पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की बरखी में तमाम दलों के नेता शरीक हुए थे, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने खुद को कार्यक्रम से दूर रखा था. अब इसको लेकर एलजेपी ने नई किस्म की सियासत शुरू कर दी है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) की मौजूदगी में नेताओं ने सीएम के नहीं आने की निंदा की.
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एलजेपी की बैठक में पार्टी नेता रेणु कुशवाहा (LJP Leader Renu Kushwaha) ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव (Censure Motion) पेश किया. जिसका हुलाश पांडे और पूर्व विधायक राजू तिवारी ने समर्थन किया. इस दौरान वहां मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.
चिराग पासवान की मौजूदगी में रेणु कुशवाहा ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि पद्मभूषण स्वर्गीय रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देने के लिए बिहार के तमाम दलों के नेता पहुंचे थे, राज्य के बाहर से भी आकर लोगों ने हमारे नेता को श्रद्धांजलि दी, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक विरोध के कारण ऐसे मौके पर भी नहीं आए. उन्होंने कहा कि सीएम ने ऐसा कर गलत परंपरा की शुरुआत की है, लिहाजा हम सभी कार्यकर्ता उनके इस कदम की निंदा करते हैं.
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वहीं, एलजेपी के प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने जो किया है, वह बहुत निंदनीय है. स्वर्गीय राम विलास पासवान पद्मभूषण प्राप्त हैं. देश के तमाम बड़े नेता यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी उनके लिए अपनी भावना व्यक्त की, लेकिन एलजेपी और चिराग पासवान से द्वेष के कारण सीएम स्वर्गीय रामविलास पासवान की बरखी में शामिल नहीं हुए.
आपको बताएं कि न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और न ही जेडीयू के किसी बड़े नेता ने रामविलास पासवान की श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की. हालांकि सीएम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पासवान को अपनी ओर से श्रद्धांजलि जरूर व्यक्त की थी. नीतीश के नहीं आने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें आकर अपना शिष्टाचार दिखाना चाहिए था.