पटना: पटना विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट ने सत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है और थर्ड राउंड की काउंसलिंग अपने आखिरी दौर में है. इस बार पटना विश्वविद्यालय ने नए सत्र के नामांकन के लिए नामांकन प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव किया है .
विभिन्न कॉलेजों के लिए एक हीं जगह हो रही काउंसलिंग
पटना विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट ने सत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया में थर्ड राउंड की काउंसलिंग केआखिरी दौर में नामांकन प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव किया है .अब नए प्रक्रिया के तहत पटना विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के लिए एक हीं जगह काउंसलिंग हो रही है . छात्र-छात्राएं पटना विश्वविद्यालय के व्हीलर सीनेट हॉल में आकर अपना काउंसलिंग करा रहे हैं और काउंसलिंग के हिसाब से जो कॉलेज उन्हें मिल रहा है उस में दाखिला ले रहे हैं.
अपनाई गई सेंट्रलाइज काउंसलिंग की प्रक्रिया
पटना विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा ने बताया कि काउंसलिंग की प्रक्रिया मैनुअली हीं होती है मगर इस बार बदलाव यह किया गया है कि पहले जहां पटना विश्वविद्यालय की विभिन्न कॉलेजों में बारी-बारी से छात्र जाकर अपनी काउंसलिंग के लिए जाते थे, उसमें कई बार ऐसा होता था कि एक छात्र कई कॉलेजों के लिए चयनित हो जाते थे और छात्रों को विभिन्न कॉलेजों में जाने में परेशानी होती थी. छात्र-छात्राओं की परेशानी को देखते हुए सेंट्रलाइज काउंसलिंग की प्रक्रिया इस बार अपनाई गई है और इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि छात्रों को सुविधा हो और यह स्टूडेंट फ्रेंडली अप्रोच पटना विश्वविद्यालय के नए कुलपति के आने के बाद लिया गया है.
सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग शुरू होने से असामाजिक तत्वों पर लगा लगाम
पटना विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने बताया कि पहले एक और कठिनाई होती थी कि विभिन्न कॉलेजों के गेट के बाहर कुछ असामाजिक तत्व खड़े रहते थे जो खुद को विश्वविद्यालय के कर्मी बताकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब बच्चों और उनके अभिभावकों से एडमिशन कराने के नाम पर ठगी किया करते थे. उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल होती थी मगर अब सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग शुरू होने से ऐसे असामाजिक तत्वों पर लगाम लगा है. रजिस्ट्रार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन का लक्ष्य है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह तक अंडर ग्रैजुएट कोर्सों के क्लासेस शुरू कर दिए जाएं.