पटना: बिहार की जनता एक ही समय में बाढ़ और सुखाड़ जैसी विभीषिका झेलने को मजबूर रहती है. ये सिलसिला दशकों से बदस्तूर जारी है. केंद्रीय समीक्षा की टीम एक बार फिर बिहार में बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन करने पहुंची है. टीम ने गंगा के किनारे बसे शहर भागलपुर, मुंगेर और कटिहार का निरीक्षण किया.
ये समीक्षा दौरा तीसरी बार केंद्रीय टीम की ओर से की गई है. ऐसे में ये सवाल उठने लगा है कि आखिर केंद्रीय टीम को तीसरी बार क्षति का आंकलन करने क्यों आना पड़ा? हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने इस सवाल को सुनते ही चुप्पी साध ली.
केंद्रीय टीम ने गंगा किनारे बसे इलाकों की समीक्षा की
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एम रामचंद्र टुडू ने बताया कि केंद्रीय टीम ने गंगा किनारे बसे कई इलाकों की समीक्षा की. टीम ने बाढ़ से हुई क्षति का बारीकी से मुआयना कर रिपोर्ट बनाई है. ये रिपोर्ट पहले केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी. वहीं, विभाग के अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही भारत सरकार की ओर से बिहार को बाढ़ से हुई क्षति की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.
केंद्र ने सहायता के रूप में भेजा 400 करोड़
बता दें कि पहले भारत सरकार की ओर से बिहार को बाढ़ के कारण हुई क्षति के लिए सहायता राशि के रूप में 400 करोड़ रुपये भेजे गए थे. लेकिन जुलाई महीने में आपदा विभाग ने भारत सरकार को 2700 करोड़ की क्षति के आंकलन की रिपोर्ट भेजी. इसके बाद सितंबर महीने में केंद्र सरकार को बिहार में आपदा के कारण हुए क्षति के लिए 1596 करोड़ रुपये की रिपोर्ट भेजी गई.