवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय पर्व संपन्न करेगी. मसौढी अनुमंडल में 52 छठ घाट बनाए गए. जगह-जगह पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.
चैती छठ भी खासः मान्यता है कि मसौढ़ी का मणीचक सूर्य मंदिर तालाब घाट कई मायनों में पौराणिक है. यहां पर दूरदराज से छठव्रति संतान सुख की प्राप्ति की कामना को लेकर पहुंची है. यहां चैती छठ और कार्तिक छठ किया जाता है. मणिचक मंदिर तालाब पर एक विहंगम दृश्य देखने को मिलता है, जहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु चैती छठ का भी पूजन करते हैं. कार्तिक की तरह चैती छठ भी ग्रामीण परिवेश के लिए खास माना जाता है.
तालाब घाट पर नहाने पर कुष्ठ निवारणः मसौढ़ी धनरूआ व पुनपुन में छठ घाट पर पूजा की गई. हर जगह पर पुलिस की तैनाती की गई है. भीड़ नियंत्रण करने के लिए सादे लिबास में पुलिसकर्मी को लगाया गया है. जगह-जगह पर सीसीटीवी लगाए गए हैं. श्रद्धालु मणिचक सूर्यमंदिर में भी पूजा-अर्चना की. कहा जाता है कि यहां तालाब घाट पर नहाने पर कुष्ठ का निवारण हो जाता है. संतान सुख की कामना को लेकर प्रत्येक साल यहां पर लाखों श्रद्धालु छठ का पूजा करते हैं.