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तीसरी बार बाढ़ से क्षति का आंकलन करने पहुंची केंद्रीय टीम, मोदी सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

पहले भारत सरकार की ओर से बिहार को बाढ़ के कारण हुई क्षति के लिए सहायता राशि के रूप में 400 करोड़ रुपये भेजे गए थे. लेकिन जुलाई महीने में आपदा विभाग ने भारत सरकार को 2700 करोड़ की क्षति के आंकलन की रिपोर्ट भेजी.

पटना
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Published : Jan 16, 2020, 6:12 PM IST

पटना: बिहार की जनता एक ही समय में बाढ़ और सुखाड़ जैसी विभीषिका झेलने को मजबूर रहती है. ये सिलसिला दशकों से बदस्तूर जारी है. केंद्रीय समीक्षा की टीम एक बार फिर बिहार में बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन करने पहुंची है. टीम ने गंगा के किनारे बसे शहर भागलपुर, मुंगेर और कटिहार का निरीक्षण किया.

ये समीक्षा दौरा तीसरी बार केंद्रीय टीम की ओर से की गई है. ऐसे में ये सवाल उठने लगा है कि आखिर केंद्रीय टीम को तीसरी बार क्षति का आंकलन करने क्यों आना पड़ा? हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने इस सवाल को सुनते ही चुप्पी साध ली.

पटना
जांच टीम के सदस्य

केंद्रीय टीम ने गंगा किनारे बसे इलाकों की समीक्षा की
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एम रामचंद्र टुडू ने बताया कि केंद्रीय टीम ने गंगा किनारे बसे कई इलाकों की समीक्षा की. टीम ने बाढ़ से हुई क्षति का बारीकी से मुआयना कर रिपोर्ट बनाई है. ये रिपोर्ट पहले केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी. वहीं, विभाग के अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही भारत सरकार की ओर से बिहार को बाढ़ से हुई क्षति की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

केंद्र ने सहायता के रूप में भेजा 400 करोड़
बता दें कि पहले भारत सरकार की ओर से बिहार को बाढ़ के कारण हुई क्षति के लिए सहायता राशि के रूप में 400 करोड़ रुपये भेजे गए थे. लेकिन जुलाई महीने में आपदा विभाग ने भारत सरकार को 2700 करोड़ की क्षति के आंकलन की रिपोर्ट भेजी. इसके बाद सितंबर महीने में केंद्र सरकार को बिहार में आपदा के कारण हुए क्षति के लिए 1596 करोड़ रुपये की रिपोर्ट भेजी गई.

पटना: बिहार की जनता एक ही समय में बाढ़ और सुखाड़ जैसी विभीषिका झेलने को मजबूर रहती है. ये सिलसिला दशकों से बदस्तूर जारी है. केंद्रीय समीक्षा की टीम एक बार फिर बिहार में बाढ़ से हुई क्षति का आंकलन करने पहुंची है. टीम ने गंगा के किनारे बसे शहर भागलपुर, मुंगेर और कटिहार का निरीक्षण किया.

ये समीक्षा दौरा तीसरी बार केंद्रीय टीम की ओर से की गई है. ऐसे में ये सवाल उठने लगा है कि आखिर केंद्रीय टीम को तीसरी बार क्षति का आंकलन करने क्यों आना पड़ा? हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने इस सवाल को सुनते ही चुप्पी साध ली.

पटना
जांच टीम के सदस्य

केंद्रीय टीम ने गंगा किनारे बसे इलाकों की समीक्षा की
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव एम रामचंद्र टुडू ने बताया कि केंद्रीय टीम ने गंगा किनारे बसे कई इलाकों की समीक्षा की. टीम ने बाढ़ से हुई क्षति का बारीकी से मुआयना कर रिपोर्ट बनाई है. ये रिपोर्ट पहले केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी. वहीं, विभाग के अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही भारत सरकार की ओर से बिहार को बाढ़ से हुई क्षति की राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.

पेश है रिपोर्ट

केंद्र ने सहायता के रूप में भेजा 400 करोड़
बता दें कि पहले भारत सरकार की ओर से बिहार को बाढ़ के कारण हुई क्षति के लिए सहायता राशि के रूप में 400 करोड़ रुपये भेजे गए थे. लेकिन जुलाई महीने में आपदा विभाग ने भारत सरकार को 2700 करोड़ की क्षति के आंकलन की रिपोर्ट भेजी. इसके बाद सितंबर महीने में केंद्र सरकार को बिहार में आपदा के कारण हुए क्षति के लिए 1596 करोड़ रुपये की रिपोर्ट भेजी गई.

Intro:बिहार की जनता एक ही बार में बाढ़ और सुखाड़ जैसे विभीषिका झेलने को मजबूर है। और यह सिलसिला दशकों से बदस्तूर जारी है। एक बार फिर केंद्रीय समीक्षा टीम बिहार में बाढ़ से हुई क्षति की आकलन करने पहुंची। इस बार या टीम गंगा के किनारे बसे शहर भागलपुर मुंगेर और कटिहार का समीक्षा किया। यह समीक्षा दौरा तीसरी बार केंद्र सरकार की टीम के द्वारा किया गया। सवाल यह है कि आखिर केंद्रीय टीम को तीसरी बार बार क्षति का आकलन करने क्यों आना पड़ा ? हालांकि अधिकारी इस सवाल को सुनते ही चुप्पी लगा गये।


Body:आप धागा के सचिव एम रामचंद्र टुडू ने बताया कि केंद्रीय टीम गंगा किनारे बसे कई इलाकों का समीक्षा किया। टीम ने बाढ़ से हुई क्षति का बारीकी से मुआयना कर रिपोर्ट बनाया है। रिपोर्ट को पहले केंद्र सरकार में सौंपा जाएगा। आबकारी विभाग के अधिकारी को उम्मीद है कि जल्द ही भारत सरकार बिहार को बाहर क्षति का राशि उपलब्ध कराएगी। इसके पूर्व भारत सरकार ने बिहार को 400 करोड़ रुपए भेज दिया है।
जुलाई माह में आपदा विभाग ने भारत सरकार 2700 करोड़ का क्षति आकलन का रिपोर्ट भेजा था।
इसके बाद सितंबर महीने में 1596 करोड़ की की क्षति बाढ़ से हुई है इसकी भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को बिहार में भेज दी है।



Conclusion:गौरतलब है कि दुर्गा पूजा के वक्त जब पूरा पटना जलमग्न हो गया था उस उस समय भी केंद्रीय टीम बिहार के दौरे पर आई थी। इसके पूर्व जुलाई माह में भी एक बार केंद्रीय टीम ने बाढ़ के लाखों का समीक्षा किया था।
सवाल यह है कि आखिर किन सरकार बिहार के बार क्षति का आकलन करने बार-बार केंद्रीय टीम क्यों भेज रही है ?
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