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बिहार में बाढ़ से करोड़ों का नुकसान, जल्द ही केंद्रीय टीम दौरा कर करेगी क्षति का आंकलन - central government

बिहार में 26 जिलों के 37 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ (Flood) से प्रभावित हुए हैं. इस बार जून के महीने से ही बिहार को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है. इस साल भी बाढ़ से करोड़ों का नुकसान हुआ है. जिसके बाद बिहार सरकार ने केंद्र सरकार (Central Government) से बाढ़ से हुई क्षति का जल्द से जल्द आकलन कर मदद देने का आग्रह किया है. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Aug 26, 2021, 8:48 PM IST

पटना: बिहार में इस साल भी बाढ़ (Flood) से हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है. 26 जिले के 37 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित (People Affected by Flood) हुए हैं और अभी भी कई इलाकों में पानी लगा हुआ है. कई नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर हैं. बड़े पैमाने पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. बाढ़ से ग्रामीण सड़कों से लेकर स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे तक को नुकसान पहुंचा है.

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किसानों की फसल को भी नुकसान हुआ है. बिजली विभाग, भवन निर्माण विभाग से लेकर कई विभागों को बड़ा नुकसान हुआ है. बाढ़ से रेलवे तक को नुकसान हुआ है. आम लोगों के साथ जानवर भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ऐसे तो बिहार सरकार बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कर रही है. वहीं, केंद्र से भी क्षति का आकलन करने का आग्रह किया है, जिससे बिहार को जल्दी मदद मिल सके.

देखें रिपोर्ट

बिहार में इस साल 26 जिले के लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और इस बार जून के महीने से ही बाढ़ का सामना बिहार को करना पड़ा है और अभी भी बाढ़ समाप्त हो गई है, ऐसा नहीं है. बिहार में बाढ़ से इस साल भी 200 करोड़ से अधिक पथ निर्माण विभाग की सड़कों का अब तक नुकसान हो चुका है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कई विभागों और केंद्र सरकार की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. निजी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.

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इस साल फसल को भी काफी नुकसान हुआ है और इन सबका आकलन भी हो रहा है. बिहार सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों की मदद में सीधे 150 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है, इसके अलावा राहत शिविर एनडीआरएफ चिकित्सा शिविर सहित कई तरह के कार्यों में बड़ी राशि खर्च हुई है. बिहार में बाढ़ से इस साल लाखों लोगों के साथ तीन लाख से अधिक जानवर भी प्रभावित हुए हैं, कई की तो मौत भी हो गई है.

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कर बिहार को जल्द मदद दें. ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत कुमार और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव का भी कहना है कि क्षति बड़े पैमाने पर हुई है और उसका आकलन किया जा रहा है. कुछ प्रतिवेदन भी भेजा गया है.

ये भी पढ़ें- बिहार में 37 लाख लोग झेल रहे हैं बाढ़ की आफत, पीड़ितों में बांटे गये 222 करोड़

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने भी हाल ही में बैठक की थी और विभाग के अधिकारियों को क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया था. हालांकि, उससे पहले मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में सभी जिलों के डीएम को क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया था. बिहार सरकार की ओर से भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है और जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, लेकिन पिछला रिकार्ड बताता है कि बिहार ने जितनी राशि की मांग की है, अब तक कभी भी बिहार को उतनी मदद नहीं मिली है.

ऐसे में बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि बिहार सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता पहुंचा रही है और केंद्र सरकार भी बिहार को बाढ़ से हुई क्षति में हरसंभव मदद करेगी. बिहार में ऐसे तो हर साल बाढ़ आती है और हजारों करोड़ का नुकसान होता है.

ये भी पढ़ें- बाढ़ में बह गईं बिहार की 4000 सड़कें, ₹2 अरब से भी ज्यादा खजाना होगा खाली

बिहार में बाढ़ से साल 2007 में 17059 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2008 में 14800 करोड़, 2016 में 4112 करोड़, 2017 में 7636 करोड़, 2019 में 4500 करोड़, 2020 में 3328 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2017 में केंद्र से 1700 करोड़ की मदद मिली थी. 2019 में करीब 1000 करोड़ की आर्थिक सहायता केंद्र से मिली थी और 2020 में केंद्र सरकार से 1255 करोड़ की मदद मिली थी.

विशेषज्ञ बाढ़ से हुए नुकसान का आंकड़ा 20 हजार करोड़ के आसपास बता रहे हैं. बिहार की प्रमुख विरोधी दलों की ओर से आरोप भी लगता रहा है कि डबल इंजन की सरकार में भी बिहार को जितनी मदद मिलनी चाहिए, उतनी मदद नहीं मिल पाती है. वैसे कांग्रेस के जमाने में भी बिहार को मदद बहुत ज्यादा मिलती रही हो, ऐसा नहीं था. हाल के कुछ सालों में केंद्र से मदद कुछ जरूर बढ़ी है, लेकिन अभी भी नुकसान के अनुपात में ये मदद काफी कम है.

ये भी पढ़ें- पटना में जीना मुहाल कर रहा बाढ़ का पानी, लोग जिएं तो कैसे जिएं? खाना... कपड़ा... सबकुछ बह गया

पहले राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र सरकार अधिकारियों को भेजती थी और बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का जो आकलन किया है और कितना सही है, उसकी जांच करते थे. लेकिन, नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद से अब केंद्र सरकार क्षति आकलन के लिए पहले ही अधिकारियों को भेज देती है और अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकारों को मदद भी पहुंचाती है. बिहार सरकार ने इसलिए जल्द से जल्द केंद्रीय टीम को आकलन के लिए भेजने का आग्रह किया है. ऐसे में देखना होगा कि केंद्र सरकार की टीम कब तक बिहार आती है.

पटना: बिहार में इस साल भी बाढ़ (Flood) से हजारों करोड़ का नुकसान हुआ है. 26 जिले के 37 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित (People Affected by Flood) हुए हैं और अभी भी कई इलाकों में पानी लगा हुआ है. कई नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर हैं. बड़े पैमाने पर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. बाढ़ से ग्रामीण सड़कों से लेकर स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे तक को नुकसान पहुंचा है.

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किसानों की फसल को भी नुकसान हुआ है. बिजली विभाग, भवन निर्माण विभाग से लेकर कई विभागों को बड़ा नुकसान हुआ है. बाढ़ से रेलवे तक को नुकसान हुआ है. आम लोगों के साथ जानवर भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ऐसे तो बिहार सरकार बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कर रही है. वहीं, केंद्र से भी क्षति का आकलन करने का आग्रह किया है, जिससे बिहार को जल्दी मदद मिल सके.

देखें रिपोर्ट

बिहार में इस साल 26 जिले के लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और इस बार जून के महीने से ही बाढ़ का सामना बिहार को करना पड़ा है और अभी भी बाढ़ समाप्त हो गई है, ऐसा नहीं है. बिहार में बाढ़ से इस साल भी 200 करोड़ से अधिक पथ निर्माण विभाग की सड़कों का अब तक नुकसान हो चुका है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कई विभागों और केंद्र सरकार की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है. निजी संपत्ति को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.

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इस साल फसल को भी काफी नुकसान हुआ है और इन सबका आकलन भी हो रहा है. बिहार सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों की मदद में सीधे 150 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है, इसके अलावा राहत शिविर एनडीआरएफ चिकित्सा शिविर सहित कई तरह के कार्यों में बड़ी राशि खर्च हुई है. बिहार में बाढ़ से इस साल लाखों लोगों के साथ तीन लाख से अधिक जानवर भी प्रभावित हुए हैं, कई की तो मौत भी हो गई है.

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि बाढ़ से हुई क्षति का आकलन कर बिहार को जल्द मदद दें. ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत कुमार और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव का भी कहना है कि क्षति बड़े पैमाने पर हुई है और उसका आकलन किया जा रहा है. कुछ प्रतिवेदन भी भेजा गया है.

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पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने भी हाल ही में बैठक की थी और विभाग के अधिकारियों को क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया था. हालांकि, उससे पहले मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक में सभी जिलों के डीएम को क्षति का आकलन करने का निर्देश दिया था. बिहार सरकार की ओर से भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है और जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, लेकिन पिछला रिकार्ड बताता है कि बिहार ने जितनी राशि की मांग की है, अब तक कभी भी बिहार को उतनी मदद नहीं मिली है.

ऐसे में बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि बिहार सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर संभव सहायता पहुंचा रही है और केंद्र सरकार भी बिहार को बाढ़ से हुई क्षति में हरसंभव मदद करेगी. बिहार में ऐसे तो हर साल बाढ़ आती है और हजारों करोड़ का नुकसान होता है.

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बिहार में बाढ़ से साल 2007 में 17059 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2008 में 14800 करोड़, 2016 में 4112 करोड़, 2017 में 7636 करोड़, 2019 में 4500 करोड़, 2020 में 3328 करोड़ का नुकसान हुआ था. 2017 में केंद्र से 1700 करोड़ की मदद मिली थी. 2019 में करीब 1000 करोड़ की आर्थिक सहायता केंद्र से मिली थी और 2020 में केंद्र सरकार से 1255 करोड़ की मदद मिली थी.

विशेषज्ञ बाढ़ से हुए नुकसान का आंकड़ा 20 हजार करोड़ के आसपास बता रहे हैं. बिहार की प्रमुख विरोधी दलों की ओर से आरोप भी लगता रहा है कि डबल इंजन की सरकार में भी बिहार को जितनी मदद मिलनी चाहिए, उतनी मदद नहीं मिल पाती है. वैसे कांग्रेस के जमाने में भी बिहार को मदद बहुत ज्यादा मिलती रही हो, ऐसा नहीं था. हाल के कुछ सालों में केंद्र से मदद कुछ जरूर बढ़ी है, लेकिन अभी भी नुकसान के अनुपात में ये मदद काफी कम है.

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पहले राज्य सरकार की रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र सरकार अधिकारियों को भेजती थी और बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान का जो आकलन किया है और कितना सही है, उसकी जांच करते थे. लेकिन, नरेंद्र मोदी सरकार के केंद्र में आने के बाद से अब केंद्र सरकार क्षति आकलन के लिए पहले ही अधिकारियों को भेज देती है और अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकारों को मदद भी पहुंचाती है. बिहार सरकार ने इसलिए जल्द से जल्द केंद्रीय टीम को आकलन के लिए भेजने का आग्रह किया है. ऐसे में देखना होगा कि केंद्र सरकार की टीम कब तक बिहार आती है.

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