पटना: बिहार में छठ पर्व का खासा महत्व है. चैती छठ को लेकर भी व्रतियों का उत्साह चरम पर है. आज नहाय खाय है. वहीं 26 मार्च रविवार को व्रती खरना करेंगे जबकि 27 मार्च सोमवार के दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा. वहीं 28 मार्च मंगलवार को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा.
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साल में दो बार मनाया जाता है छठ महापर्व: वर्ष में दो बार छठ महापर्व मनाया जाता है. मार्च-अप्रैल के मास में चैती छठ और अक्टूबर-नवंबर में कार्तिक मास में दूसरा छठ. देश के कई हिस्सों में छठ की छटा देखने को मिलती है. खासकर बिहार के साथ ही झारखंड और उत्तरप्रदेश में भी इसकी रौनक देखते ही बनते है.
नहाय खाय आज: आज छठव्रती नहाय खाय के साथ ही छठ महापर्व का विधिवत आरंभ कर चुके हैं. आज के दिन गंगा स्नान करके अरवा चावन, चने का दाल और कद्दू की सब्जी ग्रहण किया जाता है. आंवले की चाशनी भी खास तौर पर आज बनाई जाती है. नहाय खाय के दिन छठव्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के बाद से उनका निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. व्रतियों का उपवास 36 घंटे का होता है.
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य: 27 मार्च सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रती अर्घ्य अर्पित करेंगे. शाम को 5:28 बजे से अर्घ्य अर्पण करने का शुभ समय होगा. इस दिन साफ-सफाई का खास ख्याल भी रखा जाता है. घाटों पर भी साफ-सफाई जारी है ताकि व्रतियों को किसी तरह की परेशानी ना हो.
उदयीमान भगवान भास्कर को ऐसे दें अर्घ्य: दूसरे दिन सुबह 28 मार्च को उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा. सुबह 5:55 बजे से सूर्य देवता को अर्घ्य् अर्पित करने का शुभ मुहूर्त है.