पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं. अब इस बारे में फैसला प्रधानमंत्री को लेना है. लेकिन उससे पहले जातीय जनगणना को लेकर प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने जातीय जनगणना को लेकर ट्वीट किया है.
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जो भी जनगणना हो वह समाज हित के लिए हो राजनैतिक हित के लिए नहीं. बीजेपी नेता जातीय जनगणना को लेकर बयानबाजी से बचते रहते हैं. इस मुद्दे पर कोई भी खुलकर कुछ नहीं बोल रहा था. लेकिन प्रधानमंत्री से शिष्टमंडल के मुलाकात के बाद से बीजेपी भी जातीय जनगणना पर अपनी राय दे रही है. माना जा रहा है कि जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी की रणनीति में आने वाले वक्त में बदलाव देखने को मिल सकता है.
गौरतलब है कि जातीय जनगणना का मुद्दा गरमाता जा रहा है. बिहार सरकार के मंत्री जातीय जनगणना को लेकर हामी भर रहे हैं. जहां एक तरफ जदयू और आरजेडी जातीय जनगणना पर माइलेज लेना चाहती है तो वहीं अब बीजेपी के मंत्री भी जातीय जनगणना पर खुलकर सामने आने लगे हैं.
आपको बताएं कि पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, 'प्रधानमंत्री ने हमारी पूरी बात सुनी. सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है. उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें.'
वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा था, 'हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा. उन्होंने बहुत गंभीरता से हमारी बात सुनी है इसलिए हमें लगता है कि जल्दी ही कोई निर्णय होगा.'
जातीय जनगणना पर काफी मुखर रहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात गंभीरता से सुनी है, अब हम लोगों को उनके निर्णय का इंतजार है. उम्मीद है कि देश और बिहार के हित में पीएम मोदी फैसला लेंगे.'
पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सभी पार्टियों में आस जगी है कि जातीय जनगणना कराने को लेकर कुछ सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं. ऐसे में जेडीयू, आरजेडी सहित अन्य पार्टियां इसका क्रेडिट लेने की भी कोशिश कर सकती हैं. इसे भांपते हुए बीजेपी के सुर भी अब बदल गए हैं.
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