पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए मुम्बई के लिए रवाना हो गए हैं. रवानगी से पहले पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव और लालू यादव ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने जातीय गणना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा हलफनामा दायर करने और फिर उसे वापस लेने को लेकर सवाल किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा सवाल है कि आखिर एफिडेविट किया ही क्यों गया था?
तेजस्वी यादव का मोदी सरकार पर हमला: तेजस्वी यादव ने विपक्षी एकता को लेकर बयान देते हुए कहा कि पहले लोग विपक्ष साथ में बैठेंगे या नहीं इसको लेकर कल्पना करते थे लेकिन दो बैठकें भी हो गईं. तेजस्वी यादव ने कहा कि मुंबई में होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए हम जा रहे हैं. बिहार ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि जनता पूरी तरह से विपक्षी गठबंधन के साथ है.
"अगर सामाजिक आर्थिक डेटा कलेक्ट कर रहे हैं, ईबीसी के लोगों का पता चलेगा. तभी तो योजनाओं का लाभ इन तक पहुंच पाएगा. आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के हकीकत का पता चलेगा, उनको डायरेक्ट फायदा होगा तो बीजेपी को किस बात का डर है. रात भर के अंदर एफिडेविट बदल गया. सवाल है कि आखिर एफिडेविट किया क्यों गया? हम तो पहले से ही कह रहे थे कि सेंसस का अधिकार भारत सरकार को है. हमलोग कास्ट बेस्ड सर्वे करा रहे हैं. भारत सरकार को इतनी दिक्कत है तो संविधान में संशोधन करके राज्य सरकारों को सेंसस कराने का अधिकार दे दें." - तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
डरी हुई है बीजेपी: गुजरातियों को ठग कहने पर अहमदाबाद कोर्ट से समन मिलने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि जो होगा उसका जवाब दिया जाएगा. कोर्ट के मामले में कोर्ट में हम जवाब देंगे. सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट के मामले में बीजेपी का असली चेहरा देश के सामने आ गया है. रात भर में हलफनामा बदल दिया जाता है. इससे साफ पता चलता है कि बीजेपी डरी हुई है और कभी भी नहीं चाहती थी कि बिहार में जाति आधारित जनगणना यानी कि कास्ट बेस्ड सर्वे हो.