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सुशासन से सवाल : क्यों बार-बार 'चमकी' से हार रही है नीतीश सरकार?

केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बता दें कि एईएस रहस्यमयी बीमारी के कारणों का उद्भेदन नहीं किया जा सका है.

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Published : Jun 18, 2019, 12:03 AM IST

पटना: बिहार के मुज्जफरपुर में एईएस से कई बच्चों की मौत हो गयी है. वहीं, काफी बच्चों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में एईएस को लेकर बैठक हुई.

एईएस पर हुई बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मौजूद थे. बैठक के बाद अश्विनी चौबे ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय से लगातार सम्पर्क में है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे

चौबे ने कहा कि हर संभव सहायता हम लोग कर रहे हैं, पूरे मामले पर पैनी नजर हम लोग बनाये हुए हैं. स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं. केन्द्र और बिहार सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, डॉक्टर की टीम तैयार है.

लीची की चर्चा...
गौरतलब है कि इससे पहले कई बार इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर लीची चर्चा में रही है. कहा जा रहा है कि लीची उत्पादन वाले क्षेत्रों में इस बीमारी का प्रकोप ज्यादा रहता है.

गर्मियों में प्रसार
गर्मी के मौसम में बच्चों को होने वाली इस बीमारी की मुख्य वजह तापमान में परिवर्तन भी माना जा रहा है. लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस पुष्टी नहीं की जा सकी है. बता दें कि इन दिनों बिहार में प्रचंड गर्मी पड़ रही है.

central government and bihar government on acute encephalitis syndrome in muzaffarpur
कुछ ऐसा दिखता है बच्चों का शरीर

क्या ये कुपोषण हैं?
जी हां, ये भी एक बड़ा सवाल निकलकर सामने आ रहा है. बच्चों के शरीर को देखकर कुपोषण का जिक्र होना लाजमी सा होता है. अकड़ता शरीर, दिखती हड्डियां, मानो कुपोषण की वजह से बच्चे दम तोड़ रहे हो. सरकार तो 2014 से ही इस रहस्यमयी बीमारी के शोध के लिए रिसर्च सेंटर बनाने की बात कर चुकी है. लेकिन आज भी हालात ज्यों के त्यों हैं. देखना होगा कि इस बीमारी से बिहार कैसे लड़ता है और आगे ऐसे हालात ना आए इस पर किस तरह एक्शन लेता है.

पटना: बिहार के मुज्जफरपुर में एईएस से कई बच्चों की मौत हो गयी है. वहीं, काफी बच्चों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में एईएस को लेकर बैठक हुई.

एईएस पर हुई बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मौजूद थे. बैठक के बाद अश्विनी चौबे ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय से लगातार सम्पर्क में है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे

चौबे ने कहा कि हर संभव सहायता हम लोग कर रहे हैं, पूरे मामले पर पैनी नजर हम लोग बनाये हुए हैं. स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं. केन्द्र और बिहार सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, डॉक्टर की टीम तैयार है.

लीची की चर्चा...
गौरतलब है कि इससे पहले कई बार इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर लीची चर्चा में रही है. कहा जा रहा है कि लीची उत्पादन वाले क्षेत्रों में इस बीमारी का प्रकोप ज्यादा रहता है.

गर्मियों में प्रसार
गर्मी के मौसम में बच्चों को होने वाली इस बीमारी की मुख्य वजह तापमान में परिवर्तन भी माना जा रहा है. लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस पुष्टी नहीं की जा सकी है. बता दें कि इन दिनों बिहार में प्रचंड गर्मी पड़ रही है.

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कुछ ऐसा दिखता है बच्चों का शरीर

क्या ये कुपोषण हैं?
जी हां, ये भी एक बड़ा सवाल निकलकर सामने आ रहा है. बच्चों के शरीर को देखकर कुपोषण का जिक्र होना लाजमी सा होता है. अकड़ता शरीर, दिखती हड्डियां, मानो कुपोषण की वजह से बच्चे दम तोड़ रहे हो. सरकार तो 2014 से ही इस रहस्यमयी बीमारी के शोध के लिए रिसर्च सेंटर बनाने की बात कर चुकी है. लेकिन आज भी हालात ज्यों के त्यों हैं. देखना होगा कि इस बीमारी से बिहार कैसे लड़ता है और आगे ऐसे हालात ना आए इस पर किस तरह एक्शन लेता है.

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